मैनेजर को कहीं महंगा न पड़ जाये पुराने दस्तावेज दिखाने में टालमटोल करना

एसएसपी ने बैंक ऑफ बड़ौदा के मैनेजर से की पूछताछ, कहा, पुराने दस्तावेज जल्द से जल्द ढूंढ़ कर बतायें भागलपुर : पुराने दस्तावेज को दिखाने में टालमटोल करना बैंक ऑफ बड़ौदा के वर्तमान मैनेजर को महंगा पड़ सकता है. करोड़ों के सृजन घोटाले को लेकर शनिवार को एसएसपी मनोज कुमार चौधरी जब शाखा प्रबंधक से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 13, 2017 5:55 AM

एसएसपी ने बैंक ऑफ बड़ौदा के मैनेजर से की पूछताछ, कहा, पुराने दस्तावेज जल्द से जल्द ढूंढ़ कर बतायें

भागलपुर : पुराने दस्तावेज को दिखाने में टालमटोल करना बैंक ऑफ बड़ौदा के वर्तमान मैनेजर को महंगा पड़ सकता है. करोड़ों के सृजन घोटाले को लेकर शनिवार को एसएसपी मनोज कुमार चौधरी जब शाखा प्रबंधक से पूछताछ करने बैंक ऑफ बड़ौदा की मुख्य शाखा पहुंचे और उनसे ट्रांजेक्शन से संबंधित पुराने दस्तावेज की मांग की, तो उनकी ओर से कुछ दिखाया गया, तो कुछ को दिखाने में असमर्थता जतायी गयी. इस पर एसएसपी ने जल्द से जल्द ढूंढ़ कर रिपोर्ट करने को कहा.
शनिवार को बैंक बंदी के बाद भी उन्हें ब्रांच विजिट करने की सूचना मिली. इस पर ब्रांच मैनेजर नवीन कुमार साहा रोजाना की तरह बैंक खुलने के समय पर पहुंच गये. भागलपुर के एसएसपी मनोज कुमार ने लगभग सवा घंटे तक ब्रांच मैनेजर से पूछताछ की. इस दौरान उन्होंने साल 2014 से 2016 तक होनेवाले सरकारी खातों से होने वाले हाइलेवल ट्रांजेक्शन का वाउचर मांगा. मैनेजर श्री साहा की ओर से कुछ वाउचर दिखाये गये, तो कुछ दिखाने में उन्होंने असमर्थता जतायी.
एसएसपी ने ट्रांजेक्शन के प्रशासनिक आदेश सहित कई कागजात को दिखाने का उनपर दबाव बनाया. इस पर मैनेजर का कहना रहा अभी हम नये हैं. ट्रांजेक्शन से जुड़े पुराने कागजात को ढूंढ़ा जा रहा है. इसमें उन्हें अभी वक्त लगेगा. एसएसपी ने उन्हें जल्द से जल्द वाउचर ढूंढ़ कर रिपोर्ट करने को कहा है. एसएसपी ने बैंक ऑफ बड़ौदा के जीएम डीबी मुखोपाध्याय से भी पूछताछ की.
एफआइआर हो जाने दीजिए, फिर बतायेंगे : एसएसपी
इधर, मैनेजर से पूछताछ के बाद एसएसपी मनोज कुमार ने पत्रकारों से कहा कि घोटाले से जुड़े इस कड़ी में कौन-कौन दोषी है, इसकी तहकीकात जारी है और इस सिलसिले में ही बैंक आये हैं. यहां आने से पहले डीएम से भी सहयोग मांगने गये थे. उन्होंने बताया कि घोटाले से जुड़े छह व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया है. सिविल सर्जन के मामले में उन्होंने कहा कि एफआइआर आने के बाद कुछ बता सकेंगे. उन्होंने बताया कि दो और एफआइआर हुए हैं. ब्रांच मैनेजर ने बैंक के कई स्टाफ को भी बुला रखा था, ताकि बैंक की इंटरनल व पुलिस प्रशासन की जांच में वह उन्हें सहयोग कर सके. बैंक बंदी के बावजूद मैनेजर रोजाना की तरह शनिवार को निर्धारित समय से बैंक खोल कर पुराने दस्तावेज का खोजबीन करते रहे.
बैंक ऑफ बडौदा के मैनेजर बोले
बैंक ऑफ बडौदा के मैनेजर नवीन कुमार साहा ने बताया कि जिला प्रशासन हरेक माह ट्रांजेक्शन की रिपोर्ट लेता था. यह तो उन्हें जांच करना चाहिए था. मान लीजिए हमसे गलती हो गयी. वह जो रिपोर्ट ले जा रहे थे, तो उन्होंने क्यों नहीं उस पर सवाल उठाया. गलती प्रशासनिक अधिकारियों की तरफ से है. हाइलेवल ट्रांजेक्शन अगर लगातार हो रहा है, तो इस पर संदेह करना मुमकिन नहीं है कि फर्जीवाड़ा हो ही सकता है.

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