7.81 अरब रुपये के घाटे का अनुमानित बजट पारित

टीएमबीयू . सीनेट की बैठक में अतिथि व्याख्याता, गाड़ी खरीद, वेतन, प्रमोशन, खेल व शिक्षा में गुणवत्ता के मामले छाये सिंडिकेट सदस्य डॉ संजीव सिंह व सीनेट सदस्य डॉ विलक्षण रविदास बताने लगे नियम-परिनियम भागलपुर : तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के मारवाड़ी कॉलेज में गुरुवार को सीनेट की बैठक हंगामेदार रही. ध्वनि मत से सात अरब, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 16, 2018 7:10 AM

टीएमबीयू . सीनेट की बैठक में अतिथि व्याख्याता, गाड़ी खरीद, वेतन, प्रमोशन, खेल व शिक्षा में गुणवत्ता के मामले छाये

सिंडिकेट सदस्य डॉ संजीव सिंह व सीनेट सदस्य डॉ विलक्षण रविदास बताने लगे नियम-परिनियम
भागलपुर : तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के मारवाड़ी कॉलेज में गुरुवार को सीनेट की बैठक हंगामेदार रही. ध्वनि मत से सात अरब, 81 करोड़, 13 लाख, 14 हजार 50 रुपये का घाटे का अनुमानित बजट पारित हुआ. विवि के वार्षिक प्रतिवेदन पास करने का मामला कुछ देर के लिए अटक गया. सीनेट सदस्य डॉ संजीव कुमार सिंह ने कहा कि पूर्व में सिंडिकेट की बैठक में वार्षिक प्रतिवेदन में कई प्रकार की गड़बड़ी थी. इसमें सुधार हुआ या नहीं, सदन को नहीं बताया गया है. प्रतिवेदन भी उपलब्ध नहीं कराया गया है. फिर कैसे वार्षिक प्रतिवेदन को पास किया जाये. विवि दूसरी बैठक बुला प्रतिवेदन में सुधार कर सदस्यों को विस्तार से बताये,
इसके बाद ही सदन वार्षिक प्रतिवेदन को मंजूरी प्रदान करेगी. सदस्य डॉ विलक्षण रविदास ने इसका विरोध किया. उन्होंने कहा कि पहले से बजट के साथ विवि का वार्षिक प्रतिवेदन भी पास किया जाता रहा है. इस मामले में दोनों सदस्यों में नोकझोंक हो गयी. सदस्य डॉ संजीव सिंह ने कहा गड़बड़ी सुधार के बाद ही मंजूरी दी जायेगी. मामला बिगड़ता देख दूसरे सदस्यों को दोनों को शांत कराया. कुलपति के निर्देश पर वार्षिक प्रतिवेदन में सुधार के लिए कमेटी बनाने की घोषणा की गयी.
इसके बाद सदन ने ध्वनि मत से वार्षिक प्रतिवेदन को मंजूरी प्रदान की. पांच घंटे चली सीनेट बैठक में अतिथि व्याख्याता, गाड़ी खरीद मामला, वेतन, प्रमोशन, खेल गतिविधि व शिक्षा में गुणवत्ता लाने का मामला छाया रहा. सदस्य ने विवि प्रशासन को कार्य में पारदर्शिता बनाये लाने पर जोर दिया. सदस्यों ने कहा कि विवि प्रशासन चाटुकार लोगों से बचे और मामले में खुद निर्णय लेे.
प्रोवीसी प्रो रामयतन प्रसाद ने बजट अभिभाषण पढ़ा. संचालन रजिस्ट्रार प्रो शंभुनाथ चौधरी ने किया. बैठक में लगभग 100 सीनेट सदस्य शामिल हुए.
सदस्य ने कहा- विवि प्रशासन कामों में पारदर्शिता लाये, चाटुकारों से बचे, खुद ले अहम निर्णय
विवि का बजट एक नजर में
विवि कार्यालय व संबद्ध इकाई 85,35,60,247
पीजी व संबद्ध इकाई 59, 13,06995
30 अंगीभूत कॉलेज 2, 71,24,42,717
छात्रावास 1,47,61,198
पेंशन व अन्य सेवानिवृत्ति लाभ 2,21,93,62, 307
विभिन्न बकाये मद 1,49,94,87,011
नये पाठ्यक्रम 17, 00, 00, 000
संविदा कर्मियों के पारिश्रमिक मद 3,44,82, 000
व्यय के प्रावधान का कुल योग 7,89,54,02,475
आंतरिक स्रोत से अनुमानित आय का 8,40,88,425
कुल अनुमानित घाटा 7,81,13,14,050
किसी ने पूर्व प्रोवीसी, तो किसी ने प्रो एसके चौधरी को बताया विद्वान
