लॉज संचालक ने दी होती पुलिस को सूचना, तो रुक सकती थी घटना

छात्रा से गैंगरेप. लॉजों की सुरक्षा व्यवस्था को ले अब भी प्रशासन नहीं हुआ गंभीर भागलपुर : लॉज संचालक अगर सक्रिय होता, तो एसएम कॉलेज रोड से इंटर की छात्रा को उठाकर एक अपार्टमेंट में गैंगरेप की घटना नहीं होती और अपराधी पकड़े जाते. हर लॉज में शाम के समय छात्रा के प्रवेश का समय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 21, 2017 5:48 AM

छात्रा से गैंगरेप. लॉजों की सुरक्षा व्यवस्था को ले अब भी प्रशासन नहीं हुआ गंभीर

भागलपुर : लॉज संचालक अगर सक्रिय होता, तो एसएम कॉलेज रोड से इंटर की छात्रा को उठाकर एक अपार्टमेंट में गैंगरेप की घटना नहीं होती और अपराधी पकड़े जाते. हर लॉज में शाम के समय छात्रा के प्रवेश का समय निर्धारित था. छात्रा हर शाम छह बजे कोचिंग से पढ़कर लॉज पहुंच जाती थी, लेकिन रविवार को नहीं पहुंची. निर्धारित समय पर छात्रा के लॉज नहीं पहुंचने पर लॉज संचालक उसी समय पुलिस को सूचना दी होती, तो पुलिस छात्रा की तलाश में उसके मोबाइल लोकेशन से अपार्टमेंट तक पहुंच जाती. सभी अपराधी घटना स्थल पर ही पकड़ा जाते.
2011 में कहकशां परवीन ने किया था निरीक्षण, नहीं बदले हालात : तत्कालीन राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कहकशां परवीन को छात्राओं के लिखे एक बेनाम पत्र मिले थे. इस आधार पर आयोग की अध्यक्ष ने पुलिस के साथ 10 दिसंबर 2011 को एसएम कॉलेज रोड स्थित एक लॉज का औचक निरीक्षण किया था. निरीक्षण में छात्राओं ने अध्यक्ष को जो बताया था और अध्यक्ष ने जो अपनी आंखों से देखा था, उस हालात में कोई परिवर्तन नहीं दिख रहा है. निरीक्षण के बाद अध्यक्ष ने राज्य के सभी जिलाधिकारी को पत्र भेजकर लॉजों की रिपोर्ट 21 जनवरी 2012 तक मांगी थी, लेकिन न रिपोर्ट आयी और न कोई कार्रवाई हो सकी.
लॉज से बाहर निकलनेवाली छात्रा कहां जा रही, कब आयेगी, लॉज के रजिस्टर में नहीं होती जानकारी
लॉज संचालक की मिलीभगत से बाहर जाती है छात्रा
छात्राओं ने बतायी समस्याएं
मनमाने रेंट की वसूली
लॉज मालिक मनमर्जी बढ़ा देते किराया
सरकारी निगरानी बिल्कुल भी नहीं
सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं रहती
बाथरूम, शुद्ध पेयजल की समस्या
बिजली को लेकर हमेशा किचकिच
मनचलों पर कोई अंकुश नहीं लगा
लॉज मालिकों का होता है अपना नियम
जांच में मिला
छात्राओं का आधा-अधूरा नामांकन फाइलों में दर्ज
लॉज में आने-जाने का कोई समय निर्धारित नहीं
कमरों में ठूंस कर रखी जाती हैं लड़कियां
उपस्थिति पंजी की होती है खानापूर्ति
पीड़िता से की मुलाकात : न्याय मंच व प्रोग्रेसिव स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन ने भी आक्राेश व्यक्त किया. न्याय मंच के रिंकु व पीएसओ के अंजनी ने अपनी टीम के साथ मायागंज में भर्ती पीड़िता छात्रा एवं उसके परिजन से मुलाकात की. उन्होंने गैंगरेप के आरोपितों को अविलंब गिरफ्तार करने की मांग की. टीम में रोहित, हबीर्बुर आदि शामिल थे.
