बिहार सृजन महिला विकास सहयोग समिति : कोर्ट ने चार पदधारकों की गिरफ्तारी पर लगायी रोक

भागलपुर : सृजन महिला विकास सहयोग समिति के चार पद धारक विपिन शर्मा की पत्नी रूबी कुमारी, रालोसपा नेता दीपक वर्मा की पत्नी अर्पणा वर्मा व बड़े भाई समर समरेंद्र की पत्नी राजरानी वर्मा व सीमा कुमारी की गिरफ्तारी पर रोक लग गयी है. प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश शिवानंद मिश्र ने शनिवार को अग्रिम जमानत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 24, 2017 7:21 AM
भागलपुर : सृजन महिला विकास सहयोग समिति के चार पद धारक विपिन शर्मा की पत्नी रूबी कुमारी, रालोसपा नेता दीपक वर्मा की पत्नी अर्पणा वर्मा व बड़े भाई समर समरेंद्र की पत्नी राजरानी वर्मा व सीमा कुमारी की गिरफ्तारी पर रोक लग गयी है.
प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश शिवानंद मिश्र ने शनिवार को अग्रिम जमानत पर सुनवाई करते हुए नो कोरसिव (पुलिस की गिरफ्तारी नहीं) का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि पुलिस से केस सीबीआई को ट्रांसफर होने का नोटिफिकेशन चला गया है, तो पुलिस का केस अनुसंधान करने का वैधानिक आधार नहीं बनता है. उन्हें तत्काल अनुसंधान रोक देना चाहिए. इस केस में सीबीआई जांच व गिरफ्तारी आदि की कार्रवाई करेगी.
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने एसएसपी के सौंपे पत्र को लेकर भी नाराजगी जतायी. एसएसपी के पत्र में सीबीआई को सृजन महिला विकास सहयोग समिति के पदधारक पर सबौर थाने में हुई प्राथमिकी को सीबीआई के हवाले करने का उल्लेख नहीं किया गया था. सिर्फ सामान्य पत्र भेजते हुए बिहार सरकार व गृह विभाग के नोटिफिकेशन का पत्र भेजा गया. पुलिस ने केस किस तिथि में सीबीआई को सुपुर्द कर दिया, इसका कोई उल्लेख नहीं था.
यह है मामला
सबौर थाना कांड संख्या 241/17 में सहकारिता विभाग ने सृजन महिला विकास सहयोग समिति के सभी पदधारक के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. मामले में पदधारकों पर सही सूचना छुपाने सहित कई तरह के आरोप लगाये गये.
यह दी बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने दलील
आरोपित रूबी कुमारी के अधिवक्ता अजय कुमार सिन्हा व नारायण पाठक ने कहा कि 28 अगस्त के नोटिफिकेशन में सबौर थाने का केस सीबीआई को जाने का पत्र जारी हुआ, मगर पुलिस मामले में अनुसंधान 13 सितंबर तक कर रही थी. कोर्ट में सौंपी पुलिस की केस डायरी में यह उल्लेख है.
इस कारण पुलिस लगातार रूबी कुमारी की खोजबीन करने घर आ रही है. सीबीआई के पास केस जाने के बावजूद आज भी पुलिस डायरी में अनुसंधान जारी रहने का जिक्र है. वहीं पुलिस डायरी के कंडिका 88 में सीबीआइ के पास नौ केस के ट्रांसफर होने की बात कही गयी है, सबौर के कांड भी जाने का मामला नहीं लिखा है.
जज ने कहा, कोर्ट ने जो पूछा, एसएसपी ने नहीं दिया जवाब
जज शिवानंद मिश्र ने लोक अभियोजक सत्यनारायण प्रसाद साह से कहा कि कोर्ट ने एसएसपी से पूछा था कि एक केस की जांच दो-दो जगह से क्यों चल रही है, इस बारे में आप क्या कर रहे हैं.
मगर एसएसपी ने सीबीआइ को लेकर जारी नोटिफिकेशन भेज दिया. पत्र में अनुलग्नक की संख्या कितनी है और किस बारे में अनुलग्नक है. इस बारे में कोई स्पष्ट नहीं किया. कोर्ट के पत्र को एसएसपी ने गंभीरता से नहीं लिया. पत्र को सावधानीपूर्वक नहीं लिखा गया है. एसएसपी को तिथि का जिक्र करते हुए केस के सीबीआई को देने का उल्लेख करना चाहिए था.
सीजेएम कोर्ट को नौ केस ट्रांसफर करने का दिया पत्र
सीबीआई की टीम सृजन महिला विकास सहयोग समिति, बैंक ऑफ बड़ौदा, इंडियन बैंक के खिलाफ नौ अलग-अलग केस के समस्त कागजात पटना स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में ट्रांसफर करने का पत्र दिया.
सीबीआई अधिकारी संजय कुमार ने शनिवार को सीजेएम के जीआर ऑफिस में पत्र के तहत केस के समस्त कागजात को पटना भेजने की बात कही. सीबीआइ के पत्र के आधार पर नौ केस से जुड़े कागज को भेजने की तैयारी शुरू कर दी है. सीजेएम कोर्ट में सीबीआई द्वारा दर्ज नौ केस के कागजात हैं.

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