अंधेरे में आइसोलेशन वार्ड के मरीज
भागलपुर: जेएलएनएमसीएच का आइसोलेशन वार्ड महज आठ दिन में अस्पताल प्रबंधन की उपेक्षा का शिकार हो गया है. 21 मई को ही वार्ड का स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी चौबे ने उदघाटन किया था. उसके बाद से ना तो वार्ड की सफाई की गयी है, न ही दूसरी सुविधाएं दी जा रही हैं.प्रभात खबर डिजिटल प्रीमियम स्टोरीSpies […]
भागलपुर: जेएलएनएमसीएच का आइसोलेशन वार्ड महज आठ दिन में अस्पताल प्रबंधन की उपेक्षा का शिकार हो गया है. 21 मई को ही वार्ड का स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी चौबे ने उदघाटन किया था. उसके बाद से ना तो वार्ड की सफाई की गयी है, न ही दूसरी सुविधाएं दी जा रही हैं.
बाथरूम की खिड़की का कांच तोड़ दिया गया तो नर्स ने बाथरूम में ताला बंद कर दिया. हैरानी की बात तो यह है कि मंगलवार से जेनरेटर का भी कनेक्शन काट दिया गया. रात में वार्ड में घुप्प अंधेरा रहता है उसी में मरीज व नर्स रहने को मजबूर हैं.
कहते हैं परिजन : गोराडीह के छोटी दोस्तैनी गांव के रिक्शा चालक भिखारी दास के चार वर्षीय पुत्र को टेटनस होने पर पिछले गुरुवार को अस्पताल के शिशु वार्ड में भरती कराया गया. जहां चिकित्सक ने उसे आइसोलेशन वार्ड में भेज दिया.
दास ने बताया कि उसके पुत्र के लिए आम मरीज को जो भोजन दिया जाता है वही मिलता है पर इमरजेंसी में जाकर लाना पड़ता है. दो दिनों से चिकित्सक भी देखने नहीं आये हैं. सोमवार को एक चिकित्सक देख कर गये थे उसके बाद से कोई नहीं आया है. बच्चे को रह-रह कर चमकी आता है. रात में पूरा अंधेरा रहता है और डर लगता है. जेनेरेटर लाइन रहने से पंखा व हल्की रोशनी मिलती थी तो थोड़ी राहत थी पर वह भी नहीं है.
अब तक तीन मरीज वार्ड में हुए भरती: अब तक इस वार्ड में तीन मरीज को भरती किया जिसमें एक वृद्ध जो हाइड्रोफोबिया (डॉग बाइट) का मरीज था जिसकी मौत रात में हो गयी. वह काफी सीरियस था और बचपन में ही किसी कुत्ते ने काटा होगा जिसका असर अब हुआ था. तीसरा मरीज है जो टेटनस का शिकार है, उसकी हालत में सुधार हुआ है.