इस साल और पेड़ जलेंगे, शहर के तीनों द्वार पर कूड़े के बीच से गुजरने के लिए रहें तैयार
भागलपुर : इस साल भी शहर में सड़क किनारे लगे पेड़ जलने के आसार है. यही नहीं, आम लोगों को शहर के प्रवेश द्वार से न सिर्फ कूड़े के बीच से इस बार भी गुजरने की मजबूरी होगी, बल्कि कूड़े के टीले और ऊंचे होंगे. वजह यह है कि नगर निगम के बजट में कूड़ा […]
भागलपुर : इस साल भी शहर में सड़क किनारे लगे पेड़ जलने के आसार है. यही नहीं, आम लोगों को शहर के प्रवेश द्वार से न सिर्फ कूड़े के बीच से इस बार भी गुजरने की मजबूरी होगी, बल्कि कूड़े के टीले और ऊंचे होंगे.
वजह यह है कि नगर निगम के बजट में कूड़ा उठाने और ढोने के लिए तो राशि का प्रावधान किया गया है, लेकिन उसे फेंकने के लिए जमीन व प्रबंधन के लिए प्लांट की खरीद का प्रावधान नहीं किया गया है. ऐसे में तो शहर से सिर्फ कूड़े का उठाव होगा. उसे उसी तरह नगर निगम के कर्मचारी जहां जी करेगा फेंकेंगे और आम लोग उसकी दुर्गंध से परेशान होंगे, जिस तरह अभी तक होते रहे हैं.
पिछले 10-12 साल से नगर निगम कूड़ा डंपिंग जोन के लिए जमीन तलाश रहा है. लेकिन नगर निगम के अधिकारियों को असफलता ही हाथ लगी है.
प्रमंडलीय प्रशासन तक ने जमीन तलाश करने में अपनी ताकत झोंकने की बात कही थी. लेकिन न तो जमीन का मामला सुलझ पाया है और न ही प्लांट ही स्थापित किया जा सका. नतीजा यह हो रहा है कि चंपानाला पुल के पास कूड़े का अंबार लगा है. इसके कारण नदी सूख रही है, खेत बंजर हो रहे हैं और पेड़ जल रहे हैं. दूसरी तरफ जगदीशपुर रोड का भी यही हाल है. तीसरी ओर जेल रोड पर दर्जनों पुराने और हरे-भरे पेड़ जल चुके हैं, सूख चुके हैं.
पिछले साल चार करोड़ का था प्रावधान
वित्तीय वर्ष 2017-18 में कूड़ा डंपिंग यार्ड के लिए चार करोड़ की राशि का प्रावधान किया गया था. लेकिन कूड़ा डंपिंग यार्ड तैयार नहीं हो सका. इस बार बजट से वह भी गायब है.