1700 मरीज बिना इलाज के लौटे
संविदाकर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू, सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था चरमरायी हड़ताल लड़खड़ायी व्यवस्था भागलपुर : बिहार राज्य स्वास्थ्य संविदा कर्मी संघ के आह्वान पर सोमवार को संविदा पर कार्यरत आयुष चिकित्सक, हेल्थ मैनेजर, डाटा ऑपरेटर, फैमिली प्लानिंग काउंसलर, डेंटल टेक्नीशियन, कंप्यूटर ऑपरेटर ने प्रखंड स्थित पीएचसी, रेफरल अस्पताल, जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल एवं लोकनायक […]
संविदाकर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू, सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था चरमरायी
हड़ताल
लड़खड़ायी व्यवस्था
भागलपुर : बिहार राज्य स्वास्थ्य संविदा कर्मी संघ के आह्वान पर सोमवार को संविदा पर कार्यरत आयुष चिकित्सक, हेल्थ मैनेजर, डाटा ऑपरेटर, फैमिली प्लानिंग काउंसलर, डेंटल टेक्नीशियन, कंप्यूटर ऑपरेटर ने प्रखंड स्थित पीएचसी, रेफरल अस्पताल, जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल एवं लोकनायक जयप्रकाश नारायण सदर अस्पताल में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी. इससे अस्पतालों की व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गयी. सदर अस्पताल और मायागंज अस्पताल से 50 फीसदी से अधिक मरीजों को बिना इलाज कराये लौटना पड़ा. इतना ही नहीं कई मरीजों ने पर्ची कटा ली, लेकिन चिकित्सकों का तब तक ड्यूटी ही ऑफ हो गया. इससे उन्हें पर्ची कटने व जांच कराने के बाद बिना इलाज कराये लौटना पड़ा.
सदर अस्पताल में चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों ने काटी पर्ची
मायागंज अस्पताल में डाटा ऑपरेटर की जगह पर्ची काटने के लिए नर्स को लगाया गया था. हाथ से पर्ची काटने के लिए 13 नर्स को लगाया गया था. इसमें ये नर्स ओपीडी, डेंटल, आई वार्ड, आॅर्थो वार्ड से आयी थीं. खुद नर्स का मानना था कि मैनुअल पर्ची काटने में दिक्कत हो रही है. कतार में लगे मरीज परेशान थे. उनके गुस्से की शिकार हो रही थी. सदर अस्पताल में चतुर्थवर्गीय व अन्य कर्मचारियों से मैनुअल पर्ची कटवायी गयी.
सफाई व्यवस्था ध्वस्त
मायागंज अस्पताल के मेडिसिन वार्ड, सर्जरी, स्त्री रोग वार्ड, शिशु रोग वार्ड, इमरजेंसी वार्ड में सफाई व्यवस्था बदतर हो गयी. यहां पर चूंकि हेल्थ मैनेजर हड़ताल पर रहे और सफाईकर्मी को देखने वाला कोई नहीं रहा. इससे मरीजों की परेशानी बढ़ गयी.
ट्रॉली के लिए भटके परिजन
ट्रॉलीमैन की हड़ताल नहीं होने के बाद भी मरीजों के परिजन को ट्रॉली लेने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ा. जबकि पहले कंट्रोल रूम से हेल्थ मैनेजर इसमें पूरी मदद करते थे. हालांकि कंट्रोल रूम में एक वार्ड अटेंडेंट को लगाया गया था. वे मरीजों की मदद करने का प्रयास करते दिखे. इससे मरीजों को ट्रॉली मिलने में देर हो रही थी.
कंप्यूटराइज्ड सिस्टम पर आदमी नहीं रहने से नर्सों ने मैनुअल काटी पर्ची, लेकिन नहीं सुधरी व्यवस्था
मायागंज अस्पताल में सोमवार को मरीजों का बोझ ओपीडी आउटडोर पर बढ़ जाता है. इससे हरेक सप्ताह के सोमवार को 2500 से 3000 मरीज इलाज कराने आते हैं. अभी ठंड बढ़ने से मरीजों की संख्या बढ़ गयी. लेकिन इनमें से 1500 मरीजों को बिना इलाज के लौटना पड़ा. वहीं सदर अस्पताल में भी 200 से अधिक मरीजों को बिना इलाज के लौटना पड़ा. ओपीडी में पर्ची कटाने के लिए मरीजों की लंबी कतारें लगी रही. इसमें 300 से अधिक ऐसे मरीज भी थे, जो पर्ची कटा कर अपना इलाज नहीं करा सके. ये मरीज कहलगांव, खगड़िया, नवगछिया, बिहपुर, बांका आदि क्षेत्रों से आये थे.
संविदाकर्मियों ने सेवा नियमित करने व समान काम के लिए समान वेतन की मांग की