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कर्मियों को 24 घंटे का िदया गया अल्टीमेटम

सृजन मामले में पूर्व डीएम केपी रमैया की मूल फाइल ढूंढ़ रही सीबीआइ भागलपुर : सृजन में सरकारी पैसे जाने का रास्ता खोलने का काम भागलपुर के पूर्व डीएम केपी रमैया ने किया था. इस संबंध में उन्होंने एक पत्र लिखा था, उसी के बाद सरकारी राशि सृजन के खाते में जाने लगी थी. अब […]

सृजन मामले में पूर्व डीएम केपी रमैया की मूल फाइल ढूंढ़ रही सीबीआइ

भागलपुर : सृजन में सरकारी पैसे जाने का रास्ता खोलने का काम भागलपुर के पूर्व डीएम केपी रमैया ने किया था. इस संबंध में उन्होंने एक पत्र लिखा था, उसी के बाद सरकारी राशि सृजन के खाते में जाने लगी थी. अब घोटाला उजागर होेने पर श्री रमैया के पत्र की मूल फाइल सीबीआइ तलाश कर रही है. इसको लेकर सीबीआइ ने जिला प्रशासन को नोटिस भी जारी किया है. सीबीआइ ने 20 दिसंबर 2003 को पत्रांक संख्या 1136 से जारी उक्त पत्र की फाइल की मांग की है. उस फाइल से सीबीआइ मेहरबानी वाली पूरी प्रक्रिया के रहस्य को उजागर करेगी.
कर्मियों को 24 घंटे…
सृजन घोटाले को लेकर तैयार हो रही चार्जशीट में फाइल को एक अहम आधार बनाया जायेगा.
सृजन में सरकारी पैसा जमा करने को जारी हुआ पहला अधिकारिक पत्र
जानकारों के अनुसार 20 दिसंबर 2003 को भागलपुर के तत्कालीन डीएम केपी रमैया के पत्र से सृजन महिला विकास सहयोग समिति के लिए सरकारी राशि जमा होने का रास्ता बना था. उन्होंने सृजन महिला विकास सहयोग समिति को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से सभी विभागों, प्रखंड व अंचल को निर्देश दिया था कि वह सरकारी राशि को सृजन समिति के खाता में जमा करायें. इस पत्र को लेकर तत्कालीन डीएम ने पत्रांक संख्या डीआरडीए से लिया. इस बात का उल्लेख प्रशासन के पास इश्यू रजिस्टर में है. इसमें इश्यू नंबर 20 दिसंबर 2003 और पत्रांक संख्या 1136 का उल्लेख है. मगर इश्यू हुआ यह पत्र तत्कालीन डीएम ने डीआरडीए में संबंधित संचिका (फाइल) में लगाने के लिए नहीं भेजा था.
डीएम केपी रमैया के निर्देश पर नौ प्रखंड व डीआरडीए ने भेजी राशि
डीएम केपी रमैया के निर्देश का हवाला देते हुए नौ प्रखंड व डीआरडीए ने अपने सरकारी राशि को सृजन समिति के खाता में ट्रांसफर किया था. इन प्रखंडों में सन्हौला, सबौर, खरीक, कहलगांव, नवगछिया, नाथनगर, जगदीशपुर, गोराडीह व पीरपैंती शामिल थे. इसके अतिरिक्त डीआरडीए ने भी अपनी राशि सृजन को दे दी थी. वर्ष 2002-03 से समिति में खाता खुलने का सिलसिला शुरू हुआ. वर्ष 2008 में वित्त विभाग के कड़े निर्देश पर यह बंद हो गया, पर वर्ष 2011 तक डीआरडीए का खाता सृजन समिति में चलता रहा. वित्त विभाग के निर्देश के बावजूद खाता खुला रहना एक जांच का विषय है.
प्रधान सहायक से लेकर परिचारी तक को लगाया
सीबीआइ के दबाव के बाद जिला विकास शाखा के वरीय प्रभारी ने शुक्रवार को अपने शाखा के प्रधान सहायक, लिपिक व परिचारी तक को अल्टीमेटम जारी किया है. सबको कड़ा निर्देश दिया गया है कि किसी भी तरह 24 घंटे के भीतर उक्त पत्र को खोजें. क्योंकि यह मूल फाइल सीबीआइ द्वारा बार-बार मांगी जा रही है. ऐसा नहीं हुआ तो भुगतना होगा. मिली जानकारी के अनुसार पहले शाखा से पत्रांक व दिनांक लिया गया था. इस पत्र का खुलासा अगस्त में एसडीआइटी द्वारा पूर्व सहकारिता पदाधिकारी पंकज झा के ठिकाने पर हुई छापेमारी में हुआ था.
सृजन में पैसा जमा करने का जारी हुआ था पहला अधिकारिक पत्र
घोटाला उजागर होने पर घोटालेबाज मूल फाइल गायब करने के फिराक में थे
विकास शाखा से डील फाइल अचानक हुई गायब अभी तक रहस्य है कायम
मूल फाइल नहीं मिली, तो हो सकती है एक और प्राथमिकी
भू अर्जन शाखा से बाइपास के 32 मौजा नक्शावाली फाइल में पूर्व भू अर्जन पदाधिकारी राजीव रंजन सिंह पर प्राथमिकी हुई थी. इस तरह पूर्व डीएम केपी रमैया की मूल फाइल के गायब होने पर भी प्राथमिकी हो सकती है.

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