तीन लाख का नहीं खुला खाता, 1.11 लाख बिना ‘आधार’

भागलपुर : सरकारी विद्यालयों में लाभुक योजनाओं का लाभ उठाने के लिए नामांकन में गड़बड़ी की पोल खुल गयी है. जिले के 1859 विद्यालयों में पहले से आठवीं कक्षा तक 520888 बच्चे नामांकित हैं, इसमें 367067 बच्चों के पास ही आधार कार्ड है जबकि 42139 ने आवेदन दिया है. इन स्कूलों में 1,11,682 विद्यार्थियों का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 6, 2018 5:09 AM
भागलपुर : सरकारी विद्यालयों में लाभुक योजनाओं का लाभ उठाने के लिए नामांकन में गड़बड़ी की पोल खुल गयी है. जिले के 1859 विद्यालयों में पहले से आठवीं कक्षा तक 520888 बच्चे नामांकित हैं, इसमें 367067 बच्चों के पास ही आधार कार्ड है जबकि 42139 ने आवेदन दिया है.
इन स्कूलों में 1,11,682 विद्यार्थियों का कोई आधार ही नहीं है. सरकारी विद्यालयों में पढ़ रहे पहली से आठवीं कक्षा के 3,01,148 बच्चों का बैंक में खाता नहीं खुल पाया है. अभी तक सिर्फ 2,19,739 छात्र-छात्राओं का ही बैंक अकाउंट खुल पाया है.
नामांकन के बाद हुआ नहीं दीदार, कैसे बने आधार : जिला शिक्षा कार्यालय के मुताबिक बच्चों का आधार कार्ड बनाने के लिए एजेंसी द्वारा कैंप लगाया गया.
विभाग के मुताबिक जिन बच्चों का आधार नहीं बन पाया है उसमें अधिकतर ऐसे बच्चे हैं जिनका नामांकन के बाद दीदार ही नहीं हुआ. फिर इनका आधार कार्ड भला कहां से बनेगा. कहीं स्कूल रुचि नहीं ले रहे, तो कुछ बच्चों के अभिभावक भी दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं. बैंक अकाउंट नहीं खुलने के लिए बैंक अधिकारियों का रवैया भी जिम्मेदार है.
नामांकन के लिए आधार जरूरी नहीं : डीइओ
डीइओ मधुसूदन पासवान ने कहा कि हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार है. आधार कार्ड होना जरूरी है. मगर बिना आधार कार्ड के नामांकन रुक नहीं सकता. ऐसा कोई निर्देश नहीं मिला है कि आधार कार्ड नहीं होने पर नामांकन नहीं हो सकता. लाखों बच्चों के आधार नहीं बन पाये हैं, उन्हें इसके लिए प्रेरित किया जायेगा. सभी बच्चों के बैंक खाता भी खुलवाने का प्रयास होगा.

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