दबंगों के कब्जे में सैदपुर घाट

जगदीशपुर: प्रतिबंधित सैदपुर घाट पर दबंगों, अपराधियों व रंगदारों का का कब्जा है. यहां अवैध खनन के साथ बालू उठाने वाले ट्रैक्टरों से अवैध वसूली की जारती है. प्रति ट्रिप ट्रैक्टर से दो से चार सौ रुपये तक वसूले जाते हैं. चूंकि ट्रैक्टर वाले खुद भी अवैध बालू के खनन में लगे हैं, इसलिए वे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 7, 2014 10:16 AM

जगदीशपुर: प्रतिबंधित सैदपुर घाट पर दबंगों, अपराधियों व रंगदारों का का कब्जा है. यहां अवैध खनन के साथ बालू उठाने वाले ट्रैक्टरों से अवैध वसूली की जारती है. प्रति ट्रिप ट्रैक्टर से दो से चार सौ रुपये तक वसूले जाते हैं.

चूंकि ट्रैक्टर वाले खुद भी अवैध बालू के खनन में लगे हैं, इसलिए वे इसकी शिकायत भी नहीं कर सकते. बंदोबस्ती के समय भी दबंगों द्वारा चालान के अलावा प्रति ट्रैक्टर दो सौ की रंगदारी वसूली जाती थी. लेकिन, डर से ट्रैक्टर चालक इसका विरोध नहीं कर पाते थे. घाट पर स्थानीय दबंगों के साथ दूसरे क्षेत्र के अपराधी भी वसूली कर रहे हैं. बताया जाता है कि एक दिन में कम से कम 50 से 60 हजार रुपये की वसूली होती है. वसूली के बाद शाम को सभी एकत्रित होकर अवैध वसूली का बंटवारा करते हैं. सूत्रों की मानें तो अवैध वसूली का एक हिस्सा पुलिस प्रशासन तक भी पहुंच रहा है.

घाट पर कब्जा के लिए होता है संघर्ष. कई बार घाट पर कब्जा जमाने के लिए खूनी संघर्ष की नौबत तक आयी है. दर्जनों बार घाट पर कब्जा जमाने के लिए फायरिंग की घटनाएं हो चुकी हैं. बालू घाट की काली कमाई पर अधिकार के लिए यहां कभी भी बड़ी हिंसक वारदात हो सकती है.

विवाद सुलझाता है बालू किंग. सूत्र बताते हैं कि जब घाट पर कब्जा को लेकर दबंगों के बीच टकराव होता है, तो क्षेत्र का चर्चित बालू माफिया उनके बीच के विवाद को सुलझाता है. बालू माफिया को लोग बालू किंग के नाम से जानते हैं. यह बालू माफिया थाना क्षेत्र से दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक गांव का बताया जाता है. सूत्रों की माने तो बालू किंग की पुलिस प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन तक के अधिकारियों के बीच अच्छी पैठ है. बालू किंग बालू के अवैध धंधेबाजों और अधिकारियों के बीच एक कड़ी का काम करता है.

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