सृजन घोटाला : अमरेंद्र से सीबीआइ ने की लंबी पूछताछ, अमित-प्रिया की हाजिरी भी संभव

भागलपुर : सृजन द्वारा 1200 करोड़ से भी अधिक की सरकारी राशि के फर्जीवाड़े की घटना में दोषियों तक पहुंचने की सीबीआइ जांच आगे बढ़ती जा रही है. सीबीआइ टीम एक-एक कर तमाम संदिग्धों व आरोपितों से पूछताछ जारी रखी है. सूत्रों के मुताबिक, इसी कड़ी में बुधवार को सबौर स्थित सीबीआइ के कैंप कार्यालय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 27, 2017 11:53 PM
भागलपुर : सृजन द्वारा 1200 करोड़ से भी अधिक की सरकारी राशि के फर्जीवाड़े की घटना में दोषियों तक पहुंचने की सीबीआइ जांच आगे बढ़ती जा रही है. सीबीआइ टीम एक-एक कर तमाम संदिग्धों व आरोपितों से पूछताछ जारी रखी है. सूत्रों के मुताबिक, इसी कड़ी में बुधवार को सबौर स्थित सीबीआइ के कैंप कार्यालय में समाहरणालय के नजारत शाखा के लिपिक अमरेंद्र कुमार यादव से सीबीआइ अधिकारियों ने लंबी पूछताछ की. सूत्रों की माने तो अमरेंद्र को उन तमाम सवालों से सीबीआइ ने गुजारा, जो नजारत शाखा की राशि सृजन के खाते में जाने से जुड़े थे.
सात अगस्त को तिलकामांझी थाने में फर्जीवाड़ा मामले की प्राथमिकी दर्ज कराने में अमरेंद्र परिवादी है. इस घटना में मुख्यमंत्री नगर विकास योजना के 12 करोड़ 20 लाख 15 हजार 75 रुपये सृजन के खाते में ट्रांसफर किये जाने के मामले में इंडियन बैंक के तत्कालीन व वर्तमान शाखा प्रबंधक व सृजन के सभी पदधारकों को आरोपित बनाया गया है. इससे पहले मंगलवार को भी सीबीआइ के अधिकारियों ने प्रभारी जिला कल्याण पदाधिकारी से कई मामले की जानकारी लेने के लिए पूछताछ की थी.
अमरेंद्र के अलावा अन्य लोगों से भी पूछताछ की चर्चा है. बताया जाता है कि सीबीआइ ने मौखिक सुनने के बाद आरोपी से अपना बयान कलमबद्ध भी कराया. पूछताछ के लिए आये सभी लोगों को सीबीआइ अधिकारियों ने ताकीद की है कि वे शहर में ही रहें, ताकि उन्हें बुलाने पर तत्काल आ सकें.
अमित-प्रिया भी आ सकते हैं सीबीआइ के समक्ष
चर्चा पर भरोसा करें, तो दो से तीन दिनों तक सृजन की सचिव रजनी प्रिया व उनके पति अमित कुमार सीबीआइ के समक्ष अपना बयान देने आ सकते हैं. ऐसा माना जा रहा है कि अगर वे उपस्थित नहीं होंगे, तो सीबीआइ अपना जाल बिछाना शुरू कर देगी. फिर बच पाना मुश्किल होगा. हालांकि अब तक सबसे ज्यादा सीबीआइ बैंक अधिकारियों से ही पूछताछ की है और बैंकों के कागजात की खंगाल रही है. सीबीआइ टीम में कई और अधिकारियों के सबौर पहुंचने की सूचना है.
समाहरणालय भी आये थे नजारत लिपिक अमरेंद्र कुमार
सरकारी अवकाश के बावजूद नजारत शाखा के लिपिक अमरेंद्र कुमार समाहरणालय आये थे. सीबीआइ व मेडिकल बोर्ड में पेशी के बाद लिपिक कुछ देर कार्यालय के बाहर रहे. सुबह के समय कुछ देर के लिए नजारत शाखा के बाहर हलचल थी. वहां पर कर्मियों से बातचीत करने के बाद चले गये.
मेडिकल बोर्ड के समक्ष अमरेंद्र कुमार यादव ने कहा- अंधेरे व बंद कमरे से लगता है डर
लंबे समय तक सृजन जांच के लिहाज से अहम किरदार माना जा रहा नजारत शाखा का लिपिक अमरेंद्र कुमार यादव अंततोगत्वा बुधवार को सदर हॉस्पिटल स्थित सीएस कार्यालय में गठित की गयी मेडिकल बोर्ड के समक्ष हाजिर हो गया. चिकित्सकों के समक्ष दिये बयान में अमरेंद्र बोला कि उसे अंधेरे व बंद कमरे से डर लगता है. इसलिए वह इससे बचने के लिए डीएम कार्यालय से भाग निकला था. वहां से निकलने के बाद वह पहले बनारस फिर आजमगढ़ चला गया था. जहां वह अपना मानसिक बीमारी का इलाज कराता रहा.
इधर, जब उसे जानकारी मिली कि सृजन घोटाले की जांच कर रही सीबीआइ को उसकी दरकार है, तो वह बीते दिन उसने खुद ही सीबीआइ टीम से संपर्क साधा और अपना बयान देने के लिए भागलपुर आ गया. अमरेंद्र ने कहा कि उसे सीबीआइ को जब भी जरूरत होगी वह मौजूद रहेगा. दशहरा (दुर्गा पूजा) के बाद वह ऑफिस ज्वाइन कर लेगा. गौरतलब हो कि मंगलवार की शाम करीब साढ़े चार बजे सृजन घोटाले में फरार चल रहा नजारत शाखा का लिपिक अमरेंद्र कुमार यादव सिविल सर्जन कार्यालय में मेडिकल के लिए पहुंचा था.
एसीएमओ डॉ रामचंद्र प्रसाद द्वारा गठित मेडिकल बोर्ड में मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ अशोक कुमार भगत के न रहने के कारण मेडिकल जांच नहीं हो सका था. उनकी जगह पर मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ गौरव कुमार बोर्ड में शामिल हुए. बुधवार को उनके समक्ष अमरेंद्र ने अपनी बीमारी के बारे में विस्तार से बताया. इसके सापेक्ष डॉ गौरव कुमार ने अपनी जांच प्रक्रिया पूरी की.

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