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पत्नी ने प्रेमी से करायी संजय मंडल की हत्या

खुलासा. पीरपैँती के खानपुर में हुई थी घटनाप्रभात खबर डिजिटल प्रीमियम स्टोरीJayant Chaudhary: क्या है ऑरवेलियन-1984, जिसका मंत्री जयंत चौधरी ने किया है जिक्रJustice Yashwant Varma Case: कैसे हटाए जा सकते हैं सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जज?Spies In Mauryan Dynasty : मौर्य काल से ही चल रही है ‘रेकी’ की परंपरा, आज हो तो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 31, 2017 3:46 AM

खुलासा. पीरपैँती के खानपुर में हुई थी घटना

पीरपैंती : थाना क्षेत्र के खानपुर गांव स्थित ससुराल में 27 अक्तूबर को बांका जिला के अमरपुर के पटाकी निवासी प्रसादी मंडल के पुत्र संजय मंडल की हत्या उसकी पत्नी ने अपने प्रेमी से करायी थी. कहलगांव के एसडीपीओ रामानंद कौशल ने सोमवार को थाना परिसर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस हत्याकांड का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि संजय की हत्या उसकी पत्नी कंचन देवी के कहने पर उसके प्रेमी अमरजीत कुमार ने की. अमरजीत इसी गांव के सहदेव मंडल का बेटा है.
हत्या में प्रयुक्त चाकू बरामद : 25 अक्तूबर को कंचन का प्रेमी अमरजीत ससुराल आये संजय मंडल को घुमाने के बहाने कब्रिस्तान की ओर ले गया, जहां उसने अचानक धारदार चाकू उसके पेट में घोंप दिया. फिर उसका गला रेत दिया. उसने शव को झाड़ी में फेंक दिया. पुलिस ने अमरजीत की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त चाकू भी बरामद कर लिया है. पुलिस ने मृतक की पत्नी कंचन व अप्राथमिकी अभियुक्त अमरजीत को गिरफ्तार कर लिया है. उन्हें मंगलवार को न्यायिक हिरासत में भेजा जयेगा.
मृतक की मां ने बहू व उसके दो भाइयों पर लगाया था आरोप : मृतक की मां मीना देवी ने हत्या का आरोप अपनी बहू और उसके भाइयों मिथुन व दिलीप पर लगाया था. कांड के खुलासे में थानाध्यक्ष परशुराम सिंह व अनि विनोद कुमार झा ने अहम भूमिका निभायी.
पत्नी व उसका प्रेमी गिरफ्तार, कबूला जुर्म
संजय को घुमाने के बहाने ले गया था पत्नी का प्रेमी
कब्रिस्तान के पास ले जाकर पहले पेट में घाेंपा चाकू, फिर रेत दिया गला
बांका जिला के अमरपुर के पटाकी गांव का था संजय
छठ के अवसर पर गया था पीरपैंती के खानपुर स्थित ससुराल
सबको मालूम था कंचन-अमरजीत की प्रेम कहानी
पुलिस को दिये बयान में अमरजीत व कंचन ने कहा है कि उन दोनों में पिछले तीन वर्षों से प्रेम प्रसंग चल रहा था. जब उनके परिजनों की इस बारे में जानकारी हुई, ताे दोनों के परिजनों ने उनके मिलने-जुलने पर पाबंदी लगा दी. इसके बावजूद वे दोनों चोरी-छिपे मिलते रहे. फिर अमरजीत को उसके पिता ने काम करने के लिए मुंबई भेज दिया. इसी साल 19 मार्च को कंचन की शादी संजय मंडल से हो गयी. दुर्गा पूजा में कंचन का गवना हो गया और वह ससुराल चली गयी.
इससे पहले एक माह पहले अमरजीत के भाई की डूबने से मौत हो गयी थी. उसके श्राद्ध कर्म में अमरजीत गांव आया था. उसने कंचन को गवना में जाने के समय एक मोबाइल दिया था. उस मोबाइल से कंचन उससे बात करती थी. उसके पति को शक हुआ, तो उसने उससे मोबाइल छीन लिया. तब कंचन अपनी ननद के मोबाइल से अपने प्रेमी अमरजीत से बात करने लगी. दीवाली से दो दिन पूर्व संजय पत्नी की जिद पर छठ के अवसर पर ससुराल गया. खरना के दिन अमरजीत उसे घूमाने के बहाने ले गया और उसकी हत्या कर दी. उसका शव छठ के पारन के दिन बरामद हुआ.

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