बिहार सृजन घोटाला : अब ईडी ने भी शुरू की की जांच, कसेगा शिकंजा,5 अधिकारी आये, खंगालने लगे कागजात
भागलपुर : सृजन घोटाले की जांच अब ईडी ने भी शुरू कर दी है. सीबीआइ की मांग पर सरकार ने ईडी विभाग(प्रवर्तन निदेशालय) से जुड़े पांच इंस्पेक्टरों को सीबीआइ कार्यालय में प्रतिनियुक्त कर दिया है. पांचों अधिकारी सबौर स्थित सीबीआइ कैंप कार्यालय के बगल में रहेंगे. वे सीबीआइ के साथ समन्वय स्थापित करते हुए बेनामी […]
भागलपुर : सृजन घोटाले की जांच अब ईडी ने भी शुरू कर दी है. सीबीआइ की मांग पर सरकार ने ईडी विभाग(प्रवर्तन निदेशालय) से जुड़े पांच इंस्पेक्टरों को सीबीआइ कार्यालय में प्रतिनियुक्त कर दिया है. पांचों अधिकारी सबौर स्थित सीबीआइ कैंप कार्यालय के बगल में रहेंगे.
वे सीबीआइ के साथ समन्वय स्थापित करते हुए बेनामी संपत्ति के मामले को देखेंगे. इस मामले में आरोपितों की आय से अधिक संपत्ति या फिर अचानक खरीदी गयी चल-अचल संपत्ति के मामले को ईडी के हवाले किया जायेगा. वह अपने स्तर से जांच करेगी. जरूरत हुई तो पूछताछ के लिए बुलाया भी जा सकता है. इसके बाद सीबीआइ गिरफ्तार भी कर सकती है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बहुत जल्द ईडी केअधिकारियों को संपत्ति से संबंधित मामलों को सौंपा जा सकता है. फिर व्यापक जांच व अध्ययन के बाद त्वरित कार्रवाई होगी. बताया जाता है कि सीबीआइ की जांच के अलावा ये मामले अलग से चलेंगे और जरूरत पड़ी तो जांच एजेंसी सीधे गिरफ्तारी भी कर सकती है. इसमें सृजन से लाभ पाने के आरोपित कई धनकुबेर घेरे में आ सकते हैं. इसको लेकर बुधवार से ही सीबीआइ कार्यालय में चहलकदमी बढ़ गयी है. फिलहाल कई लोगों को दो दिनों के अंदर नोटिस भेजने की तैयारी चल रही है. सूत्रों का यह भी कहना है कि बहुत जल्द सरकार की एक अन्य एजेंसी भी सृजन घोटाले की जांच करेगी. लेकिन सभी एजेंसियां का एक-दूसरे से समन्वय होगा.
महालेखाकार की ऑडिट रिपोर्ट
लेने की तैयारी में सीबीआइ
सृजन घोटाले की जांच कर रही सीबीआइ टीम अब महालेखाकार की ऑडिट रिपोर्ट को लेने की तैयारी में है. ऑडिट रिपोर्ट पर वित्तीय एक्सपर्ट ने विभागों को पिछले आठ सालों में दिये गये बजट व उसके अनुपात में योजना पर हुए खर्च का ब्योरा निकाला है. ब्योरे में दिये गये निष्कर्ष सीबीआइ की जांच को और पुख्ता करने में सहायक साबित हो सकते हैं. वित्तीय एक्सपर्ट की दी राय को सीबीआइ चार्जशीट में भी ला सकती है. जिसके आधार पर वे आरोपित पर शिकंजा भी कस सकेगी.
आठ सालों में धनकुबेर बने कर्मियों पर भी नजर
जिले के सरकारी विभागों में पिछले आठ सालों से धनकुबेर बनने वाले कर्मियों पर भी ईडी की नजर है. ये कर्मी किसी न किसी माध्यम से सृजन के करीब हैं. कर्मियों व उनके परिजनों की संपत्ति का भी ब्योरा एकत्र हो रहा है. परिजन के नाम से ली गयी संपत्ति की जांच के दौरान यह देखा जायेगा कि परिजन संबंधित संपत्ति की खरीद करने लायक था या नहीं. अगर लायक नहीं था तो उस संपत्ति को जांच के दायरे में लाया जायेगा. इस तरह पूरा ब्योरा एकत्र होते ही कर्मी को पकड़ने का सिलसिला शुरू होगा. ईडी संपत्ति की खरीद-बिक्री को लेकर भी निबंधन विभाग पर नजर बनाये हुए हैं. वहां होनेवाली रजिस्ट्री को लेकर जांच एजेंसी की गतिविधि बढ़ गयी है.