सीएस को संभालनी पड़ी इलाज की कमान

सदर अस्पताल. ओपीडी में नहीं थे डॉक्टर, बुलाया गया सबौर पीएचसी के प्रभारी को सदर अस्पताल का एचआइवी काउंसेलिंग सेंटर, फिजियोथेरेपी सेंटर, नशा मुक्ति केंद्र, एसएनसीयू, टीबी विभाग रहा बिन डॉक्टर के भागलपुर : सदर अस्पताल में मंगलवार को इलाज के लिए मरीज सदर अस्पताल की ओपीडी में आये. लेकिन वहां पर डॉक्टर न देख […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 27, 2017 5:48 AM

सदर अस्पताल. ओपीडी में नहीं थे डॉक्टर, बुलाया गया सबौर पीएचसी के प्रभारी को

सदर अस्पताल का एचआइवी काउंसेलिंग सेंटर, फिजियोथेरेपी सेंटर, नशा मुक्ति केंद्र, एसएनसीयू, टीबी विभाग रहा बिन डॉक्टर के
भागलपुर : सदर अस्पताल में मंगलवार को इलाज के लिए मरीज सदर अस्पताल की ओपीडी में आये. लेकिन वहां पर डॉक्टर न देख भौचक रह गये. यहां पर कार्यरत करीब एक दर्जन विभाग बिन डॉक्टर के रहे. ओपीडी में एक भी डॉक्टर को न पाकर सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार ने खुद ही इलाज की कमान संभाल ली.
मरीजों के इलाज का प्रेशर बढ़ा तो सिविल सर्जन को सबौर पीएचसी के डॉ राजकमल चाैधरी को इलाज के लिए बुलाना पड़ा. बावजूद ओपीडी में इलाज के लिए आने वाले कई दर्जन मरीजों को बिन इलाज लौटना पड़ा. इसके अलावा सदर अस्पताल के करीब आधा दर्जन विभाग बिन डॉक्टर के सूने रहे. डॉक्टरों की कमी के कारण ही मंगलवार को कई आॅपरेशन तक टालना पड़ा.
डीपीएम गये छुट्टी पर हॉस्पिटल मैनेजर रहे गायब : सदर अस्पताल में मंगलवार को अराजकता का माहौल रहा. सदर अस्पताल के डीपीएम फैजान अशरफी आलम छुट्टी पर गये थे तो हॉस्पिटल मैनेजर जावेद मंगलवार को पूर्वाह्न 11:30 बजे हॉस्पिटल से गायब रहे. इसका परिणाम रहा कि सदर अस्पताल में प्रसव के लिए आयी भीखनपुर की रानी कुमारी, अलीगंज की मीरा रानी व नाथनगर की रेहाना को नर्सों ने यह कह कर मायागंज हॉस्पिटल जाने की सलाह दे डाली कि यहां पर डॉक्टर नहीं है.
मंगलवार को डॉक्टरों के न रहने का परिणाम रहा कि यहां पर कार्यरत आधा दर्जन जांच एवं इलाज सेंटर सूने रहे. यहां के मरीजों का इलाज डॉक्टरों के न रहने के कारण नहीं हुआ. सदर अस्पताल परिसर स्थित एसएनसीयू (सिक नियोनेटल केयर यूनिट), नशा मुक्ति केंद्र, फिजियोथेरपी सेंटर, एक्सरे सेंटर, एचआइवी काउंसेलिंग सेंटर, टीबी केंद्र, नेत्र रोग विभाग, दंत विभाग आदि बिन डॉक्टर के सूने रहे. यहां जांच-इलाज को आने वाले मरीज बिन इलाज को वापस लौट गये. जबकि यहां पर कार्यरत रहा अल्ट्रासाउंड सेंटर पहले से ही बंद है.
कोई छुट्टी पर, तो कोई ट्रेनिंग-वीआइपी ड्यूटी पर था
जब यह जानकारी सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार को मिली तो वे स्वयं ओपीडी में पहुंचे. कहने को स्त्री एवं प्रसूति रोग के लिए सदर हॉस्पिटल में पांच डॉक्टर मौजूद हैं, लेकिन मंगलवार को तीन डॉक्टर छुट्टी पर थी. दो महिला चिकित्सक डॉ अल्पना मित्रा व डॉ सुशीला चाैधरी आयीं तो लेकिन वे बीमार हैं, बोल कर ओपीडी में गयी ही नहीं.
इस बाबत सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार ने बताया कि सदर अस्पताल के डॉ मनीष व डॉ अभिमन्यु को सबौर पीएचसी जबकि डॉ असीम कुमार दास को पीरपैंती अस्पताल इलाज के लिए भेजा गया था. सबौर व पीरपैंती अस्पताल पर एक भी चिकित्सक मंगलवार को नहीं था.
लेकिन बड़ा सवाल यह कि जब पीरपैंती के नजदीकी अस्पताल कहलगांव में पांच चिकित्सक तैनात थे. ऐसे में सदर अस्पताल से डॉक्टर भेजने की क्या जरूरत थी. डॉ मनोज ट्रेनिंग पर गये थे तो निश्चेतक डॉ मनोज दुर्घटना में घायल होनेे के कारण छुट्टी पर हैं. इसके अलावा शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ राकेश कुमार की एयरपोर्ट पर एंबुलेंस ड्यूटी थी.
डॉक्टरों के छुट्टी पर जाने से ओपीडी में इलाज की व्यवस्था कुछ देर बाधित हुई. लेकिन तुरंत ही मरीजों के इलाज की व्यवस्था की गयी. मैने स्वयं ही ओपीडी में 60 मरीजों का इलाज किया. लेकिन इस तरह की अव्यवस्था भविष्य में न हो, इसके लिए सिस्टम की नये सिरे से समीक्षा की जायेगी.
डॉ विजय कुमार, सिविल सर्जन भागलपुर

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