हर साल लाखों खर्च कर बनता है चैनल, नहीं होता स्थायी समाधान

बरारी वाटर वर्क्स. चैनल से इंटक वेल तक पानी आना शुरू एजेंसी के पास स्थायी समाधान की नहीं है कोई योजना भागलपुर : हर साल इंटक वेल से पानी दूर हो जाता है और जलापूर्ति की समस्या होती है. जलापूर्ति की समस्या के समाधान के लिए हर साल गंगा की मुख्य धार से चैनल बना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 27, 2017 5:44 AM

बरारी वाटर वर्क्स. चैनल से इंटक वेल तक पानी आना शुरू

एजेंसी के पास स्थायी समाधान की नहीं है
कोई योजना
भागलपुर : हर साल इंटक वेल से पानी दूर हो जाता है और जलापूर्ति की समस्या होती है. जलापूर्ति की समस्या के समाधान के लिए हर साल गंगा की मुख्य धार से चैनल बना कर वाटर वर्क्स तक पानी लाया जाता है. इस पर हर साल लगभग 50 से 60 लाख रुपये खर्च होते हैं. लेकिन स्थायी समस्या का निदान भी नहीं हो पाया है.
जबकि अगर गंगा के मुख्य धार में स्थायी रूप से पाइप दिया जाये तो इस समस्या का समाधान हो सकता है. विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि गंगा नदी किनारे एक और इंटक वेल बनाना आवश्यक है. गंगा के मुख्य धार से इंटक वेल तक पानी लाने का स्थायी निदान पर एक करोड़ रुपये से अधिक खर्च होंगे. एजेंसी के पास ऐसी कोई योजना नहीं है.
दोनों इंटक वेल के सात में से चार मोटर बंद
इंटक वेल में पानी कम आने के कारण सोमवार से सात में से चार मोटर बंद कर दिये गये थे. तीन मोटर से ही पानी खींचा जा रहा है. सूत्रों की माने तो पानी कम होने से मोटर एयर ले रहा था. इससे चार मोटर बंद कर दिया गया. वहीं चारों पोखर में संचय कर रखा पानी भी घट कर आधा से कम हो गया है. मंगलवार के दोपहर को चैनल बना कर मशीन से गंगा के मुख्य धार से पानी चैनल द्वारा इंटक वेल तक पानी भेजा जाने लगा है. वहीं इंटक वेल के पास मजदूर लगा कर पानी से गाद निकालने का काम हो रहा है. लेकिन दो साल पहले से बने चैनल के नीचे प्लास्टिक के बोरे में में बालू भर कर नहीं रखा गया है. इससे चैनल द्वारा मटमैला पानी इंटक वेल तक जा रहा है. चैनल के पास लगाये गये तीन मोटर में दो मोटर चलाया जा रहा है. तीसरा मोटर भी चलाया जायेगा.

Next Article

Exit mobile version