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सृजन घोटाला 600 करोड़ के पार

भागलपुर : सृजन महिला विकास सहयोग समिति और बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी राशि का घोटाला अब तक 600 करोड़ को पार कर चुका है. इस मामले में शुक्रवार को गिरफ्तार सात आरोपित लोगों को कोर्ट ने शनिवार को जेल भेज दिया. शनिवार को आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) के एसपी ने स्वास्थ्य विभाग जाकर […]

भागलपुर : सृजन महिला विकास सहयोग समिति और बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी राशि का घोटाला अब तक 600 करोड़ को पार कर चुका है. इस मामले में शुक्रवार को गिरफ्तार सात आरोपित लोगों को कोर्ट ने शनिवार को जेल भेज दिया. शनिवार को आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) के एसपी ने स्वास्थ्य विभाग जाकर जांच की. यहां जानकारी मिली कि वर्ष 2016 में सृजन के खाते में इस विभाग के एक करोड़ रुपये ट्रांसफर किये गये थे.

इस पर स्वास्थ्य विभाग ने भी अपने स्तर से मामले की जांच शुरू कर दी है. विभाग के दो कर्मियों और एक अधिकारी की गिरफ्तारी की चर्चा दिन भर चलती रही, लेकिन

सात आरोपितों को
इसकी पुष्टि किसी पदाधिकारी ने नहीं की.
इओयू की टीम ने की पूछताछ
दूसरी ओर इस मामले में सात आरोपितों को गिरफ्तार कर एसएसपी आवास पर रखा गया था, जिसे शनिवार को कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने उन सातों आरोपितों को जेल भेज दिया. डीएम के स्टेनो प्रेम कुमार के अलावा पुलिस ने इंडियन बैंक कर्मी अजय पांडेय, फर्जी तरीके से कंप्यूटर और प्रिंटर से बैंक स्टेटमेंट निकालने और पासबुक अपडेट करने वाले बंशीधर, नाजिर राकेश यादव, नाजिर राकेश झा, सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड की वर्तमान प्रबंधक सरिता झा और सृजन के ऑडिटर एससी झा को जेल भेजा गया. इओयू की टीम ने समाहरणालय व स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों से घंटों पूछताछ की. इओयू द्वारा मामले की जांच चल ही रही है. आने वाले दिनों में इस मामले में और कई लोगों की गर्दन फंस सकती है.
सरकारी राशि की हर माह जांच कर वित्त विभाग को देनी होगी जानकारी
पटना. उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने राज्य के सभी प्रधान सचिव, सचिव, विभागाध्यक्ष, प्रमंडलीय आयुक्त व जिलाधिकारी को निर्देश दिया है कि वे अपने कार्यालय के सभी बैंक खातों का अद्यतन बैंक स्टेटमेंट प्राप्त कर रोकड़ बही से उसका मिलान करा लें. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि किसी प्रकार की गड़बड़ी पाये जाने पर दोषी व्यक्तियों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध विधि सम्मत कार्रवाई की जायेगी. सरकार ने यह कदम भागलपुर में सरकारी राशि के घोटाले के बाद उठाया है. इस संबंध में सभी विभागों को निर्देश दिया गया है. सभी डीएम को अविलंब ऐसी जांच कराकर प्रमाण पत्र जल्द ही मुख्यालय को भेजने का आदेश दिया गया है.
साथ ही भविष्य में बैंक खातों में जमा सरकारी राशि की शुद्धता की जांच नियमित रूप से प्रत्येक माह कराकर वित्त विभाग को सूचित करने की सलाह दी गयी है. भागलपुर में हुए घोटाले में अभी तक प्रारभिंक जांच में 302.70 करोड़ की राशि के गबन के आधार पर तीन प्राथमिकी दर्ज की गयी है. जांच के क्रम में यह बात सामने आया है कि बैंक अधिकारियों, सृजन एवं सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से जाली हस्ताक्षर, जाली बैंक स्टेटमेंट के आधार पर अवैध रूप से रुपये की निकासी की जा रही थी.
नया खुलासा
स्वास्थ्य विभाग के खाते से 2016 में सृजन के खाते में हुए थे एक करोड़ ट्रांसफर
कार्रवाई की तलवार बैंक के अधिकारियों पर लटकी
गिरफ्तार आरोपितों को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल ले जाती पुलिस.

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