profilePicture

20 अगस्त को “83.10 करोड़ की गड़बड़ी की पहली प्राथमिकी

भागलपुर : सृजन महिला विकास सहयोग समिति, बैंकों और सरकारी विभागों के अधिकारी और कर्मियों की मिलीभगत से सरकारी राशि के गबन मामले में सीबीआइ द्वारा भागलपुर में दर्ज किये गये सभी नौ केस का प्रभार लेने के बाद सीबीआइ ने अपना काम शुरू कर दिया है. सीबीआइ की टीम ने दस्तावेजों का मिलान करने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 31, 2017 6:23 AM

भागलपुर : सृजन महिला विकास सहयोग समिति, बैंकों और सरकारी विभागों के अधिकारी और कर्मियों की मिलीभगत से सरकारी राशि के गबन मामले में सीबीआइ द्वारा भागलपुर में दर्ज किये गये सभी नौ केस का प्रभार लेने के बाद सीबीआइ ने अपना काम शुरू कर दिया है. सीबीआइ की टीम ने दस्तावेजों का मिलान करने और इस घोटाले से जुड़े लोगों की पहचान करने का काम शरू कर दिया है. एएसपी एस मलिक के नेतृत्व में सीबीआइ की टीम कोर्ट गयी और वहां से निकलने के बाद वे इंडियन बैंक गये.

इंडियन बैंक से निकलने के बाद टीम बैंक ऑफ बड़ौदा पहुंची. सूत्रों की मानें तो सीबीआइ की टीम ने बैंकों के अधिकारियों से लेकर सभी स्टाफ का नाम और फोन नंबर नोट किया है. उन्होंने बैंक से सहयोग करने को कहा और यह भी कहा कि इस मामले में जो लोग शामिल नहीं हैं उन्हें डरने की जरूरत नहीं है. भागलपुर एसएसपी मनोज कुमार ने कहा कि बुधवार को सीबीआइ के एसपी भागलपुर नहीं पहुंचे. उनके गुरुवार या शुक्रवार को भागलपुर पहुंचने की संभावना है.

विशेष अदालत में होगी सुनवाई : सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड, बैंकों और सरकारी विभागों के अधिकारी और कर्मियों की मिलीभगत करोड़ों की सरकारी राशि की अवैध तरीके से निकासी मामले की सुनवाई अब पटना
सीबीआइ की विशेष अदालत में होगी. इस कारण बुधवार को सृजन मामले के चार आरोपितों की जमानत अर्जी को जिला अदालत ने खारिज कर दिया. सीबीआइ के एएसपी ने बुधवार को भागलपुर के सेशन जज व सीजेएम से मुलाकात की. जेल में बंद को-ऑपरेटिव बैंक के नवगछिया शाखा प्रबंधक अशोक कुमार अशोक, बांका शाखा प्रबंधक विजय कुमार गुप्ता ने नियमित जमानत की अर्जी लगायी थी. कहलगांव की शाखा प्रबंधक सुनीता चौधरी व पूर्व बैंक प्रबंधक सुधांशु दास की जमानत अर्जी पहले से विचाराधीन थी. इसे सीजेएम कोर्ट ने खारिज कर दिया.
चार आरोपितों की तबीयत फिर बिगड़ी
सृजन मामले में जेल में बंद चार आरोपितों की तबीयत फिर बिगड़ गयी है. उन्हें जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में भर्ती कराने का अदालत ने आदेश दिया. इनमें डीएम के पूर्व स्टेनो प्रेम कुमार व पूर्व नाजिर राकेश झा का हाइपर टेंशन से पीड़ित होने की बात कही गयी है. पूर्व नाजिर राकेश कुमार व फर्जी बैंक स्टेटमेंट बनाने के आरोपित बंशीधर झा की भी तबीयत खराब होने की बात कही गयी है. एक दिन पहले से अस्पताल के कैदी वार्ड में भर्ती पूर्व जिला कल्याण पदाधिकारी अरुण कुमार व बैंक ऑफ बड़ौदा के पूर्व मैनेजर एके सिंह की बुधवार को दोबारा अल्ट्रासाउंड जांच के लिए ले जाया गया, पर विलंब से पहुंचने के कारण जांच नहीं हो सकी.

Next Article

Exit mobile version