सीएम के निर्देश के बावजूद नहीं मिला लाभ

गोपालपुर. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश के बावजूद लाभुक को नहीं मिला लाभ. सीएम ने 2013 में धरहरा की मुन्नी देवी व प्रमोद सिंह की बेटी रानी को गोद में लेकर उसके दरवाजे पर आम के पेड़ को लगाया था. उस बच्ची के मौत गरीबी व समुचित इलाज के अभाव में साल भर बाद ही […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 19, 2017 11:53 AM
गोपालपुर. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश के बावजूद लाभुक को नहीं मिला लाभ. सीएम ने 2013 में धरहरा की मुन्नी देवी व प्रमोद सिंह की बेटी रानी को गोद में लेकर उसके दरवाजे पर आम के पेड़ को लगाया था. उस बच्ची के मौत गरीबी व समुचित इलाज के अभाव में साल भर बाद ही हो गयी. मुन्नी के परिजन की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, मजदूरी कर वह जीविकोपार्जन करते थे.

बावजूद उनका नाम बीपीएल सूची के बजाय एपीएल में दर्ज किया गया था. जिससे उसे न तो राशन मिलता था और न ही इंदिरा आवास की सुविधा. प्रमोद के वृद्ध माता-पिता को भी सामाजिक सुरक्षा के तहत वृद्धा पेंशन का लाभ भी नहीं मिल रहा था. सीएम ने भागलपुर के तत्कालीन डीएम को निर्देश दिया था कि इस परिवार का नाम बीपीएल सूची में दर्ज कर इंदिरा आवास सहित सभी सुविधाएं तत्काल उपलब्ध करवाया जाए. सीएम के निर्देश के बावजूद आजतक इस परिवार को किसी तरह की सुविधा नहीं मिल सकी है.

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