बेड पर कांप रहा था बीमार कल्लू राम चेकअप लिख खिसक गये डॉक्टर

जेएलएनएमसीएच : एमसीआइ टीम के जाते ही बदल गयी व्यवस्था भागलपुर : इमरजेंसी के सर्जरी वार्ड में भर्ती बांस बरेली लखनऊ का कल्लूराम (35) कांप रहा था. डॉक्टर ने इमरजेंसी की गैलरी में खड़े-खड़े उसकी नब्ज थामा और कुछ जांच (आरबीएस, सीबीसी, अल्ट्रासाउंड आदि) लिखा और चल दिये. कल्लूराम बेड पर पड़े-पड़े बुरी तरह से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 5, 2018 4:02 AM
जेएलएनएमसीएच : एमसीआइ टीम के जाते ही बदल गयी व्यवस्था
भागलपुर : इमरजेंसी के सर्जरी वार्ड में भर्ती बांस बरेली लखनऊ का कल्लूराम (35) कांप रहा था. डॉक्टर ने इमरजेंसी की गैलरी में खड़े-खड़े उसकी नब्ज थामा और कुछ जांच (आरबीएस, सीबीसी, अल्ट्रासाउंड आदि) लिखा और चल दिये. कल्लूराम बेड पर पड़े-पड़े बुरी तरह से कांप रहा था. पूछने पर उसने बताया कि उसके पेट व सीने में दर्द था. सुबह करीब साढ़े दस बजे से भरती कल्लू राम को दोपहर बाद ढाई बजे तक न तो खाना मिला था और न ही दवा.
उसे लाने वाले लोग नर्स से लेकर कंट्रोल रूम तक सहायता के लिए गुहार लगा रहे थे. यह नजारा था रविवार को मायागंज हॉस्पिटल का. शनिवार को दिन भर एमसीआइ टीम मायागंज हॉस्पिटल में रही, तो उस वक्त मायागंज हॉस्पिटल की सेवाएं और नजारा किसी नर्सिंग होम की तरह था. एक मरीज की इमरजेंसी में इंट्री होती, तो एक डॉक्टर उसका बीपी नापता तो दूसरा उसका नब्ज-पल्स माप उसे इंजेक्शन आदि देने के बाद नर्स को दवा आदि देने की सलाह दे देता था. नर्स भी चंद मिनट में उसे जरूरी दवा या स्लाइन चढ़ा देती थी.
मरीजों के बेड पर शनिवार को साफ चादर बिछा था, लेकिन रविवार को इमरजेंसी में भर्ती करीब आधा दर्जन मरीजों को चादर मिला ही नहीं था. सुरक्षा व्यवस्था शनिवार को ऐसी थी कि इमरजेंसी, मेडिसिन, पीडिया व स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में भर्ती मरीज वहां तैनात अटेंडेंट व नर्सों के हवाले थे. तीमारदारों को गेट के बाहर ही रोक दिया गया था. जरूरत पड़ने पर उनकी इंट्री थी. रविवार को दोपहर बाद करीब डेढ़ बजे स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग, मेडिसिन विभाग, आइसीयू, सर्जरी, इमरजेंसी विभाग समेत हॉस्पिटल के एक भी इंट्री प्वाइंट पर गार्ड नहीं दिखा. तीमारदार बेरोक-टोक आ जा रहे थे.
गर्भवती करायें थायराइड जांच, नहीं तो मंदबुद्धि होगा बच्चा
प्रसिद्ध स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ सह फॉग्सी की सचिव डॉ इमराना रहमान ने कहा कि अगर आप गर्भवती हो तो थायरायड की जांच करानी चाहिए. नहीं तो आपके गर्भ में पल रहा बच्चा मंदबुद्धि वाला हो सकता है. वे होटल राजहंस में ‘थायराइड डिसआर्डर इन प्रेग्नेंसी’ विषयक सेमिनार में बाेल रही थीं. उन्होंने बताया कि पांच से छह प्रतिशत गर्भवती महिलाओं में थायराइड के लक्षण पाये जाते हैं.
ऐसी महिलाओं को टीपीओ एंटी बॉडी जांच जरूर करानी चाहिए. थायराइड की गोली हर हाल में खाली पेट खानी चाहिए. साथ ही आयरन, कैल्शियम, विटामिन की गोली या फिर चाय-कॉफी किसी भी सूरत में न लें. अध्यक्षता डॉ अल्पना मित्रा ने की. मौके पर डॉ अर्चना झा, डॉ आरएन झा, डॉ लीना नॉयर, डॉ रोमा यादव, डॉ वीना सिन्हा, डाॅ शैलबाला श्रीवास्तव आदि मौजूद रही.

Next Article

Exit mobile version