जल संकट. जल समस्या को लेकर नगर आयुक्त, मेयर व डिप्टी मेयर ने पार्षदों के साथ की बैठक
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पीएचइडी व निजी एजेंसी करेगी पानी की जांच
जल संकट. जल समस्या को लेकर नगर आयुक्त, मेयर व डिप्टी मेयर ने पार्षदों के साथ की बैठक भागलपुर : शहर में पिछले एक माह से गहराये शुद्ध पेयजल संकट से अभी भी शहर के लोग उबर नहीं पाये हैं. अभी भी पानी की जांच प्रक्रिया में ही नगर निगम उलझा हुआ है. आम लोग […]
भागलपुर : शहर में पिछले एक माह से गहराये शुद्ध पेयजल संकट से अभी भी शहर के लोग उबर नहीं पाये हैं. अभी भी पानी की जांच प्रक्रिया में ही नगर निगम उलझा हुआ है. आम लोग असमंजस (पानी पीएं कि नहीं) में है. नगर निगम ने अभी तक पीएचइडी से पानी की जांच करायी. अब नगर निगम के अधिकारी कह रहे हैं कि यह तो ऑब्जर्वेशन रिपोर्ट है. फाइनल रिपोर्ट के लिए फिर से उतनी ही प्रक्रिया पूरी की जानी है, जो इससे पहले हो चुकी है. नगर निगम अभी तक इस बात का खुलासा नहीं कर पाया है कि आखिर शहर को शुद्ध पेयजल कब तक आपूर्ति करेगा. बुधवार को हुई पार्षदों की बैठक में पानी की फैक्चुअल जांच कराने पर रजामंदी बनी है.
इसकी रिपोर्ट आने के बाद जलापूर्ति करानेवाली पैन इंडिया एजेंसी पर फैसला लेने का पार्षदों ने निर्णय लिया. बैठक में मेयर सीमा साहा, डिप्टी मेयर राजेश वर्मा व नगर आयुक्त श्याम बिहारी मीणा के साथ विभिन्न वार्डों के पार्षद शामिल हुए थे. इससे पहले बैठक में पार्षदों ने वाटर वर्क्स के पानी पर जब सवाल उठाया, तो नगर आयुक्त श्याम बिहारी मीणा ने कहा कि भागलपुर की यह नयी बात नहीं है. दिसंबर से नाला का पानी आता है. साढ़े तीन किलोमीटर दूर बाबूपुर मोड़ के समीप से पानी लाना है. एक नया इंटकवेल बनाना है. इसे लेकर नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव से बात की है. इसे लेकर ही पटना की टीम आ रही है.
सभी वार्डों में प्याऊ लगेंगे, पहले कहां से शुरू हो, तय करें पार्षद : फिर पार्षदों ने वाटर वर्क्स से आनेवाले पानी को लोगों को पीने के काम में लाने से रोकने का प्रस्ताव दिया. इस पर उन्होंने कहा कि अब तक जो भी जांच हुई है, वह प्राथमिक जांच है. प्राथमिक जांच से अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सकता. अभी लीगल रूप से किसी भी रिपोर्ट को प्रस्तुत नहीं कर सकते हैं. इसके लिए चार लाख रुपये खर्च होगा. तभी रिपोर्ट जारी किया जा सकेगा. समुचित जलापूर्ति की मांग पर नगर आयुक्त श्री मीणा ने कहा कि अभी आंतरिक संसाधन मद में इतना पैसा नहीं है कि सभी वार्ड में तुरंत प्याऊ लगाया जाये.
इसके लिए भीषण जल संकट वाले वार्ड का चयन करें, जहां से प्याऊ लगाने का काम शुरू हो सके. हालांकि सभी वार्ड में प्याऊ लगाया जायेगा. इस पर डिप्टी मेयर राजेश वर्मा ने पंचम वित्त आयोग से आये पैसे की चर्चा की, तो नगर आयुक्त श्री मीणा ने कहा कि जलापूर्ति के लिए चार करोड़ रुपये हैं, जो पैन इंडिया के जरिये खर्च होगा. फिर पार्षदों ने पैन इंडिया पर सवाल उठाते हुए थोड़ा विरोध जताया. हालांकि यह विरोध ज्यादा देर तक नहीं हुआ.
