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सृजन की आंच : इलाज के अभाव में भाई ने तोड़ा दम, शव लेकर जिप दफ्तर पहुंची रानी, कहा- क्रियाकर्म के लिए तो दे दो वेतन

भागलपुर : जिला परिषद की चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी रानी देवी शुक्रवार को अपने भाई सजन का शव लेकर सरकारी विभागों का चक्कर काट रही थी. दोपहर बाद वह शव को लेकर जिला परिषद कार्यालय के सामने आ गयी. रानी देवी ने कहा कि ‘पांच महीने से वेतन नय मिललो छै. इलाज नय करबे पारलियै, त […]

भागलपुर : जिला परिषद की चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी रानी देवी शुक्रवार को अपने भाई सजन का शव लेकर सरकारी विभागों का चक्कर काट रही थी. दोपहर बाद वह शव को लेकर जिला परिषद कार्यालय के सामने आ गयी. रानी देवी ने कहा कि ‘पांच महीने से वेतन नय मिललो छै. इलाज नय करबे पारलियै, त भाय मरी गेलै. लाश जलाय वास्ते भी पैसा नय छै. आबे त पांच महीना के वेतन दे.’ इतने में जिला परिषद के कर्मी आये और कहा कि साहब यहां नहीं मिलते हैं, समाहरणालय जाओ.

रानी देवी व उसकी दो बहनें मीना देवी व सुदनी सहित अन्य परिजन समाहरणालय चल पड़े. शव के साथ जैसे ही वे गेट पर पहुंची, तो होमगार्ड ने उन्हें रोक दिया. वहां पर कुछ देर ठहरने के बाद वे शव को लेकर अपने घर चले गये. दोबारा घर से लौट कर आयी रानी देवी ने कहा कि वेतन को लेकर बार-बार कहे, लेकिन कोई सुनता ही नहीं है. तीनों बहनों को मिला कर 1500 रुपये जुगाड़ हुआ है, मगर इससे शव का दाह-संस्कार नहीं होगा. रानी ने शाम में उप विकास आयुक्त के नाम पत्र दिया कि दाह-संस्कार को लेकर दो हजार रुपये अग्रिम राशि दे, घर में एक रुपया नहीं है.

अनुकंपा पर मिली है रानी को नौकरी

रानी देवी के पिता के नहीं रहने पर अनुकंपा पर नौकरी मिली है. रानी का भाई मानसिक रूप से विक्षिप्त था. इस कारण उसे नौकरी नहीं मिल सकी. रानी देवी अपनी बेटी व भाई के साथ जीवनयापन कर रही है. रानी देवी की दो और बहनें हैं, मीना देवी और सुदनी.

नौ दिसंबर को लगायी थी डीआरडीए निदेशक से गुहार

जिला परिषद के अपर मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी सह डीआरडीए के निदेशक संजय कुमार से चतुर्थवर्गीय कर्मचारी रानी देवी ने वेतन नहीं मिलने की गुहार लगायी थी. कहा कि घर में भाई बीमार है. वेतन नहीं मिलने से इलाज नहीं करा पा रही हूं.

सृजन के पेच में फंसा है पांच माह से वेतन

जिला परिषद में सृजन घोटाला होने के कारण वहां सीबीआइ जांच चल रही है. इस कारण सभी खाता सीबीआइ के पास है. पांच महीने से 18 कर्मचारियों का वेतन भुगतान नहीं हुआ है. कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि सृजन घोटाले अन्य कार्यरत कर्मियों का क्या दोष. अन्य विभाग जैसे डीआरडीए, भू-अर्जन, समाहरणालय जहां अवैध निकासी का मामला प्रकाश में आया था, वहां कार्यरत कर्मियों का वेतन रिलीज हो गया, फिर जिला परिषद का क्यों नहीं. हालांकि, अपर मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि सृजन घोटाला उजागर होने के बाद कैशबुक सहित अन्य कागजात सीबीआइ के कब्जे में है. डीएम ने छह बिंदु पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.

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