भागलपुर :पूरे जिले में आग बुझाने का जिम्मा, पर खुद ही झुलस रहा अग्निशमन विभाग

दूसरे विभाग की जमीन पर चलता है कार्यालय, संसाधन की है कमी II अंकित आनंद II भागलपुर : चैत माह में चलनेवाली पछुआ हवाओं के साथ ही आगजनी की घटनाओं में बढ़ोतरी की आशंका अभी से सताने लगी है. लेकिन जिस अग्निशमन विभाग के पास आग बुझाने का जिम्मा है, वह खुद ही संसाधनों की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 6, 2018 5:17 AM
दूसरे विभाग की जमीन पर चलता है कार्यालय, संसाधन की है कमी
II अंकित आनंद II
भागलपुर : चैत माह में चलनेवाली पछुआ हवाओं के साथ ही आगजनी की घटनाओं में बढ़ोतरी की आशंका अभी से सताने लगी है. लेकिन जिस अग्निशमन विभाग के पास आग बुझाने का जिम्मा है, वह खुद ही संसाधनों की कमी से झुलस रहा है.
एक तरफ जहां शहर की तंग गलियां अग्निशमन विभाग के लिए चुनौती बनी हुई हैं, वहीं दूसरी तरफ विभाग के पास न तो अपना फंड है और न ही खुद की जमीन. आपदा विभाग की जमीन पर बने अग्निशमन कार्यालय और बैरक की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है. हालांकि अग्निशमन पदाधिकारी का दावा है कि मौजूदा संसाधन शहर में होनेवाली आगजनी की किसी भी घटना को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त हैं.
बता दें कि भागलपुर की अग्निशमन सेवा के पास अपनी खुद की जमीन नहीं है. वर्तमान में खंजरपुर स्थित आपदा विभाग की भूमि पर बने क्वार्टरों में ही अग्निशमन विभाग का कार्यालय और बैरक है.
जिसमें अपनी जान को जोखिम में डाल कर्मचारी रह रहे हैं. वहीं खराब वाहनों और यंत्रों से लेकर कार्यालय में खर्च होनेवाली राशि के लिए भी जिला कार्यालय को अपना फंड नहीं दिया गया है. अग्निशमन पदाधिकारी अपनी जेब से पैसे खर्च कर वाहनों और यंत्रों को ठीक कराते हैं.
इन खर्चों का बिल क्लियर होने में एक से छह माह तक लग जाते हैं. बता दें कि एक गाड़ी के खराब होने पर अमूमन 30 से 50 हजार रुपये का तक खर्च आता है. ऐसे में अगर एक से अधिक वाहन खराब हो जाते हैं तो उसकी मरम्मत के लिए एक माह का इंतजार करना पड़ता है.
शहर की तंग गलियां अग्निशमन के लिए चुनौती. शहर के कई हिस्से ऐसे हैं जहां अग्निशमन विभाग की बड़ी गाड़ियों का पहुंच पाना लगभग नामुमकिन है. ऐसे में शहर में केवल एक छोटे अग्निशमन दमकल का होना विभागीय अनदेखी का जीता जागता सबूत है.
बाजार क्षेत्र का सोनापट्टी हो, लोहापट्टी हो, हड़ियापट्टी हो या कलाली गली ये सभी स्थान आग की घटना के लिए अधिक खतरनाक है, जहां पर फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंचना तो दूर की बात पानी का पाइप पहुंचना भी मुश्किल भरा है. सोनापट्टी की स्थिति मुख्य बाजार में खासकर सोनापट्टी अधिक संवेदनशील है. यहां पर अधिकांश सर्राफा दुकानों में गैस सिलिंडर या केमिकल से चलनेवाला यंत्र होता है, जिससे गहना तैयार किया जाता है. यहां पर पहले भी एक-दो बार आग लग चुकी है.
अबतक अग्नि सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं की गयी. इक्का-दुक्का सर्राफा दुकानों को छोड़ दें तो किसी दुकान में पर्याप्त अग्निशामक यंत्र नहीं है. यहां पर लगभग छोटी-बड़ी 500 से अधिक दुकानें हैं. संकरी गली होने के कारण सामान्य दिनों में भी भीड़ सी स्थिति दिखती है.
उधर हड़ियापट्टी में अधिकतर किराना एवं खाद्यान्न की दुकानें है. इसमें ज्वलनशील पदार्थ के रूप में सरसों तेल व घी की बिक्री की जाती है. यहां पर अतक्रिमण के कारण रास्ता संकरी हो गयी है. यहां भी 500 से अधिक दुकानें है. यहां पर दमकल पहुंचना तो दूर दमकल का पाइप भी पहुंचाने में इतना समय लग जायेगा कि इतने समय में कोई भी दुकान जलकर राख हो जायेगी.
वहीं हड़िया पट्टी के समीप ही कलाली गली, सूता पट्टी व बुधिया गली एक-दूसरे से जुड़ी हुई है. कलाली गली में लगातार ठेले वालों का जाम लगा रहता है. यहां पर भी खाद्यान्न, तेल, मसाला, कपड़ा आदि की 1000 दुकानें हैं. यहां पर पहले भी आग लग चुकी है और आग बुझाना फायर ब्रिगेड के वश की बात नहीं रही. इन संकरी गलियों में भीड़ इतनी होती कि लोगों का पैदल चलना मुश्किल हो जाता है.
जाम भी बनती है बाधा. तंग गलियों के अलावा शहर में लगने वाली जाम भी अग्निशमन विभाग के लिए बड़ी चुनौती है. दिन के वक्त छोटे वाहनों और रात के वक्त बड़े वाहनों की लंबी कतारों की वजह से अकसर दमकल आगजनी वाले स्थल पर देरी से पहुंचता है.
