नियम ताक पर जीपीएस फेल शुरू हुआ बालू चोरी का खेल
कार्रवाई. आदमपुर में दर्ज हुआ बालू चोरी का पहला मामला भागलपुर : लाख नियमों और नकेल के बावजूद बालू का अवैध कारोबार भागलपुर समेत आसपास के जिलों में धड़ल्ले से किया जा रहा है. गुरुवार को आदमपुर थाना में जिला विकास खनन पदाधिकारी ने बालू के धांधली से संबंधित एक केस दर्ज करवाया है. इसमें […]
कार्रवाई. आदमपुर में दर्ज हुआ बालू चोरी का पहला मामला
भागलपुर : लाख नियमों और नकेल के बावजूद बालू का अवैध कारोबार भागलपुर समेत आसपास के जिलों में धड़ल्ले से किया जा रहा है. गुरुवार को आदमपुर थाना में जिला विकास खनन पदाधिकारी ने बालू के धांधली से संबंधित एक केस दर्ज करवाया है. इसमें बंदोबस्ती घाटों के पांच रिटेलरों के विरुद्ध केस दर्ज करवाया गया है.
पुलिस को दिये गये लिखित आवेदन में यह शिकायत की गयी है. ई टेंडर पर जनवरी माह में करीब 2500 वाहन में बालू बुक किया गया था. बंदोबस्ती घाटों से सभी वाहन बालू लेकर निकले तो थे. पर वे अपने गंतव्य तक नहीं पहुंचे. 25 जनवरी से 31 जनवरी के बची 226 सीएफटी बालू का ऑर्डर हुआ था. उनमें से अधिकतर ऑर्डर लोगों को पहुंचे ही नहीं. जिला विकास खनन पदाधिकारी घनश्याम झा ने बताया कि भागलपुर के रहने वाले कुछ लोगों ने ई टेंडर के जरिए बालू का ऑर्डर दिया था.
कुछ लोगों को ऑर्डर पहुंचा ही नहीं. मामले में कई दिनों से विभाग के पास भी इसकी शिकायत आ रही थी. इसके बाद टीम गठित कर ई टेंडर के जरिए पांच दिनों के ऑर्डर को ट्रैक किया गया. मामले में रिटेलर संतोष कुमार गुप्ता, मिथिलेश यादव कमल यादव, मंटुन कुमार, गौरव कुमार की संलिप्तता पायी गयी है. इन सभी के विरुद्ध धोखाधड़ी, गबन समेत खनन अधिनियम के तहत केस दर्ज करवाया गया है.
जीपीएस लगने के बाद बालू माफियाओं ने बदला ट्रेंड
मिली जानकारी के अनुसार ई टेंडर प्रक्रिया के बाद सेटल बालू निकाल कर रिटेलर को दे देता है जिसके बाद रिटेलर अपने वाहनों पर उन्हें लोड करवा कर निर्धारित स्थान को जीपीएस में फीड कर भेजता है. मामले से यह साफ है कि बालू माफियाओं और रिटेलर के सांठगांठ के बाद उक्त बालू को उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के बजाए अन्यत्र भेज दिया जाता है. भागलपुर जिला में इस तरह का पहला मामला संज्ञान में आने के बाद उक्त प्रक्रिया का पता चला.