भागलपुर. सीनेट में विद्वान शिक्षक बताने के लिए सीनेट सदस्यों में होड़ लगी रही. एक ग्रुप के सदस्य पूर्व प्रोवीसी प्रो एके राय को विद्वान बताने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे थे. वहीं दूसरे ग्रुप के सदस्य पीजी बॉटनी विभाग के प्रो एसके चौधरी को विवि का सर्वश्रेष्ठ विद्वान बताने में लगे रहे.
छह थानों की पुलिस सुरक्षा में सीनेट बैठक : सीनेट बैठक में किसी प्रकार का बाधा नहीं पहुंचे. विवि के आवेदन पर छह थानों की पुलिस की मारवाड़ी कॉलेज कैंपस में तैनाती रही.
कॉलेज के चप्पे-चप्पे में पुलिस के जवान तैनात थे. पुलिस आंदोलन कर्मियों को कॉलेज में घुसने से रोक रहे थे.
खेल के नाम पर खानापूर्ति
भागलपुर. सीनेट सदस्य मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि विवि में खेल की खानापूर्ति हो रही है. एकलव्य व तरंग के नाम पर छात्रों से पैसा वसूला जा रहा है. विवि में खेल संबंधित आधारभूत संरचना नहीं है. खिलाड़ियों को अच्छा कोच नहीं मिल रहा है. खेल मद में आयी राशि का अता-पता नहीं है. दरभंगा विवि में आयोजित ईस्ट जोन कबड्डी प्रतियोगिता में जर्सी के कारण मार्च पास्ट से विवि की टीम को बाहर किया गया था. विवि ने आनन-फानन में जांच करने के लिए कमेटी बना दी. कार्रवाई के नाम पर एक बैठक की गयी है. देश भर में मलखंभ के नाम से जाने वाला विवि में यह खेल बंद हो गया है. इसे शीघ्र शुरू करें. उन्होंने कुलपति से मांग की है कि उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया, तो एक माह बाद कुलपति कार्यालय के बाहर वह धरना पर बैठ जायेंगे.
रिश्वत मामले में जांच कराने की मांग
सदन में एक शिक्षक द्वारा प्रभारी वित्तीय अधिकारी डॉ सरोज कुमार राय पर रिश्वत मांगने का लगा आरोप मामले में सदस्य ने जांच कराने की मांग कुलपति से की है. एरियर भुगतान को लेकर सबौर कॉलेज के कॉमर्स विभाग के शिक्षक प्रो अजय कुमार झा ने प्रभारी वित्तीय अधिकारी पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था.
गाड़ी मामले में वीसी ने कहा, मैंने पूर्व प्रोवीसी का नाम नहीं लिया
बैठक में गाड़ी खरीद का मामला छाया रहा. कुलपति ने कहा कि मैं कभी भी पूर्व प्रोवीसी का नाम नहीं लिया. पुलिस जांच में उनका नाम आया है. सदन में भी मैं उनका नाम नहीं ले रहा हूं. सदस्य डॉ दयानंद राय, डॉ अर्जुन प्रसाद, प्रो राम बचन सिंह सहित कई सदस्यों ने गाड़ी खरीद मामले में पूर्व प्रोवीसी प्रो एके राय को निर्दोष बताया. कहा कि पूर्व प्रोवीसी एक विद्वान शिक्षक है. उन पर गलत आरोप लगाया जा रहा है. कहा कि गाड़ी खरीदने का अधिकार तो वीसी को है.
15 मार्च तक होगी अतिथि व्याख्याता की नियुक्ति
विवि में अतिथि व्याख्याता की नियुक्ति को लेकर सदन गर्म रहा. कुलपति प्रो झा ने सदन में कहा कि अतिथि व्याख्याता की नियुक्ति को लेकर राजभवन के प्रधान सचिव से बात हुई थी. वेतन भुगतान आंतरिक स्रोत से करने की बात कर रहे थे. विवि के आंतरिक स्रोत के खजाना में पैसा नहीं है. प्रधान सचिव ने कहा कि सरकार से बात करेंगे. तीन से चार दिन में निर्णय आ सकता है. 15 मार्च तक नियुक्ति संबंधित प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी.

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