बटेश्वर गंगा नहर परियोजना मामले में गुरुवार को भी दिन भर अधिकारियों की मैराथन बैठकें जारी रही. अधिकारियों ने घटनास्थल पर पहुंच कर हालात का जायजा भी लिया. जलप्लावन क्षेत्र में कीचड़ के कारण परेशानी बनी हुई है. इधर इस घटना के बाद राजनीतिक सरगरमी भी बढ़ गयी है. शुक्रवार को कई दलों के नेताओं का कहलगांव दौरे की सूचना है. उधर पंप नहर में डूबने से हुई बच्चे की मौत के बाद कई नये सवाल स्थानीय लोग उठाने लगे हैं.
कहलगांव / पटना : जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता (सिविल) ज्ञान प्रकाश लाल ने बताया कि बुधवार को ध्वस्त हुई गंगा नहर की दीवार की रिपेयरिंग विभाग द्वारा कर दिया गया है. वहीं अंडरपास की मरम्मत एनटीपीसी प्रबंधन द्वारा किया जाना है, क्योंकि इस अंडरपास का निर्माण एनटीपीसी ने किया है. उन्होंने कहा कि जिन-जिन जगहों पर लीकेज पाये गये हैं, शुक्रवार से उन सब लीकेज को बंद करने का कार्य शुरू किया जायेगा.
जांच को लेकर जनहित याचिका दायर, 400 करोड़ की आयी थी केनाल की लागत, दोषियों को दंडित कर राशि वापसी की मांग
पटना हाईकोर्ट में बटेश्वर स्थान पंप केनाल के उद्घाटन के पूर्व टूट जाने के मामले की जांच को लेकर लोकहित याचिका दायर की गयी. याचिकाकर्ता अधिवक्ता मणिभूषण प्रताप सेंगर ने अपनी याचिका में कहा कि 40 वर्षों के लंबे अंतराल और चार सौ करोड़ की लागत से बन कर तैयार हुआ भागलपुर स्थित बटेश्वर गंगा पंप केनाल उद्घाटन के पूर्व ही ध्वस्त हो गया है. याचिका में उन्होंने इस मामले की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराने एवं दोषियों को दंडित कर परियोजना की लागत की संपूर्ण राशि वापसी कराने की मांग की है. याचिका पर संभवतः दुर्गा पूजा की छुट्टी के बाद सुनवाई होगी.
बटेश्वर गंगा पंप नहर में डूबने से छात्र की मौत, विरोध में रोड जाम
बटेश्वर गंगा पंप नहर परियोजना के पंप हाउस-2 के समीप मुख्य केनाल में गुरुवार को डूबने से नगर पंचायत के वार्ड नंबर 17 के निवासी अरुण यादव के पुत्र अरविंद कुमार (10 वर्ष) की मौत हो गयी. बालक प्राथमिक विद्यालय बंदरा बगीचा में चौथी कक्षा का छात्र था. इस हादसे से गुस्साये वार्ड नंबर 17 के लोगों ने दोपहर 12 बजे बस स्टैंड-ओगरी सड़क पर बालक का शव रख कर जाम कर दिया. लोग मृतक के परिजनों को मुआवजा देने और नहर के दोनों तरफ लोहे की जाली या कंटीले तार से घेराबंदी कराने की मांग कर रहे थे. सूचना मिलने पर बीडीओ आरएल निगम व सीओ आर मोहन सिंह मौके पर पहुंचे. अभियंता ने बताया कि नहर में डूबने से होने वाली मौत के लिए मुआवजा का कोई प्रावधान नहीं है. वहीं, केनाल की घेराबंदी के बारे में उन्होंने कहा कि इस संबंध में विभाग के वरीय अधिकारी से बात की जायेगी. अंततः सांसद प्रतिनिधि पवन भारती, मंचन साह, वार्ड 17 की पार्षद गीता राणा, प्रवीण राणा आदि की पहल पर जाम हटाया गया. प्रशासन ने मृतक के परिजनों को बतौर मुआवजा तत्काल कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत तीन हजार रुपये दिये और जल्द ही मुख्यमंत्री पारिवारिक लाभ योजना की राशि देने का आश्वासन दिया.
मुख्य केनाल में भरा पानी देखने गया था बालक
जानकारी के अनुसार, अरविंद अपने चार-पांच साथियों के साथ पंप हाउस-2 के निकट मुख्य केनाल में भरा लबालब पानी देखने गया था. इसी दौरान अरविंद का पैर फिसल गया और वह मुख्य केनाल वाले हिस्से से लुढ़कते हुए पानी में डूब गया. इस जगह से सौ कदम की दूरी पर स्थित उसके घर जाकर उसके दोस्तों ने उसके डूबने की जानकारी दी. परिजन दौड़ कर आये और बालक को पानी से निकाल कर अनुमंडल अस्पताल ले गये, लेकिन वहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया.
असुरक्षित है पंप हाउस वन व टू के मुख्य केनाल का इलाका, 15 साल में गयीं आधा दर्जन जानें
पंप हाउस वन व टू के मुख्य केनाल का इलाका पूरी तरह से असुरक्षित है. इस जगह से लेकर प्रखंड कार्यालय तक मुख्य केनाल के पास घनी आबादी है. इस क्षेत्र में सैतपुर, कुलकुलिया, नपं का वार्ड 17 व ओगरी पंचायत का बंदरा बगीचा गांव अवस्थित है. इन जगहों के बच्चे दिन भर नहर के किनारे शौच, स्नान व खेलने के लिए जाते हैं. केनाल ध्वस्त होने के पूर्व नहर में छोड़ा गया पानी पंप हाउस वन व टू के बीच अब भी लबालब भरा हुआ है. ओगरी के पंचायत समिति सदस्य सह विधायक प्रतिनिधि प्रवीण राणा ने बताया कि पंप हाउस टू के निर्माण के दौरान पिछले हिस्से में पिछले 15 सालों में डूबने से आधा दर्जन जानें जा चुकी हैं.