निर्माण कार्य से लेकर इंजीनियरों की कार्यशैली पर सवाल

भागलपुर : बटेश्वर गंगा पंप नहर परियोजना, कहलगांव लगभग 38 साल बाद पूरी होकर भी उद्घाटन का बाट जोह रही है. परियोजना को पूरी करने के लिए 80 बैठकें और 828.80 करोड़ खर्च हुए हैं. उद्घाटन से पूर्व बांध का ध्वस्त हो जाना, निर्माण सामग्री की गुणवत्ता एवं पूर्व से लेकर वर्तमान तक इंजीनियरों की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 20, 2017 5:24 AM

भागलपुर : बटेश्वर गंगा पंप नहर परियोजना, कहलगांव लगभग 38 साल बाद पूरी होकर भी उद्घाटन का बाट जोह रही है. परियोजना को पूरी करने के लिए 80 बैठकें और 828.80 करोड़ खर्च हुए हैं. उद्घाटन से पूर्व बांध का ध्वस्त हो जाना, निर्माण सामग्री की गुणवत्ता एवं पूर्व से लेकर वर्तमान तक इंजीनियरों की कार्यशैली पर प्रश्नचिह्न लगा रहा है. इससे पूर्व जून में परियोजना की उद्घाटन की योजना बनी थी. उस समय भी उद्घाटन नहीं हो पाया था.

मई में किया था 24 पंपों में 15 का ट्रायल : मई में गंगा पंप नहर परियोजना के मोटर पंपों का जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता की मौजूदगी में टेस्ट ट्रायल लिया गया था. परियोजना के फेज टू के पंप हाउस के 12 में से तीन मोटर पंप का ट्रायल सफल रहा था. इनमें दो मोटर पंप 150 सीयू और एक 63 सीयू क्षमता के हैं. मुख्य अभियंता ने बताया था
कि पूर्व में फेज वन पंप हाउस के छह मोटर पंपों का टेस्ट ट्रायल कराया जा चुका है. मुख्य अभियंता ने यह भी बताया था कि फेज वन के 12 मोटर पंपों में से चार को मरम्मत के लिये भेजा गया है. फेज टू के छह मोटर पंपों का पूर्व में टेस्ट रन कराया जा चुका था. इस तरह में दोनों पंप हाउसों के कुल 24 मोटर पंपों में से 15 मोटर पंपों का ट्रायल का काम पूरा कर लिया गया था.

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