प्री मेच्योर नवजातों को होती है मानसिक बीमारी : डॉ मंजू

भागलपुर : प्रसिद्ध स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ मंजू गीता मिश्रा ने कहा कि सात माह के अंदर प्रसव के बाद जन्मे नवजात को मानसिक बीमारी होने की आशंका बहुत ज्यादा होती है. डॉ मिश्रा, फॉग्सी भागलपुर द्वारा एक होटल में आयोजित एक सेमिनार को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रही थी. उन्होंने कहा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 21, 2017 10:49 AM
भागलपुर : प्रसिद्ध स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ मंजू गीता मिश्रा ने कहा कि सात माह के अंदर प्रसव के बाद जन्मे नवजात को मानसिक बीमारी होने की आशंका बहुत ज्यादा होती है.
डॉ मिश्रा, फॉग्सी भागलपुर द्वारा एक होटल में आयोजित एक सेमिनार को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रही थी. उन्होंने कहा कि सात के अंदर प्रसव (प्री मेच्योर डिलेवरी) का मुख्य कारण गर्भवती द्वारा पौष्टिक आहार का न लेना है. इसके अलावा तीन-चार डिलिवरी के बाद बच्चेदानी का साइज बड़ा होने पर भी प्री मेच्योर डिलिवरी हो जाती है. अगर समय-समय पर चिकित्सक से जांच कराते हुए गर्भवती अपने सेहत पर ध्यान दें, तो उसे प्री मेच्योर डिलिवरी होने की आशंका बहुत कम हो जाती है.
मौके पर स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ शांति एचके सिंह ने कहा कि महिलाओं में खून की कमी, बीपी बढ़ने व पोषक तत्वों की कमी के चलते भी गर्भवती महिलाओं में प्री मेच्योर डिलिवरी होती है. एक हजार गर्भवती महिलाओं में पांच से सात प्रतिशत इनकी संख्या होती है. इस दाैरान पैनल डिस्कशन के तहत तीन सवाल पूछे गये, जिसका जवाब डॉ रोमा यादव ने दिया. इस दौरान डॉ अर्चना झा, डॉ अनुपमा सिन्हा, डॉ प्रतिभा सिंह, डॉ लीना नायर, डॉ वसुंधरा लाल आदि मौजूद रही.

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