अटक जायेगा 102 जर्जर भवनों का मरम्मत कार्य
बालू की किल्लत. कई कार्यों का टेंडर है फाइनल हाेने पर गिट्टी के चलते शुरू नहीं हो रहा घोरघट-अकबरनगर हाइवे का निर्माण निर्माण कार्य से जुड़ी सामग्रियों की बिक्री पर भी दिख रहा असर भागलपुर : बालू की किल्लत का असर निर्माण कार्य पर दिखने लगा है. सरकारी व निजी निर्माण लगभग ठप है. जहां […]
बालू की किल्लत. कई कार्यों का टेंडर है फाइनल हाेने पर
गिट्टी के चलते शुरू नहीं हो रहा घोरघट-अकबरनगर हाइवे का निर्माण
निर्माण कार्य से जुड़ी सामग्रियों की बिक्री पर भी दिख रहा असर
भागलपुर : बालू की किल्लत का असर निर्माण कार्य पर दिखने लगा है. सरकारी व निजी निर्माण लगभग ठप है. जहां काम हो भी रहा है, वहां पर गति काफी धीमी है. अगर कहीं बालू मिल भी रहा है, तो बढ़ी कीमतों के कारण संवेदक बालू खरीदने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं. भवन निर्माण प्रमंडल की मरम्मत की योजनाओं पर काम होना है. तकरीबन 102 जर्जर भवनों को मरम्मत के लिए चिह्नित किया गया है. 13 दिसंबर तक टेंडर फाइनल हो जायेगा. मगर, विभाग और इसके कांट्रैक्टर दोनों परेशान हैं कि बालू के बिना मरम्मत कैसे संभव है? समय पर बालू नहीं मिला तो निर्धारित एक माह की कार्य अवधि में सभी जर्जर भवनों की मरम्मत नहीं हो सकेगी.
इधर, घोरघट से अकबरनगर तक 20 किमी लंबी सड़क 4.57 करोड़ से बननी है. एनएच विभाग ने टेंडर फाइनल कर लिया है. ठेकेदार का चयन कर लिया गया है. चयनित ठेकेदार को वर्क ऑर्डर भी जारी कर दिया है. जिस ठेकेदार को हाइवे निर्माण कराने की जिम्मेदारी सौंपी है वह आंध्र प्रदेश का है. मगर, सड़क निर्माण के लिए गिट्टी नहीं मिल रही है, जिससे निर्माण का कार्य शुरू कराने में देरी हो रही है.
निर्माण से जुड़ी अन्य सामग्रियों की बिक्री भी प्रभावित : कंस्ट्रक्शन का काम भी लगभग बंद है. इससे जुड़े लोगों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट हो गया है. बालू नहीं मिलने से इससे जुड़े अन्य सामान की बिक्री पर भी असर दिख रहा है. सीमेंट, गिट्टी व छड़ आदि की बिक्री भी काफी कम हो गयी है. मिस्त्री-मजदूर बेरोजगार से हो गये हैं. वे मजदूरी के लिए भटक रहे हैं. यह स्थिति बालू का खनन नहीं होने से बनी है. बालू नहीं मिलने से निजी और सरकारी क्षेत्र में निर्माण कार्य लगभग ठप है.
खुदरा विक्रेताओं को लाइसेंस देने का मामला अनुशंसा तक सीमित : बालू-गिट्टी की खुदरा बिक्री की नयी व्यवस्था एक दिसंबर से लागू होनी थी मगर, जिला प्रशासन व खनन विभाग मिल कर भी नयी व्यवस्था को लागू नहीं करा सकी है. अभी तक चयनित बालू-गिट्टी खुदरा विक्रेताओं को लाइसेंस देने का मामला अनुशंसा देने तक सीमित रह गया है.
मार्च तक नहीं शुरू हुआ बालू बिक्री, तो रुक जायेगा बाइपास का निर्माण : बालू-गिट्टी की बिक्री मार्च तक शुरू नहीं हुई, तो बाइपास रोड पर फ्लाइ ओवर ब्रिज, रेलवे ओवर ब्रिज, कलवर्ट, व्हेकिल अंडरपास आदि का काम रुक जायेगा. जीआर इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड के पीआरओ ने आरके श्रीवास्तव ने बताया कि बालू का स्टॉक मार्च तक का ही है.
मरम्मत नहीं होने की वजह से क्या है मुश्किल
भविष्य निधि कार्यालय : कर्मचारी डर कर करते हैं काम, प्लास्टर गिरने की रहती है आशंका
जिला भविष्य निधि कार्यालय की मरम्मत बेहद जरूरी है. भवन काफी जर्जर हो चुका है. पिछले साल आये भूकंप में भवन कमजोर हो गया है. भवन के अंदर के हिस्से की भी हालत काफी खराब है. प्लास्टर चटक गया है. आगे यह तभी भूकंप के झटके को झेल सकता है, जब इसकी मरम्मत होगी. 18 कांट्रैक्टरों ने टेंडर डाला है. लॉटरी सिस्टम से शुक्रवार को कांट्रैक्टर का चयन होगा.
जेएलएनएमसीएच इमरजेंसी वार्ड : मरीज काे लगती है ठंड, खिड़की है टूटी
जवाहरलाल नेहरू मेडिकल अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड की मरम्मत होनी है. शुक्रवार को ठेकेदार का चयन कर लिया जायेगा. मगर, बालू के बिना मरम्मत का काम शुरू नहीं हो सकेगा. मरम्मत होगी, तो इमरजेंसी वार्ड के मरीज ठंड से बच सकेंगे. दरअसल, वार्ड की कई खिड़कियाें का शीशा टूटा है.
मरम्मत होने वाले प्रमुख जर्जर भवन
इंजीनियरिंग कॉलेज में एनसीसी भवन : 7.94 लाख रुपये
जेएलएनएमसीएच के जीएनएम छात्रावास : 5.19 लाख रुपये
सिविल सर्जन के आवासीय परिसर में रोड का निर्माण : 2.02 लाख रुपये
जिला स्कूल, भागलपुर : 8.07 लाख रुपये
पुराना सिविल कोर्ट, भागलपुर के एडीआर भवन : 2.87 लाख रुपये
वाणिज्यकर संयुक्त आयुक्त के कार्यालय भवन के चहारदीवारी व उच्चीकरण कार्य : 13.39 लाख रुपये
मारवाड़ी पाठशाला, भागलपुर के सामने आवासीय कॉलोनी के सामने चहारदीवारी की मरम्मत : 2.99 लाख रुपये