हर दिन नहीं लिया जाता फीडबैक लिया भी तो नहीं होता समाधान

विक्रमशिला के पेंट्रीकार में 20 दिसंबर को फूड इंस्पेक्टर व आरपीएफ ने निरीक्षण के दौरान 21 कार्टून पकड़ा था लोकल पानी समस्या को नोट कर खानापूर्ति करते हैं अधिकारी भागलपुर : ट्रेनों में यात्रियाें को सफर के दौरान होनेवाली असुविधाओं को लेकर रेलवे के अधिकारी सिर्फ खानापूर्ति के लिए फीडबैक लेते हैं. उन समस्याआें का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 23, 2017 6:07 AM

विक्रमशिला के पेंट्रीकार में 20 दिसंबर को फूड इंस्पेक्टर व आरपीएफ ने निरीक्षण के दौरान 21 कार्टून पकड़ा था लोकल पानी

समस्या को नोट कर खानापूर्ति करते हैं अधिकारी
भागलपुर : ट्रेनों में यात्रियाें को सफर के दौरान होनेवाली असुविधाओं को लेकर रेलवे के अधिकारी सिर्फ खानापूर्ति के लिए फीडबैक लेते हैं. उन समस्याआें का समाधान करने में उनकी कोई रुचि नहीं होती है. जब डिवीजन से सख्ती की जाती है, तभी यात्रियों से फीडबैक लिया जाता है. यात्रियों से लिये गये फीडबैक उनकी डायरी में सिमट कर रह जाते हैं. यह फीडबैक सिर्फ विक्रमशिला एक्सप्रेस तक ही सीमित है, जबकि भागलपुर से लंबी दूरी की कई ट्रेनें खुलती हैं. उनमें यह फीडबैक नहीं लिया जाता है. भागलपुर के अधिकारी विक्रमशिला एक्सप्रेस की एसी बोगी और पेंट्रीकार का निरीक्षण करते हैं और ट्रेनों की जानकारी लेते हैं. अगर ट्रेन की एसी बोगी में यात्री कोई समस्या बताते हैं तो उस समय अधिकारी एक्शन लेने की बात तो करते हैं लेकिन वास्तव में एक्शन नहीं होता है.
ट्रेनों से लेकर प्लेटफॉर्म पर बिकता का लोकल पानी
रेलवे हमेशा रेल नीर और रेलवे द्वारा मान्यता वाले पानी की बोतल प्लेटफॉर्म और ट्रेनों में बिकने की बात कहता है. लेकिन प्लेटफॉर्म से लेकर एक्सप्रेस ट्रेनों तक में लोकल पानी बिकता है. इतना ही पेंट्रीकार वाले ही लोकल पानी बेचते हैं. 20 दिसंबर को फूड इंस्पेक्टर और आरपीएफ को विक्रमशिला एक्सप्रेस के पेंट्रीकार के निरीक्षण के दौरान 21 कार्टून लोकल पानी की बोतल मिली. आरपीएफ ने उस पानी को जब्त कर लिया. यही पानी एसी से लेकर स्लीपर बोगी तक के यात्रियों को बेचा जाता है, लेकिन आज तक इस पर रेलवे के अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की.

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