दफ्तर खुलवाया, की जांच, पूछे कई सवाल

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By Prabhat Khabar Digital Desk | February 14, 2018 3:45 AM

नगर आयुक्त थे बाहर, पहुंची प्रशासन की टीम

टीम में एक स्मार्ट सिटी के नामित सदस्य व दो अन्य शामिल थे
भागलपुर : नगर आयुक्त श्याम बिहारी मीणा मंगलवार कार्यालय में नहीं थे. निगम परिसर स्थिति उनके कार्यालय में ताला लगा था. इसी बीच शाम पांच बजे निगम परिसर में प्रमंडलीय आयुक्त के सचिव सुभाष झा, सदर डीसीएलआर संजय कुमार सिन्हा तथा स्मार्ट सिटी के नामित जिला लेखा पदाधिकारी राजेंद्र चंद्रवंशी पहुंचे. अचानक प्रशासन की टीम के आने और वो भी शाम में, निगम कर्मचारी हैरत में पड़ गये. उन लोगों ने तीनों लोगों से आने का प्रयोजन पूछा. इस पर तीनों ने बताया कि वो वरीय अधिकारी के निर्देश पर कुछ जानकारी लेने आये हैं. उन लोगों ने शाखा के प्रभारी के साथ बैठक की और स्मार्ट सिटी के जिम्मे वाले काम के बारे में चर्चा की.
क्या-क्या पूछा : टीम ने एक-एक कर्मचारी से उसकी जन्मतिथि से लेकर निगम में नियुक्ति की तिथि के संबंध में पूछा. कौन क्या करता है, इसकी जानकारी ली. कौन कहां बैठता है और स्मार्ट सिटी की योजना में किसकी क्या भागेदारी है, इसके संबंध में जानकारी ली.
चर्चा में रहा नगर आयुक्त का कार्यालय खुलवाना : टीम के सदस्यों ने नगर आयुक्त की अनुपस्थिति में उनके चैंबर को खुलवाया. ऐसा पहली बार हुआ है कि कोई नगर आयुक्त नहीं हो और उसका कार्यालय खोल कर कोई दूसरा अधिकारी वहां पर बैठक करे. टीम के सदस्यों ने कुछ घंटे चैंबर बिताये. चैंबर में ही पीडीएमसी के प्रतिनिधि व कंप्यूटर ऑपरेटर से बातचीत की. पीडीएमसी से स्मार्ट सिटी योजना पर हुए खर्च के बारे में विस्तार से पूछा गया.
प्रशासनिक टीम ने दौरे की यह बतायी वजह : प्रशासनिक टीम के मुताबिक, दिसंबर में स्मार्ट सिटी बोर्ड की बैठक में वित्तीय लेखा-जोखा जांच को लेकर जिला लेखा पदाधिकारी राजेंद्र चंद्रवंशी को नामित किया गया था. उसी वक्त यह तय हुआ था कि नामित सदस्य पीडीएमसी के वित्तीय लेखा-जोखा तथा ऑडिट संबंधी मामले की जांच करेंगे. इसी को लेकर सदर डीसीएलआर संजय कुमार सिन्हा को भी आयुक्त कार्यालय बुलाया गया था. मंगलवार को निगम गयी प्रशासनिक पदाधिकारियों की टीम का नेतृत्व आयुक्त के सचिव सुभाष कुमार झा ने किया.
निगम में थी चर्चा, परदे के पीछे कहीं वो तो नहीं : निगम कार्यालय में इस औचक निरीक्षण को लेकर तरह-तरह की चर्चा हो रही थी. कर्मी अवाक थे कि अचानक प्रशासन की टीम क्यों और कैसे आ गयी. ऐसा क्या हो गया कि पहली बार नगर आयुक्त के नहीं रहने पर कोई बाहर से आया और उनके कार्यालय को खोलवा कर वहां बैठक की. यह भी चर्चा है कि पहले के निजाम में निगम में प्रशासनिक गतिविधि के पीछे कोई ‘ और ‘ भी था. यह ‘ और ‘ निगम कार्यालय में हर तरह के काम को लीड करता था, कहीं वही तो नहीं अभी भी है और इस निरीक्षण के पीछे उसी को चिह्नित करने की कवायद तो नहीं.
सभी कर्मियों से जन्मदिन से लेकर नियुक्ति तिथि तक की ली जानकारी
स्मार्ट सिटी की एक्सपर्ट एजेंसी से खर्च से संबंधित कागजात की मांग

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