बीमार सबौर को मिली संजीवनी

नो इंट्री. व्यवस्था लागू करने के पहले दिन बदला नजर आया क्षेत्र सबौर : एनएच 80 पर सबौर क्षेत्र में लगी नो इंट्री का सबौर के लोगों ने स्वागत किया है. गुरुवार को नो इंट्री के कारण सड़क पर जाम की समस्या नहीं दिखी. भारी वाहनों के दिन रात परिचालन से लोगों को दुर्घटना की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 23, 2018 6:50 AM

नो इंट्री. व्यवस्था लागू करने के पहले दिन बदला नजर आया क्षेत्र

सबौर : एनएच 80 पर सबौर क्षेत्र में लगी नो इंट्री का सबौर के लोगों ने स्वागत किया है. गुरुवार को नो इंट्री के कारण सड़क पर जाम की समस्या नहीं दिखी. भारी वाहनों के दिन रात परिचालन से लोगों को दुर्घटना की भी आशंका रहती थी. लोग बहुत दिनों से जिला प्रशासन से यहां नो इंट्री की मांग कर रहे थे.
क्या है आदेश. 21 फरवरी को डीएम ने सबौर के ममलखा के पास एवं इधर जीरोमाइल के पास नो इंट्री व्यवस्था लागू करने का आदेश दिया था. गुरुवार से इस व्यवस्था का असर दिखने लगा.
नो इंट्री लगने के बाद सबौर की सड़कों पर अफरा-तफरी नहीं है. अब विद्यालय और अन्य सरकारी कार्यालय के कर्मचारी जाम का बहाना भी नहीं बना सकेंगे. नो इंट्री के समय यदि कोई भारी वाहन गुजरते दिखा तो नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जायेगी. नो इंट्री तोड़ना किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.
ममता प्रिया, बीडीओ सबौर
लोगों ने किया स्वागत
नो इंट्री बीएयू के लिए वरदान जैसा है. 24 फरवरी से देश स्तरीय क्षेत्रीय किसान मेला का आयोजन होगा. इसमें हजारों किसान विभिन्न जिलों से बस से आयेंगें. कई राज्यों के मंत्री एवं अधिकारी की उपस्थिति होगी. सब कुछ रहते हुए भी हम जाम की वजह से बेहतर पहचान नहीं दे पा रहे थे.
डॉ अजय कुमार सिंह, कुलपति बीएयू सबौर
स्कूल की जब बस विद्यालय से निकलती थी तो भगवान से मनाते थे कि सुरक्षित वापस आ जाये. जिला प्रशासन द्वारा उठाये गये कदम की जितनी प्रशंसा किया जाय कम है.
संजय कुमार, निदेशक, दीक्षा इंटरनेशनल स्कूल, वंशीटीकर, सबौर
नो इंट्री का निर्णय हमारे किसान मेला में संजीवनी की तरह काम आयेगा. अब बच्चे समय से स्कूल जा पायेंगे. वहीं रोगियों को भी ससमय चिकित्सक के पास ले जाया जा सकेगा.
डॉ आर के सोहाने, प्रसार शिक्षा निदेशक बीएयू सबौर
विद्यालयों में शिक्षक समय से आयेंगे. वहीं दुर्घटनाओं की आशंका भी कम रहेगी. साइकिल पर सवार होकर बच्चियां स्कूल आती जाती हैं. जिला प्रशासन ने बहुत अच्छा कदम उठाया है.
अनिता कुमारी, संचालिका कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय सबौर
विद्यालय जाते वक्त जाम को देख घर में रखी साइकिल का उपयोग नहीं कर पाती हूं. पैदल जाने में काफी परेशानी होती थी. दिन में ट्रकों को रोकने का आदेश डीएम अंकल द्वारा दिया जाना काफी अच्छा लगा. अब हम ससमय स्कूल जा पायेंगे.
काजल कुमारी, छात्रा, बाबूपुर सबौर
सबौर में नो इंट्री लगाकर सरकार ने सबौर के रूकती सांसों को नई जिंदगी दे दिया है. इसके लिए डीएम साहब की शब्दों में तारीफ करना संभव नहीं है.
शिल्पा राय, समाज सेवी सबौर
दिन में भारी वाहनों के परिचालन से दरवाजा हर वक्त बंद रहता था. उस पर बच्चों को अक्सर इंफेक्शन के कारण सर्दी व जुकाम, फीबर आदी हो जाया करता थी. जिलाधिकारी का निर्णय स्वागतोयोग्य है.
आरती कुमारी, गृहणी, सबौर
कहते हैं स्थानीय अधिकारी
नो इंट्री पर त्वरित अमल प्रारंभ कर दिया गया है. ममलखा के उस पार ट्रकों को वहीं खड़ा किया गया है. नाे इंट्री के समय किसी भी परिस्थिति में भारी वाहनों को सबौर में प्रवेश नहीं करने दिया जायेगा.
राजीव कुमार, थानाध्यक्ष सबौर

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