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मानिक सरकार घाट पर शव बरामद
दोनों बेटों ने पहुंच कर की पिता के शव की पहचान 20 फरवरी से थे लापता पुत्र डॉ पवन ने दी थी जोगसर पुलिस को सूचना भागलपुर : जोगसर थाना क्षेत्र के मानिक सरकार घाट पर जमुनिया नदी में शुक्रवार शाम वृद्ध व्यक्ति का शव मिलने से इलाके में सनसनी फैल गयी. शव की पहचान […]
दोनों बेटों ने पहुंच कर की पिता के शव की पहचान
20 फरवरी से थे लापता पुत्र डॉ पवन ने दी थी जोगसर पुलिस को सूचना
भागलपुर : जोगसर थाना क्षेत्र के मानिक सरकार घाट पर जमुनिया नदी में शुक्रवार शाम वृद्ध व्यक्ति का शव मिलने से इलाके में सनसनी फैल गयी. शव की पहचान परिजनों ने तीन दिन से लापता सखीचंद घाट निवासी रिटायर हेडमास्टर पंचानंद सिंह (80) के रूप में की. मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर देर शाम ही पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
शुक्रवार शाम करीब पांच बजे घाट किनारे कुछ मजदूरों ने मानिक सरकार घाट किनारे पानी में एक शव देखा. जिसके बाद उन्होंने इस बात की सूचना जोगसर पुलिस को दी. पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर शव को पानी से बाहर निकलवाया. वहीं जोगसर थानाध्यक्ष ने अपने मोबाइल में मौजूद एक गुमशुदा वृद्ध व्यक्ति की फोटो से मिलान की. जिसके बाद उन्होंने उक्त व्यक्ति की गुमशुदगी का रिपोर्ट दर्ज करवाने वाले डॉ पवन सिंह कुशवाहा को फोन कर इसकी जानकारी दी.
कुछ ही देर बाद डॉ पवन सिंह कुशवाहा अपने छोटे भाई शंभू कुमार के साथ मानिक सरकार घाट पहुंचे. जहां उन्होंने शव की पहचान अपने लापता पिता पंचानंद सिंह के रूप में की. थानाध्यक्ष मनीष कुमार ने बताया कि प्रथम दृष्ट्या मामला आत्महत्या का लग रहा है. शव पर कहीं भी चोट या जख्म के निशान नहीं मिले हैं. मिली जानकारी के अनुसार मृत व्यक्ति विगत कुछ सालों से डिप्रशन के शिकार थे. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का पता चल पायेगा.
बड़े बेटे डॉ पवन सिंह कुशवाहा ने बताया कि विगत 20 फरवरी 2018 को दोपहर दो बजे उनके पिता घर से निकले थे. जिसके बाद शाम पांच बजे तक जब वह घर नहीं लौटे तो उन्होंने उनकी खोजबीन शुरू कर दी. पिता का कुछ भी पता नहीं चलने पर उन्होंने रात करीब दस बजे जोगसर थानाध्यक्ष को पिता के गुमशुदगी का लिखित आवेदन दिया था.
उन्होंने बताया कि उनके पिता वर्ष 2000 में असरगंज स्थित सीता देवी उच्च विद्यालय से प्रधानाध्यापक के पद से सेवानिवृत हुए थे. वहीं 2013 में पत्नी के देहांत के बाद से ही उनके पिता डिप्रेशन में रहने लगे थे. हर रोज वह नींद की गोली खाकर सोते थे. किसी किसी दिन वह ज्यादा परेशान होने के बाद नींद की दो-तीन गोलियां खा लेते थे.
डॉ पवन ने बताया कि 20 फरवरी को उनके पिता ने अखबार नहीं आने की बात कही. जिसके बाद उन्होंने चौक से अखबार खरीद कर लाकर दिया. उसके बाद ही दोपहर दो बजे वह बिना चप्पल पहने ही धोती और इनर पहनकर घर से निकल गये. घर के सदस्यों को लगा कि वह बम काली स्थान के पास रहने वाले छोटे भाई या बहन के पास गये होंगे.
शारदा झुनझुनवाला इंटर विद्यालय में दे चुके हैं योगदान
पुत्र डॉ पवन ने बताया कि उनके पिता संगीत के शिक्षक थे. 12 सालों तक उन्होंने चुनिहारी टोला स्थित शारदा झुनझुनवाला इंटर स्कूल में बतौर शिक्षक अपना योगदान दिया थे. डॉ पवन सिंह कुशवाहा बिहपुर स्थित दयालपुर उच्च विद्यालय में शिक्षक हैं. वहीं उनके छोटे भाई शंभू कुमार निजी क्षेत्र में जॉब करते हैं.
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