चर्चा के दौरान उठा रहे थे सवाल
लॉज में छात्राओं के आने-जाने का समय निर्धारित नहीं, इसलिए पुलिस को समय रहते नहीं मिलती सूचना
क्या लॉज में सिर्फ किराया के लिए छात्राओं को रखा जाता है. उनकी सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं
जिला प्रशासन और नगर निगम प्रशासन का लॉज संचालन पर अंकुश नहीं, कभी भी निरीक्षण नहीं करते अधिकारी
ऐसी ही लापरवाही रही, तो क्या एजुकेशन हब की प्रतिष्ठा बचा पाने में कामयाब रह पायेगा भागलपुर
दिसंबर 2011 में डीएम से राज्य महिला आयोग द्वारा मांगी गयी लॉजों की रिपोर्ट का क्या हुआ
छात्रा से गैंगरेंप की निंदा
इंटर की छात्रा से गैंगरेंप की घटना की छात्र रालोसपा ने निंदा की है. पीड़ित का हाल जाने के लिए छात्रों का एक शिष्टमंडल मिला. संगठन के विवि अध्यक्ष शिशिर रंजन सिंह ने बताया कि मामले के आरोपित की जल्द गिरफ्तार नहीं होती है. कड़ी सजा नहीं मिल जाती है, तो छात्रा को न्याय दिलाने के लिए छात्र संगठन आंदोलन जारी रहेगा. मौके पर राजेश कुमार, बमबम प्रीत, राज कुमार, चंदन कुमार राय, प्रियंका आनंद भगत आदि उपस्थित थे.
बहकावे में न आएं
छात्रा के साथ गैंगरेप की घटना ने हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया है. जब गुड टच और बैड टच को लेकर जागरूकता फैलायी जा रही हो, तो ऐसे दौर में किसी के बहकावे में आना ही नहीं चाहिए. अपना बताकर, मीठी-मीठी करनेवाले पीठ पर छुरा घोंप सकते हैं, इसका ख्याल रखना चाहिए. हर किसी पर विश्वास कर लेना घातक साबित हो सकता है.
नगर निगम सिर्फ बयान देता है, लॉजों का करेंगे पंजीयन
अब तक नगर निगम प्रशासन सिर्फ बयान देता रहा है कि लॉजों का पंजीकरण करेंगे. निगम प्रशासन इस दिशा में आगे नहीं बढ़ना चाहता है. लॉजों में लड़कियां अपने भरोसे रह रही हैं. भागलपुर व इसके आसपास के 16-17 जिलों की लड़कियां लॉजों में रहकर पढ़ाई कर रही हैं. लड़कियों के अधिकतर लॉज खंजरपुर एसएम कॉलेज एरिया में हैं. सुरक्षा ऐसी कि मनचले छेड़खानी कर निकल जाते हैं, कोई देखनेवाला नहीं. अब तो स्थिति यहां तक आ पहुंची है कि लड़की अगवा उसकी इज्जत तार-तार कर दी जाती है.
गैंगरेप के आरोपितों को पकड़ने के लिए 72 घंटे का अल्टीमेटम : एक प्रयास-बेहतर कल की चांद कार्यालय परिसर में बैठक हुई. बैठक की अध्यक्षता अजय कानोडिया ने की. बैठक में आदमपुर-बड़ी पोस्ट ऑफिस क्षेत्र में घटी गैंगरेप की घटना की निंदा की गयी. इसमें संलिप्त अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए प्रशासन को 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया. प्रशासन आरोपितों को गिरफ्तार करने में विफल रहता है, तो जन संगठनों को गोलबंद कर विरोध प्रदर्शन किया जायेगा.
छात्र-छात्राओं ने मधुमेह के प्रति जागरूक करने का लिया संकल्प

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