वाटर वर्क्स के बगल में नहीं आ रहा पीने लायक पानी : डिप्टी मेयर राजेश वर्मा ने विभिन्न वार्ड के पार्षदों के साथ वाटर वर्क्स के पानी व वहां की व्यवस्था का निरीक्षण किया. पार्षद प्रसेनजीत सिंह उर्फ हंसल सिंह, प्रमोद लाल, दिनेश तांती, उमर चांद आदि ने इंटकवेल, चैनल से लाया जा रहा पानी में झाग को देखा. फिर वाटर वर्क्स के सभी तालाब, पानी को साफ करने की व्यवस्था, ब्लिचिंग पाउडर व अन्य कैमिकल को देखा. हरेक जगह कोई न कोई समस्या पायी.
उनके साथ पैन इंडिया के इंजीनियर थे. वे खुद इस बात को मान रहे थे, कि नाला के पानी को साफ करने की तकनीक नहीं है. इसे साफ करना संभव नहीं है. इसके लिए पास के जनता नल का पानी देखा गया. इसमें पाया, कि ब्लिचिंग पाउडर व अन्य कैमिकल की गंध थी.
गंगा का जल ही उपयुक्त : पार्षद पेयजल संकट से निबटने के लिए डीप बोरिंग लगाने की मांग कर रहे थे. इस पर नगर आयुक्त ने कहा कि गंगा का पानी ही शहर के लोगों के लिए उपयुक्त होगा. ग्राउंड वाटर लगातार लोगों को उपलब्ध कराना संभव नहीं है. इसमें भी फ्लोराइड व आर्सेनिक की समस्या आयेगी.
ऑब्जर्वेशन रिपोर्ट पर पैन इंडिया एजेंसी का विरोध, फैक्चुअल जांच कराने पर हुई रजामंदी
पटना से टीम आकर मुख्य धार से पानी लाने को लेकर करेगी जांच, ताकि दिसंबर से होने वाली समस्या का हो स्थायी समाधान
नया इंटकवेल स्थापित करने के लिए आ रही है टीम, बाबूपुर घाट से पानी लाने की होगी व्यवस्था
आज आ सकती है नगर विकास विभाग की टीम : बरारी वाटर वर्क्स में पानी की कमी को लेकर नगर विकास व आवास विभाग की गठित टीम बुधवार को नहीं पहुंच सकी. टीम के गुरुवार को शहर पहुंचने की संभावना है. टीम नगर आयुक्त के नेतृत्व में बनी है. नगर आयुक्त श्याम बिहारी मीणा ने बताया कि जांच टीम को आने में देरी हो गयी. एक-दो दिनों में आयेगी और शहर में शुद्ध जलापूर्ति की सुविधा तलाशी जायेगी. इसमें शहर के तीन किलोमीटर दूर मुख्य धार से पानी लाने को लेकर संभावना तलाशी जायेगी.
टैंकर से आपूर्ति करें बोरिंग का पानी, नहीं तो उग्र आंदोलन
वाटर वर्क्स में गंगा के पानी को साफ करने का उपयुक्त तकनीक है. ऐसे में शहर के 12 वार्डों के लोगों को गंदा पानी सप्लाइ किया जा रहा है. पैन इंडिया सभी 12 वार्डों में टैंकर से बोरिंग का पानी आपूर्ति करे. मुख्य धार से पानी लाकर साफ करें. फिल्टर चेंज कर उच्च तकनीक का इस्तेमाल करे. नहीं तो सभी 51 वार्डों के पार्षद एकजुट होकर उग्र आंदोलन करेंगे. उक्त बातें डिप्टी मेयर राजेश वर्मा ने मेयर सीमा साहा व पार्षदों की सहमति के बाद कही. डिप्टी मेयर श्री वर्मा ने कहा कि पैन इंडिया को यहां से भगाने से समाधान नहीं होगा. पेयजल संकट से निबटने के लिए पहले समाधान ढूंढ़ने की जरूरत है. उसके बाद पैन इंडिया के खिलाफ आंदोलन होगा. बैठक की अध्यक्षता करते हुए मेयर सीमा साहा ने पार्षदों से पेयजल संकट को लेकर सुझाव मांगा और कहा कि जनहित में हर निर्णय मान्य होगा. उन्होंने पूर्व डिप्टी मेयर डॉ प्रीति शेखर को पूर्व के अनुभव के आधार पर विचार रखने को कहा.
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