22 घंटे बाद निकाला युवक का शव
भागलपुर: साहेबगंज जमुनिया घाट में नहाने के दौरान फिसलने के कारण डूबे युवक मिथिलेश कुमार यादव (24) का शव बुधवार को रेडक्रॉस के गोताखोर ने 22 घंटे बाद सुबह 11 बजे के करीब निकाला. विश्वविद्यालय थाना की पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया, जहां से शव का पोस्टमार्टम करा […]
भागलपुर: साहेबगंज जमुनिया घाट में नहाने के दौरान फिसलने के कारण डूबे युवक मिथिलेश कुमार यादव (24) का शव बुधवार को रेडक्रॉस के गोताखोर ने 22 घंटे बाद सुबह 11 बजे के करीब निकाला. विश्वविद्यालय थाना की पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया, जहां से शव का पोस्टमार्टम करा कर उसके परिजनों को सौंप दिया गया.
यह हुई थी घटना : साहेबगंज चौकी निवासी मृतक मिथिलेश के भाई अजय कुमार यादव और चचेरे भाई रंजीत कुमार यादव ने बताया कि मंगलवार की दोपहर एक बजे के करीब मिथिलेश कुमार यादव मित्र सिक्को रजक के साथ जमुनिया गंगा घाट पर नहाने के लिए गया था. नहाने के क्रम में उसका पैर फिसल गया. गहराई होने के कारण वह पानी में डूब गया.
उसके मित्र सिक्को ने घटना की सूचना स्थानीय लोगों व उसके परिजन को दी. इसके साथ ही घटना की सूचना एसडीआरएफ को दी गयी, मगर वे मौके पर नहीं पहुंच सके. तब तक स्थानीय लोगों की मदद से परिजन उसकी तलाश पानी में घुस कर करने लगे. नाथनगर अंचल ने मामले की सूचना रेडक्रॉस को दी और वहां से बचाव राहत वाली गोताखोर की टीम आयी. इसमें ब्रजेश कुमार, प्रमोद कुमार, ईश्वर कुमार, मो आबिद शामिल थे. निजी नाव से रात में भी परिजन शव की तलाश करते रहे. बुधवार की सुबह फिर से आयी गोताखोर की टीम ने सुबह 11 बजे के करीब युवक के शव को खोज कर निकाला.
जवान बेटे का गम, रामशरण के घर छाया मातम
रामशरण यादव का पुत्र मिथिलेश तीन भाइयों में दूसरे स्थान पर था. वह खेती बाड़ी करता था. चार महीने पहले 17 जून 2017 को उसकी शादी हुई थी. रामशरण यादव भी पिछले साल भर से बीमार चल रहे हैं. जिनका इलाज पटना में चल रहा है. जमुनिया घाट पर जाने से पहले मंगलवार की सुबह मिथिलेश अपने पिता को इलाज के लिए नाथनगर स्टेशन पर पटना वाली ट्रेन पकड़वाने आया, मगर ट्रेन छूट गयी. वह अपने पिता को वापस घर ले आया. दीपावली को लेकर उसने अपने घर की सफाई और रंग रोगन में जुट गया था. सफाई के बाद वह जमुनिया घाट पर नहाने के लिए गया था. उसकी मौत के बाद उसकी पत्नी व अन्य परिजन सदमे में हैं.