टीएमबीयू समेत तीन विवि में नयी नियुक्ति व तबादले पर रोक

राजभवन ने टीएमबीयू, बीएनएमयू व मगध विवि को भेजे फैक्स में दिये निर्देश अब शिक्षक व कर्मचारियों का नहीं हो सकेगा मुंगेर से टीएमबीयू स्थानांतरण भागलपुर : तिलकामांझी भागलपुर विवि, बीएनएमयू व मगध विवि किसी तरह की नियुक्ति व तबादला अब नहीं कर सकेंगे. राजभवन ने इस पर रोक लगा दी है. राजभवन के इस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 1, 2018 4:39 AM
राजभवन ने टीएमबीयू, बीएनएमयू व मगध विवि को भेजे फैक्स में दिये निर्देश
अब शिक्षक व कर्मचारियों का नहीं हो सकेगा मुंगेर से टीएमबीयू स्थानांतरण
भागलपुर : तिलकामांझी भागलपुर विवि, बीएनएमयू व मगध विवि किसी तरह की नियुक्ति व तबादला अब नहीं कर सकेंगे. राजभवन ने इस पर रोक लगा दी है.
राजभवन के इस आदेश का फैक्स बुधवार को विवि को मिला. इसमें कहा गया है कि जब तक नया विवि शुरू नहीं हो जाता है, तब तक न तो किसी तरह की नियुक्ति होगी, और न ही कोई स्थानांतरण किया जायेगा. इसकी पुष्टि विवि के एक वरीय अधिकारी ने की है.
अधिकारी ने बताया कि यह रोक इसलिए लगायी गयी है, ताकि नये विवि के अस्तित्व में आने के पहले नियुक्ति और तबादले को लेकर कोई समस्या खड़ी नहीं हो जाये. बीएनएमयू और मगध विवि के लिए यह रोक जल्द खत्म हो सकती है, क्योंकि पूर्णिया विवि जल्द अस्तित्व में आने को है.
पाटलीपुत्र विवि भी इस ओर अग्रसर है. राजभवन के आदेश से टीएमबीयू के लिए परेशानी बढ़ सकती है, क्योंकि इससे अलग होकर बनने जा रहे मुंगेर विवि को लेकर काफी चीजें अबतक तय नहीं है. मुंगेर विवि की प्रक्रिया मार्च तक पूरा हो सकती है.
राजभवन के आदेश से टीएमबीयू में चल रही गेस्ट फैकल्टी की बहाली प्रभावित हो सकती है. वर्तमान में केवल दो ही विषयों के लिए साक्षात्कार लिया गया है. विवि के एक अधिकारी ने बताया कि प्रक्रिया रोक लगने से पहले शुरू हो चुकी है, इसलिए यह प्रभावित नहीं हो सकता है.
नियमित शिक्षकों का तबादला अब नहीं होगा. मुुंगेर विवि के क्षेत्र में पड़ने वाले कॉलेजों में कार्यरत टीएमबीयू के क्षेत्र में आना चाहते है, ऐसे में तबादला नहीं हो सकता है. सिंडिकेट सदस्य डॉ संजीव कुमार सिंह और भुस्टा के अध्यक्ष डॉ डीएन राय ने कुलपति प्रो नलिनी कांत झा से कई बार आग्रह किया था कि जो शिक्षक टीएमबीयू के क्षेत्र में आना चाहते हैं और यहां से जो शिक्षक मुंगेर विवि के क्षेत्र में जाना चाहते हैं, उनसे आवेदन मांग कर उनका तबादला कर दिया जाये.
लेकिन कुलपति ने ऐसा नहीं किया. अब दोनों क्षेत्रों के शिक्षकों को वहीं काम करना होगा, जहां अभी कार्यरत हैं. तबादले के लिए उन्हें अब राजभवन की अनुमति लेनी होगी. अब जो भी स्थानांतरण होना है. राजभवन के आदेश के बाद ही हो सकता है.

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