भागलपुर : बूंदाबांदी से बदला मौसम का मिजाज

भागलपुर : भागलपुर प्रक्षेत्र में लगातार मौसम बदल रहा है. कभी आसमान में बादल, कभी कड़ी धूप. कभी हवा तेज, तो कभी मौसम में ठंडक हो जाना. बांका क्षेत्र में ओला गिरने से किसानों की परेशानी बढ़ गयी. मौसम बदलने से लोगों के स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है, तो शहर के मोहल्ले में मच्छरों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 6, 2018 5:19 AM
भागलपुर : भागलपुर प्रक्षेत्र में लगातार मौसम बदल रहा है. कभी आसमान में बादल, कभी कड़ी धूप. कभी हवा तेज, तो कभी मौसम में ठंडक हो जाना. बांका क्षेत्र में ओला गिरने से किसानों की परेशानी बढ़ गयी. मौसम बदलने से लोगों के स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है, तो शहर के मोहल्ले में मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है.
मौसम विशेषज्ञ वीरेंद्र कुमार ने बताया कि सोमवार को जिले के विभिन्न स्थानों पर छिटपुट बूंदाबांदी हुई है. मंगलवार को भी बादल छाये रहेंगे.
हालांकि धीरे-धीरे मौसम सामान्य हो जायेगा. सोमवार को अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस था. मंगलवार को अधिकतम तापमान में एक डिग्री की बढ़त की संभावना जतायी गयी है. गुरुवार को दो डिग्री बढ़ोतरी की संभावना है.
न्यूनतम तापमान दो डिग्री तक घट जायेगा. मौसम में बदलाव का कारण पूर्वी उत्तरप्रदेश और पश्चिमी बिहार के बॉर्डर क्षेत्र में निम्न दबाव बढ़ने से हुआ है.
ओला गिरने से 10 फीसदी फसल का नुकसान. भागलपुर प्रमंडल के बांका क्षेत्र में चार दिन पहले ओला गिरने से रबी की फसल को नुकसान हुआ. किसानों ने बताया कि इससे फसल गिर गयी. बाली में पूरा-पूरा दाना नहीं भरेगा और 10 फीसदी फसल को नुकसान पहुंचा है.
शहर को लगा मच्छरों का डंक. शहर की चरमरायी सफाई व्यवस्था से इन दिनों मच्छर का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है. ठंड के जाते ही शहर में बजबजा रहे कूड़े-कचरे में मच्छर बढ़ रहे हैं.
विभिन्न मोहल्ले के लोगों के अनुसार छह-छह माह में फॉगिंग नहीं कराया गया और न ही ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव हुआ. एससी बनर्जी रोड के रवि प्रकाश ने बताया कि डेढ़ वर्षों से नाले की सफाई नहीं हुई है. इससे कूड़े-कचरे का जाम लगा है, इसमें मच्छर पनपते ही जा रहे हैं. धीरे-धीरे मच्छरों का बसेरा होता जा रहा है. वर्षों से इस क्षेत्र में कभी फॉगिंग नहीं हुआ है.
सीसी मुखर्जी लेन आदमपुर के किराना कारोबारी संजय चौधरी ने बताया कि मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है. सड़क पर फैले कूड़े-कचरे को देख कर कोई कह देगा कि शहर की सफाई व्यवस्था बदतर है.

Next Article

Exit mobile version