भागलपुर : सृजन घोटाले के आरोपित अमरेंद्र यादव को दो दिनों तक पूछताछ करने के बाद सीबीआइ ने गिरफ्तार कर जेल लेकर चली गयी. उसे सीबीआइ ने जेल में प्रवेश कराने के कुछ ही देर बाद वापस तीन दिनों के रिमांड पर ले लिया. सृजन घोटाला मामले में सीबीआइ द्वारा की गयी यह पहली और अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है. सूत्रों ने बताया कि पूछताछ के लिए हिरासत में लिये गये अमरेंद्र को सीबीआइ ने दो दिनों तक पूछताछ की. मामले में आरोप सिद्ध हो जाने के बाद सीबीआइ ने अमरेंद्र को गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद सीबीआइ ने न्यायालय में पेश कर उसे न्यायिक हिरासत में भेजने और साथ ही कस्टडी के परमिशन के लिए भी ‘प्रे’ किया. न्यायालय के आदेश पर अमरेंद्र को जुब्बा सहनी केंद्रीय कारा ले जाया गया, जहां इन कराने के बाद सीबीआइ ने फौरन उसे तीन दिनों के रिमांड में ले लिया.
सर्किट हाउस से भाग गया था अमरेंद्र
पिछले वर्ष सात अगस्त को तिलकामांझी थाने में फर्जीवाड़ा मामले की प्राथमिकी दर्ज कराने में अमरेंद्र परिवादी है. इस घटना में मुख्यमंत्री नगर विकास योजना के 12 करोड़ 20 लाख 15 हजार 75 रुपये सृजन के खाते में ट्रांसफर किये जाने का मामला दर्ज है. नजारत शाखा का लिपिक अमरेंद्र कुमार यादव सितंबर 2017 में सदर हॉस्पिटल स्थित सीएस कार्यालय में गठित की गयी मेडिकल बोर्ड के समक्ष हाजिर हुआ था. चिकित्सकों के समक्ष दिये बयान में अमरेंद्र ने कहा था कि उसे अंधेरे व बंद कमरे से डर लगता है. इसी कारण वह इससे बचने के लिए डीएम कार्यालय से भाग निकला था. वहां से निकलने के बाद वह पहले बनारस फिर आजमगढ़ चला गया था. वहां वह अपनी मानसिक बीमारी का इलाज कराता रहा. अमरेंद्र से पूर्व में सीबीआइ पूछताछ भी कर चुकी है. मेडिकल बोर्ड ने जिलाधिकारी को रिपोर्ट भी सौंप दी थी. सूत्र बताते हैं कि इस बीच अमरेंद्र भागलपुर के तिलकामांझी इलाके में रह रहे थे.