70 साल बाद भी नोनियां समाज उपेक्षित
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30 को पटना में कार्यकर्ता सम्मेलन
भागलपुर : नोनियां, बिंद, बेलदार, चौहान, अवधिया, सेमरवार, खरबट, दशरथी समाज के लोग अभी भी उपेक्षित हैं. नोनियां समाज के लोग आजादी से पहले नमक बनाने का काम करते थे. होटलों, चाय दुकानों, ढावों, ईंट भट्टा पर अभी नोनिया समाज के ही लोग काम करते नजर आते हैं. नोनिया समाज के लोगों की हालत बद से बदतर है. उक्त बातें नोनियां, बिंद, बेलदार महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रविशंकर महतो ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कही.
उन्होंने कहा कि नोनियां जाति की सात उप शाखा हैं, जो आपस में बंधे न रहकर अलग अलग अस्तित्व में है. अब समय आ गया है कि सभी मिल कर एक मजबूत संगठन का रूप देकर सरकार से अपने हक व हकूक के लिए संघर्ष करें. उन्होंने कहा कि बिहार ही नहीं, पूरे देश में इस समाज के लोगों की हालत बद से बदतर है. इसे अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि बिहार में 85 लाख की संख्या में नोनियां समाज के लोग है. उन्होंने कहा कि 30 अक्तूबर को पटना के कृष्ण मेमोरियल हॉल में कार्यकर्ता सम्मेलन होगा. सम्मेलन के बाद सरकार से नोनियां बिंद बेलदार चौहान को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग की जायेगी. इस मौके पर धर्मेंद्र कुमार महतो, डाॅ अमित कुमार महतो, उमाशंकर महतो, राकेश कुमार महतो, अंजेश कुमार आदि उपस्थित थे.