जाप का रेल से सड़क तक चक्का जाम

नाथनगर : कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा में धांधली के विरोध में जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ता खुल कर केंद्र सरकार के खिलाफ उतर आये. जाप के अध्यक्ष पप्पू यादव के नेतृत्व में जिला अध्यक्ष अशोक आलोक व युवा प्रदेश अध्यक्ष चक्रपाणि हिमांशु सहित सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने रविवार को नाथनगर रेलवे स्टेशन पर रेल चक्का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 5, 2018 5:26 AM
नाथनगर : कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा में धांधली के विरोध में जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ता खुल कर केंद्र सरकार के खिलाफ उतर आये. जाप के अध्यक्ष पप्पू यादव के नेतृत्व में जिला अध्यक्ष अशोक आलोक व युवा प्रदेश अध्यक्ष चक्रपाणि हिमांशु सहित सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने रविवार को नाथनगर रेलवे स्टेशन पर रेल चक्का जाम कर दिया.
इस दौरान 20 मिनट तक जयनगर हावड़ा पैसेंजर को आंदोलनकारियों ने रोके रखा. इसके बाद रेलवे अधिकारी व स्थानीय पुलिस ने स्टेशन प्लेटफाॅर्म एक पर आंदोलन कर रहे कार्यकर्ताओं को समझाकर रेल परिचालन शुरू कराया. फिर सभी कार्यकर्ताओं ने एनएच 80 सुभाष चौक के पास सड़क जाम कर दिया. इस मौके पर जिलाध्यक्ष अशोक आलोक ने बताया कि केंद्र सरकार युवाओं के साथ अत्याचार कर रही है.
प्रत्येक साल दो करोड़ युवाओं को नौकरी देने की बात तो दूर अब एसएससी जैसी नौकरी के आंसर सीट को वायरल कर रही है. उन्होंने एसएससी के आंसर सीट के वायरल होने की जांच सीबीआइ से कराने की मांग की. इसके अलावा नाथनगर स्टेशन पर ओवरब्रिज का नर्मिाण जल्द हो , बंद पड़े रिजर्वेशन काउंटर को पुनः खोला जाये आदि मांग की. मौके पर सूरज कुमार, बिट्टू कुमार, योगेंद्र मंडल, भीम यादव, ओमप्रकाश यादव, अमित, सुमित, चंद्रशेखर आजाद, संजय गुप्ता, संतोष, ब्रजेश सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे.
कभी सेमिनार व सर्वे, तो कभी बैठकों का दौर, 22 माह बीते, धरातल पर काम शून्य
भागलपुर को स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा मई 21016 में हुई थी. देश के 98 शहरों में भागलपुर को शामिल देख इतराये थे सिल्क सिटी वासी. बड़े तामझाम के साथ इसकी लांचिंग भी अधिकारियों ने की. इस दौरान सभी नेताओं व अधिकारियों में इसके श्रेय लेने की होड़ भी मची थी.
सरकार ने पहल करते हुए 300 करोड़ रुपये भी दे दिये, अब जवाबदेही सिर्फ अधिकारियों के जिम्मे आयी कि वे सच में शहर को स्मार्ट बना दें, पर जवाबदेह सक्रिय होने की जगह हो गये निष्क्रिय और अब स्मार्ट सिटी का जलवा सिल्क सिटी के लोगों का मुंह चिढ़ाने लगा है. इतने माह में एक भी काम का धरातल पर नहीं उतरना, एक-दूसरे पर ठीकरा फोड़ना और आम लोग को मूर्ख बनाने की कोशिश जारी है. इस योजना को आईना दिखाने की हमने कोशिश की है.
भागलपुर : भागलपुर का स्मार्ट सिटी के लिए चयन हुए दो वर्ष बीतने को है और अब तक स्मार्ट सिटी योजना एक कदम भी नहीं खिसक पायी है और न ही कोई काम दिख रहा है. अगर दिख रहा है, तो सिर्फ तिलकामांझी चौक पर ट्रैफिक सिग्नल, सैंडिस कंपाउंड में झूले और लाजपत पार्क में वाइ-फाइ.
रिवर फ्रंट होगा विकसित
योजना : गंगा नदी के तट पर रिवर फ्रंट डेवलप करने की योजना है. अब तक सर्वे का काम हुआ. सर्वे के दौरान चंपानाला से लेकर बरारी पुल घाट तक रिवर फ्रंट बनाने की बात हुई थी.
हाल : चंपानाला से बरारी तक गंगा की मूल धार नहीं होने से योजना बदल दी गयी. अब बरारी सीढ़ी घाट से लेकर बाबूपुर गंगा तट तक रिवर फ्रंट डेवलप करने पर विचार हो रहा है. लेकिन बीच में श्मशान घाट की बाधा दूर होने पर विचार नहीं हो पाया है.
सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट
योजना : स्मार्ट सिटी योजना में पहली प्राथमिकता सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की थी. दूसरी ओर इस पर अभी तक हुई बैठकों में सिर्फ चर्चा तक ही यह योजना सीमित है. आम लोगों को कोई लाभ नहीं मिला.
हाल : कभी शाहकुंड तो कभी कनकैथी में कूड़ा डंपिंग यार्ड और सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के लिए जमीन मिलने की बात कही गयी, लेकिन अब तक इस पर प्रशासन की अंतिम मुहर नहीं लग पायी है. इससे शहर के विभिन्न मोहल्ले व शहर के चारों ओर कूड़े-कचरे का ढेर लग रहा है.
स्मार्ट रोड एंड स्ट्रीट
योजना : पहले फेज में तिलकामांझी से मनाली चौक, दूसरे फैज में मनाली चौक से आदमपुर तक स्मार्ट रोड तैयार करने की योजना है. इसमें फुटपाथ, चौड़ी सड़क, कहीं भी पोल नहीं, साइकिल ट्रैक, नाले पर ढक्कन लगाने की योजना है.
हाल : सड़क निर्माण की बात तो छोड़िये, सड़क से बिजली पोल नहीं हट पाये हैं. ऑफिस टाइम, दोपहर और शाम को शहर के चौराहों पर जाम लगना आम बात है.
योजना : शहर के ऐतिहासिक धरोहरों को संवारने की योजना बनी थी. पर्यटकों को आकर्षित करने और अपनी विरासत को संजोने के उद्देश्य पर निर्णय लिया गया. पीडीएमसी के प्रभारी ने टीएमबीयू के इतिहास के शिक्षकों से भी संपर्क किया.
हाल : शहर के एक भी ऐतिहासिक धरोहर को अब तक न तो चिह्नित किया गया है, न ही उनकी सूची बन पायी है. इन प्रक्रियाओं के बाद ही उनको संवारने का काम शुरू हो सकेगा. सारी धरोहर अपने हाल पर है. किसी की दीवारें गिर रही हैं, तो किसी के परिसर झाड़ियों से पटे हैं.

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