भागलपुर : कोसी व सीमांचल में बाढ़ ने फिर तबाही मचायी. सबसे अधिक क्षति अररिया व किशनगंज जिले में हुई है. जिला मुख्यालय की सड़कों पर घुटने तक पानी है. लोग घर की छत पर शरण लिये हुए हैं. बिजली व इंटरनेट सेवा बाधित है. शहर हो या गांव, सब जगह का एक ही हाल है. फारबिसगंज व किशनगंज स्टेशन में पानी घुस जाने से रेल सेवा बाधित है. कई महत्वपूर्ण ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है. अररिया में पांच लोगों की मौत हो गयी, जबकि अररिया व पूर्णिया में छह लोग बाढ़ के पानी में बह गये, जो अब तक लापता हैं. किशनगंज में स्टेशन व एनएच 31 पर पानी बहने से सात राज्यों का संपर्क देश के अन्य हिस्सों से भंग हो गया है. सुपौल में दीवार के नीचे दबने से दो लोगों की मौत हो गयी.
अररिया में बाढ़ की भीषण स्थिति गंभीर हो गयी है. परमान नदी में आये उफान से पूरा शहर जलमग्न हो गया है. अररिया-बहादुरगंज सड़क दो स्थानों पर कट गयी है. इस कटान के समय पार कर रहे तीन बच्चे व एक महिला पानी में बह गये. इसमें तीन लोगों की मौत हो गयी. जबकि एक की जान बच गयी है. इधर कुर्साकांटा प्रखंड में दो लोगों के बाढ़ में बह जाने की खबर है. जोकीहाट से पूरब सड़क के कटने से चार लोग इसमें बह गये. इसमें तीन अभी भी लापता हैं. जबकि एक की जान बचा ली गयी.
किशनगंज शहर के सभी वार्डों में बाढ़ का पानी घुस गया है. रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड पूरी तरह जलमग्न है. एनएच-31 पर कमर भर बाढ़ का पानी बढ़ रहा है. एमजीएम मेडिकल कॉलेज में बाढ़ का पानी घुस गया है. ग्रामीण इलाके की स्थिति तो और भी गंभीर है. लोग उंचे स्थानों पर शरण लिये हुए हैं. अहले सुबह पानी प्रवेश करने से लोग जरूरत के सामान की खरीदारी भी नहीं कर सके. एनएच 31 व रेलवे ट्रैक पर पानी भर जाने से नॉर्थ इस्ट के सात राज्यों का सपंर्क देश के अन्य हिस्सों से भंग हो गया है. कई महत्वपूर्ण ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया गया है. एनएच 327 इ पर भी आवागमन बाधित है.
मधेपुरा के सिंहेश्वर, घैलाढ़, कुमारखंड, शंकरपुर प्रखंड पानी से घिरे हैं. नेपाल के पहाड़ी तथा कोसी के जलग्रहण क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से प्रखंड में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. लोगों को बाढ़ 2008 का भय एक बार फिर सताने लगा है. जानकारी के अनुसार शुक्रवार की रात से लगातार हो रही बारिश से प्रखंड क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. खेतों में लगे धान के फसल समेत बिचड़े डूब गये हैं तो वहीं निचले इलाके में बसे करीब दो हजार परिवारों के घरों में पानी प्रवेश कर गया है. सिंहेश्वर में नहर टूटने से बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गयी.
पूर्णिया में गुरुवार की देर रात से जारी लगातार बारिश के बाद जिले के बायसी अनुमंडल क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति काफी गंभीर हो गयी है. क्षेत्र में स्थित महानंदा, परमान, कनकई समेत सभी नदियां उफान पर है और अनुमंडल क्षेत्र के अधिकांश गांव बाढ़ से प्रभावित हैं. अनुमान के तौर पर पांच लाख से अधिक आबादी बाढ़ के कहर से प्रभावित हुई है. बड़ी संख्या में लोग अपने घरों में फंसे हुए हैं तो कुछ लोग सुरक्षित राहत शिविर तक पहुंच चुके हैं. जो लोग गांव में फंसे हुए हैं, उनकी स्थिति काफी खराब है और अब वे दाने-दाने के लिए मोहताज होने के कगार पर पहुंच चुके हैं. सड़क संपर्क पूरी तरह समाप्त हो चुका है. वहीं राहत के नाम पर अब तक एक छटांक अनाज भी लोगों को नसीब नहीं हुआ है. हालांकि जिला मुख्यालय में राहत के लिए खाद्य सामग्री तैयार करने की कवायद रविवार से आरंभ कर दी गयी है. वहीं प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार बचाव कार्य के लिए एसडीआरएफ की टीम लगायी गयी है और मेडिकल टीम भी प्रभावित इलाके में भेज दी गयी है. मिली सूचना अनुसार बाढ़ की चपेट में आने से दो बच्चे की मौत हुई है, जबकि एक बच्चे की सर्पदंश से मौत हुई है. रविवार को भी लगातार बारिश के बाद स्थिति बिगड़ती जा रही है. वहीं बिगड़ती स्थिति की तुलना में राहत और बचाव कार्य नाकाफी साबित हो रहे हैं. दूरसंचार व्यवस्था पूरी तरह ठप पड़ गयी है और लोग सुरक्षित स्थान की तलाश में चाहते हुए भी आवागमन के साधन के अभाव में पलायन नहीं कर पा रहे हैं.
सुपौल के निर्मली अनुमंडल में तटबंध के भीतर बहने वाली कोसी की सहायक नदी तिलयुगा व बिहुल नदी प्रखंड के दर्जनों गांवों को अपनी चपेट में ले लिया है. बढ़ते जलस्तर के कारण उफनाई इन दोनों नदी का पानी निर्मली के रिंग बांध पर बना स्लुइस गेट अनुमंडल मुख्यालय में प्रवेश करने लगा है. तिलयुगा नदी का पानी नगर के वार्ड नंबर 01, 02, 06, 07 व 11 सहित नगर के मुख्य सड़क को भी अपने चपेट में ले लिया. तिलयुगा नदी का पानी नगर में प्रवेश करने से नगरवासियों में दहशत का माहौल व्याप्त है. बाढ़ के कारण प्रखंड क्षेत्र के जरौली, हरियाही, इस्लामपुर, महुआ, सहित दर्जनो गांव का संपर्क मुख्य बाजार निर्मली से पूरी तरह टूट चुका है. किसनपुर के पीरगंज के पास भेलवा सुरक्षा बांध के टूट जाने से लोग दहशत में हैं.