परेशानी: सब्जियों के चढ़े थे भाव, अब रसोई गैस, पेट्रोल व डीजल भी हुए महंगे, महंगाई की मार से आम आदमी लाचार

भागलपुर: घरेलू एलपीजी सिलिंडर की कीमताें में शुक्रवार से हुई 74.50 रुपये की वृद्धि ने रसोई के बजट को बिगाड़ दिया है. कीमतों में की गयी वृद्धि पर शहर की गृहणियों में खासा रोष है. सबने एक स्वर में कहा कि सरकार के इस फैसले से खास वर्ग पर ज्यादा नकारात्मक प्रभाव भले ही न […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 4, 2017 11:30 AM
भागलपुर: घरेलू एलपीजी सिलिंडर की कीमताें में शुक्रवार से हुई 74.50 रुपये की वृद्धि ने रसोई के बजट को बिगाड़ दिया है. कीमतों में की गयी वृद्धि पर शहर की गृहणियों में खासा रोष है. सबने एक स्वर में कहा कि सरकार के इस फैसले से खास वर्ग पर ज्यादा नकारात्मक प्रभाव भले ही न पड़े, लेकिन मध्यम व निम्नवर्गीय परिवार पर एक तरह से आर्थिक लोड पड़ा है. सरकार को इस दिशा में सकारात्मक पहल करनी चाहिए. प्रस्तुत है शहर के विभिन्न मोहल्ले में रहने वाली गृहणियों की प्रतिक्रिया.
खाना छीनने पर तुली है सरकार
हर माह रसोई गैस की कीमतों में सरकार वृद्धि कर रही है. इससे अब रसोई गैस का घरेलू बजट पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है. अब तो लगता है कि इसके बहाने सरकार मध्यम व निम्न वर्ग के लोगों का खाना छीनने पर तूली है.
कनक, आदमपुर
बंद हो जायेंगे गैस के चूल्हे
सरकार दाल-रोटी महंगी कर अब आम लोगों के घरों का चूल्हा भी बंद कराना चाहती है. अगर रसोई गैस के दाम इस तरह बढ़ते रहे, तो जल्द ही गरीबों के घर के चूल्हे बंद हो जायेंगे. आखिर सरकार को रसोई गैस पर ही नजर क्यूं है. आय बढ़ाने के लिए अन्य साधन को अमल में लाया जा सकता है.
मोनू जालान, चुनिहारी टोला
आम के प्रति सरकार की संवेदना खत्म
आम आदमी के प्रति सरकार की संवेदना खत्म हो चुकी है. युवाओं को रोजगार देने, धीमी पड़ी देश की औद्योगिक एवं विकास की रफ्तार से लोगों का ध्यान भटका कर सरकार आम आदमी को तबाह करने पर तूली है. रसोई गैस को बार-बार निशाना बना कर सरकार जाहिर कर चुकी है कि उसे मध्यमवर्गीय लोगों की कोई फिक्र नहीं है.
रूपम झा, लाल कोठी ततारपुर
टूट रही गरीबों की कमर
जनता महंगाई की आग में पहले से ही झुलस रही थी. ऐसे में अब रसोई गैस की कीमत में 74.50 रुपये की बढ़ोतरी कर महंगाई का कितना बोझ जनता पर डालना चाहती है सरकार. ऐसे में तो मध्यमवर्गीय परिवार से लेकर गरीबी रेखा से नीचे जीने वाले परिवार का क्या होगा.
साधना गुप्ता, बूढ़ानाथ चौक

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