पहली बार सृजन कार्यालय पहुंची सीबीआइ

भागलपुर/सबौर : सृजन घोटाले की जांच कर रही सीबीआइ की टीम पहली बार शुक्रवार को सबौर स्थित सृजन के कार्यालय पहुंची. उससे पहले जिला प्रशासन की ओर से प्रतिनियुक्त टीम भी लगी थी, जो सीबीआइ के पहुंचते ही उसके साथ अंदर चली गयी. अंदर में सृजन क्रिएशन सहित अन्य दुकानों के शटर को खोला गया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 2, 2017 4:47 AM

भागलपुर/सबौर : सृजन घोटाले की जांच कर रही सीबीआइ की टीम पहली बार शुक्रवार को सबौर स्थित सृजन के कार्यालय पहुंची. उससे पहले जिला प्रशासन की ओर से प्रतिनियुक्त टीम भी लगी थी, जो सीबीआइ के पहुंचते ही उसके साथ अंदर चली गयी. अंदर में सृजन क्रिएशन सहित अन्य दुकानों के शटर को खोला गया और सामान की सूची बनाने का काम शुरू किया गया. उधर एडिशनल एसपी रैंक के तीन पदाधिकारियों की सीबीआइ की टीम ने सृजन कार्यालय के सेल की सहायक प्रबंधक सुनीता मिश्रा पति सुशील मिश्रा, विंदु

पहली बार सृजन…
ठाकुर पति मृगेंदु ठाकुर और महिलाओं के ग्रुप प्रबंधक उमेश सिंह से पूछताछ की. ये तीनों लोग मनोरमा देवी के बहुत ही करीबी थे और उनके सभी क्रियाकलाप से रू-ब-रू थे. सीबीआइ ने घंटों तीनों से बिंदुवार पूछताछ की और उनकी बातों को कलमबद्ध किया. सृजन पहुंचते ही सीबीआइ ने कार्यालय, शोरूम, मिनी ऑफिस, मिनी फैक्ट्री, एकाउंट, बैंक, छपाई सहित चप्पा-चप्पा छाना. सभी जगहों का नाम सहित अध्ययन किया. सीबीआइ ने घंटों दस्तावेज का भी अध्ययन किया.
इधर पिछले सप्ताह ही बनायी गयी आठ सदस्यीय टीम सृजन के सामान को सूचीबद्ध करने में लग गयी है. नाथनगर के बीसीओ जहां इसके इंचार्ज बनाये गये हैं, वहीं तीन मजिस्ट्रेट सीओ सबौर तरुण कुमार, बीसीओ सबौर सुशील कुमार व बीएओ सबौर उत्तम कुमार की भी प्रतिनियुक्ति की गयी है. मौके पर सबौर थानाध्यक्ष राजीव कुमार के अलावा दर्जन भर से ज्यादा पुलिस जवान तैनात थे. अंदर जाने की अनुमति किसी को नहीं थी.
सृजन पहुंचते ही मची खलबली :
सीबीआइ व जिला प्रशासन की टीम एक साथ जब पुलिस बल के साथ सृजन कार्यालय पहुंची, तो आसपास के लोगों में खलबली मच गयी. चारों ओर इस बात की चर्चा होने लगी. सूत्रों की मानें तो सृजन के दफ्तर में कई ऐसे राज दफन हैं, जिसे यदि खंगाला जाये तो इस घोटाले की परत दर परत खुल जायेगी. सूत्र बताते हैं कि मनोरमा देवी अपनी पसंद के भोजन से लेकर लिबास तक घर से ज्यादा दफ्तर में ही रखती थी. उनका गोपनीय से गोपनीय दस्तावेज भी दफ्तर में ही रहता था. लेकिन, वह डायरी व दस्तावेज कहां रहता था शायद किसी को पता नहीं था.
सृजन की दो महिला कर्मियों सहित तीन से हुई पूछताछ
सृजन में दफन हैं मनोरमा देवी के कई राज
कौन हैं सुनीता, विंदु व उमेश
सुनीता मिश्रा लंबे समय से सृजन के दफ्तर में काम करती हैं. मनोरमा की खास करीबियों में इनका नाम शुमार रहा है. मनोरमा देवी की सबसे विश्वासी सरिता व सुनीता ही रही हैं. फिलहाल सरिता मिश्रा जेल में हैं और सुनीता से सीबीआइ मनोरमा के हर राज तक पहुंचने के प्रयास में है. दूसरी विंदु ठाकुर की कहानी भी सुनीता जैसी ही है. ये भी मनोरमा देवी की करीबियों में रही हैं. तीसरा उमेश सिंह को सृजन संस्था का रीढ़ माना जाता था. इनकी पत्नी भी यहीं कार्यरत थी. बताया जाता है कि मनोरमा की कृपा जब इन पर बरसी तो ये भी देखते ही देखते लाखों के मालिक हो गये.

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