खतरनाक व गंदे घाटों में कैसे मनायेंगे छठ
कहलगांव : शहर स्थित उत्तरवाहिनी गंगा घाटों की हालत खतरनाक व दयनीय बनी हुई है. बाढ़ का पानी के उतरने के बाद सीढ़ी घाट छोड़ प्रायः सभी छठ घाटों की स्थिति पहले से और खराब है. ऐसी विकट स्थिति में शहर व आसपास के इलाकों से आनेवाले छठ व्रतियों को इस बार काफी परेशानी झेलनी […]
कहलगांव : शहर स्थित उत्तरवाहिनी गंगा घाटों की हालत खतरनाक व दयनीय बनी हुई है. बाढ़ का पानी के उतरने के बाद सीढ़ी घाट छोड़ प्रायः सभी छठ घाटों की स्थिति पहले से और खराब है. ऐसी विकट स्थिति में शहर व आसपास के इलाकों से आनेवाले छठ व्रतियों को इस बार काफी परेशानी झेलनी पड़ सकती है. इन घाटों पर कटाव के प्रभाव व पानी के पूरी तरह से नहीं उतरने से इस बार छठ व्रतियों के लिए जगह का अभाव रहेगा. काली घाट, सीढ़ी घाट,
जहाज घाट, चारों धाम व सती घाटों पर बिखरे गंदगी के अंबार की अब तक नगर पंचायत द्वारा सफाई का काम शुरू नहीं किया जा सका है. जबकि दो दिन बाद 24 अक्तूबर को कद्दू भात से ही महापर्व छठ की शुरुआत हो जायेगी.
जर्जर सीढ़ी घाट के पास बह रहा नाले का पानी : जर्जर सीढ़ी घाट के उत्तर दिशा में शहर के घरों से निकलने वाला गंदा पानी, अवशिष्ट पदार्थ बड़े नाले से गंगा में सीधे प्रवाहित किया जा रहा है. हर साल छठ पर्व पर महिला व्रतियों को ऐसी ही नारकीय स्थिति से गुजरना पड़ता है. गत शुक्रवार को नपं अध्यक्ष बबीता देवी व कार्यपालक पदाधिकारी मनोज कुमार ने छठ घाटों के निरीक्षण में गंदे नाले के पानी का गंगा में सीधे गिरने पर रोक लगाने की कोई बात नही की.
कटाव व पानी के नहीं उतरने से जगह का अभाव : बाढ़ के कटाव व पानी पूरी तरह से नहीं उतरने से शहर के काली घाट, जहाज घाट, चारो धाम व सती घाटों पर इस बार छठ के लिए जगह की कमी रहेगी. छठ व्रतियों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में अब देखना है कि नगर सरकार शेष बचे तीन दिनों में क्या कर सकती है.