अधिकांश जगहों पर दमकल के पहुंचने तक आग पूरी तरह फैल चुकी होती है. वहीं जाम निबटने के लिए विभाग शहर के दो क्षेत्र में दमकल और अग्निशमन कर्मचारियों की स्थायी तैनाती तैयारी में है.
अग्निशमन पदाधिकारी ने एसएसपी से बात कर दक्षिणी क्षेत्र में मोजाहिदपुर थाना में एक दमकल को स्थायी रूप से खड़ा रखने के लिए आवेदन दिया था. वहीं एसएसपी ने इस आलोक में मोजाहिदपुर में जगह की समस्या को देखते हुए बबरगंज थाना में दमकल को खड़ा करने की सहमति दी है. वहीं औद्योगिक क्षेत्र (बियाडा) में भी अग्निशमन विभाग का दमकल और एक टीम 24 घंटे तैनात रहेगा. इसके अलावा शाहकुंड और लोदीपुर या गोराडीह थाना में भी एक दमकल को स्थायी तौर पर रखने पर विचार किया जा रहा है.
भागलपुर अग्निशमन के पास मौजूद संसाधन
क्षेत्र बड़ी गाड़ी छोटी गाड़ी बल फोन नंबर
भागलपुर 7 1 32 7485805896/97
नवगछिया 2 0 9 7485805902/03
कहलगांव 2 0 9 7485805900/01
सुल्तानगंज 0 1 3 7485805896/97
पीरपैंती 0 1 3 7485805896/97
सबौर 0 1 3 7485805896/97
अमडंडा 0 1 3 7485805896/97
एक साल में आग लगने की घटनाएं
09 अप्रैल 2017 : शाहकुंड में दो दर्जन किसानों के 50 एकड़ खेत में लगी फसल जल गयी. अकबरनगर थाना क्षेत्र के चौर बहियार में 20 बीघा खेत में लगी गेहूं की फसल जल गयी. सबौर के खनकित्ता बहियार में बिजली तार से निकली चिंगारी से 50 एकड़ में लगी फसल राख हो गयी.
10 अप्रैल 2017 : खरीक के फरीदपुर दियारा में आग लगने से 20 एकड़ खेत में लगी फसल जल कर बर्बाद हो गयी. इसके अगले दिन पीरपैंती में दो एकड़ में लगी गेहूं की फसल जल गयी.
18 जनवरी 2017 : बिहपुर प्रखंड के सोनवर्षा के एगरबिग्घी टोला में शाम को करीब चार बजे सिलिंडर फटने से लगी आग में छह घर जल गये. लाखों की संपत्ति जल कर राख हो गयी.
13 जून 2017 : तातारपुर स्थित लाल कोठी पेट्रोल पंप के सामने एक दो मंजिला इमारत के बेसमेंट स्थित साइकिल के गोदाम में भीषण आग लग गयी. इसकी जद में इमारत के दूसरे तल स्थित एक निजी नर्सिंग में भर्ती करीब एक दर्जन मरीज की जान आ गयी थी. इन मरीजों को सीढ़ियों के जरिये बिल्डिंग की छत व खिड़की के जरिये सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया.
14 नवंबर 2016 : ललमटिया थाना क्षेत्र के टमटम चौक में एलपीजी सिलिंडर के पाइप से गैस लीक होने के कारण उसमें आग लगने से एक ही परिवार के चार लोग झुलस गये.
22 जून 2017 : कचहरी चौक से थोड़ी दूरी पर एक होटल के बगलवाली बिल्डिंग में डॉ आशुतोष रंजन के क्लिनिक के नीचे वाले फ्लोर पर आग लगने से क्लिनिक में मौजूद मरीजों के बीच अफरा-तफरी मच गयी. ग्राउंड फ्लोर से धुआं निकलते देख लोग परेशान हो गये. फायर ब्रिगेड की दो गाड़ियों ने आग पर काबू पाया.
17 अगस्त 2017 : नाथनगर थाना क्षेत्र के कुम्हार टोली नयाटोला के महादलित संतोष रजक के घर में गैस सिलिंडर आग लग गयी. स्थानीय लोगों की मदद से आग को बुझाया गया. घर के सभी सामान जलकर राख हो गये.
28 मार्च 2017 : कहलगांव के हाट रोड स्थित मुकेश हार्डवेयर की दुकान में आग लगने से लाखों के सामान जल गये.07 मई 2017 : खलीफाबाग चौक के समीप एक मकान में सामने से गुजर रही बरात में छोड़े गये पटाखे से कारोबारी के मकान की छत पर रखी लकड़ी में आग लग गयी.
शहर के सुदूर हिस्सों में जाने और जाम से होने वाली दिक्कत से निबटने के लिए शहर के चार थानों में दमकल और कर्मचारियों की स्थायी नियुक्ति की सहमति मिल गयी है.
अग्निशमन विभाग की अपनी जमीन और भवन के लिए 23 डिसमिल जमीन अावंटित करने के लिए जिलाधिकारी को पत्र लिखा गया है. विभाग के पास अपना फंड नहीं होने की वजह से मेंटेनेंस पर होने वाले खर्च का बिल बनाकर विभाग को भेजा जाता है. आग से सुरक्षा के लिए समय समय पर जागरूकता अभियान भी चलाया जाता है.
शंभू कुमार सिंह, अग्निशमन पदाधिकारी, भागलपुर

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