टोपला ने 15 दिनों तक अकबरनगर दियारा में ली थी शरण

घटना के बाद की कहानी : बीवी बच्चे के साथ हर माह बदलता था ठिकाना डबलू अकबरनगर : दारोगा की हत्या के बाद टोपला की गिरफ्तारी के लिए तत्कालीन एसएसपी ने टीम गठित की थी. बसंतपुर गांव से लेकर टोपला की ससुराल तक पुलिस ने दबिश दी, लेकिन वह हाथ नहीं आया. कहा जाता है […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 5, 2018 3:53 AM
घटना के बाद की कहानी : बीवी बच्चे के साथ हर माह बदलता था ठिकाना
डबलू
अकबरनगर : दारोगा की हत्या के बाद टोपला की गिरफ्तारी के लिए तत्कालीन एसएसपी ने टीम गठित की थी. बसंतपुर गांव से लेकर टोपला की ससुराल तक पुलिस ने दबिश दी, लेकिन वह हाथ नहीं आया. कहा जाता है उस दौरान 15 दिनों तक दियारा में छुप कर रहा. गांव में इस बात की चर्चा है कि उस दौरान उसने दियारा के किसी कुख्यात अपराधी सरगना की शरण ले रखी थी.
पुलिस की दबिश बढ़ने लगी, तो टोपला ने दूसरे राज्य चला गया. टोपला पहले दिल्ली में नाम-पता बदलकर रहा. जब उसे भनक लगी कि पुलिस ने उसके ठिकाने का पता लगा लिया है, तो उसने ठिकाना बदलना शुरू कर दिया. टोपला की पत्नी और बच्चे जब ससुराल व मायके से गायब हो गये, तो पुलिस की परेशानी बढ़ गयी. बताया जाता है कि टोपला बीवी-बच्चों के साथ हर माह ठिकाना बदल लेता था.
दिल्ली के बाद उसने अमृतसर, चंड़ीगढ व लुधियाना को अपना ठिकाना बनाया. हरियाणा में वह अपने परिवार के साथ नाम-पता गलत बता कर रह रहा था. वह अपने घर व ससुराल के लोगों से भी संपर्क नहीं करता था. इसके परिजनों ने बताया कि कई बार हमलोगों ने टोपला से संपर्क कर उसे पुलिस के हवाले करने की भी योजना बनायी, लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली.
14 साल की उम्र से ही आपराधिक गतिविधि में हो गया था शामिल
ग्रामीण सूत्रों का कहना है कि टोपला तीन भाइयों में मंझला है. इसके एक भाई की मौत हो चुकी है. इसके परिवार के सदस्य खेतीबारी व मजदूरी करते हैं. वर्ष 2011 में इसके पिता बाटो यादव की मौत हो गयी, तो टोपला पर दियारा में खेतीबारी की जिम्मेदारी आ गयी. इसी दौरान इसका संपर्क दियारा के अपराधियों से हुआ. ग्रामीणों का कहना है कि टोपला 14 वर्ष की उम्र में ही छोटी-छोटी अापराधिक घटनाओं को अंजाम देने लगा था.
शादी के बाद इसने दियारे में खेतीबारी का काम छोड़ दिया और अकबरनगर-शाहकुंड थाना क्षेत्र में अापराधिक गतिविधि में संलिप्त हो गया.
हथियार लहराते हुए मांग रहा था 50 रुपये रंगदारी: जिस रात दारोगा अविनाश की हत्या हुई, उस रोज दिन में टोपला ने शराब के नशे में पचरूखी बाजार में दुकानदारों पर हथियार लहराया था. देर शाम वह अपने साथियों के साथ खुलनी बहियार के बांध पर किसी अपराधिक घटना को अंजाम देने की योजना बना रहा था.

Next Article

Exit mobile version