भागलपुर: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने भागलपुर व बांका के वैसे इलाके में अध्ययन केंद्र खोलने का निर्णय लिया है जहां की अधिकतर आबादी उच्च शिक्षा से वंचित है. इग्नू ने इसके लिए बौंसी, शंभुगंज व ताड़र क्षेत्र का चयन किया है. ये तीनों इलाके नक्सल प्रभावित हैं. बौंसी के सीएम कॉलेज, शंभुगंज के एसएसपीएस कॉलेज व ताड़र के ताड़र कॉलेज में 15 से 20 दिनों के भीतर अध्ययन केंद्र खोले जायेंगे.
यह बातें शुक्रवार को इग्नू के भागलपुर रीजनल सेंटर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में क्षेत्रीय निदेशक एस सौनंद ने कही. उन्होंने कहा कि हाल के वर्षो में प्लस टू की परीक्षा उत्तीर्ण करनेवाले छात्र-छात्राओं को भी उच्च शिक्षा से जोड़ने के लिए इग्नू नामांकन अभियान चलायेगा. इसके तहत घर-घर जाकर ऑन स्पॉट नामांकन किया जायेगा.
इसके बाद संबंधित विद्यार्थियों को एक माह के अंदर स्टडी मेटेरियल उपलब्ध कराया जायेगा. नामांकन अभियान की शुरुआत बौंसी व शंभुगंज से की जायेगी. श्री सौनंद ने कहा कि इग्नू से पढ़ाई करने पर एससीएसटी कोटे के छात्रों को सौ फीसदी छात्रवृत्ति मिलती है. छात्रों को यह लाभ समाज कल्याण विभाग की ओर से मिलता है. बांका के इलाके में एससीएसटी कोटि के लोग अधिक बसे हुए हैं. यहां के अधिकतर छात्र छात्रवृत्ति का लाभ उठा सकेंगे. इन इलाकों में पढ़ाई से ड्रॉप आउट लोग भी इग्नू से उच्च शिक्षा कर सकते हैं. इसके लिए उन्हें छह माह का बीपीपी कोर्स करना होगा.
इसके बाद वे बीए, बीकॉम, बीटीएस, बीएसडब्ल्यू कोर्स कर सकते हैं. श्री सौनंद ने कहा कि उन्होंने बौंसी, शंभुगंज व ताड़र इलाके का सर्वेक्षण किया था. वहां देखा कि अधिकतर लोग 10वीं या 12वीं करने के बाद रोजगार से जुड़ जाते हैं. भारत सरकार भी यह चाह रही है कि ऐसे इलाके में इग्नू का अध्ययन केंद्र खुले ताकि उच्च शिक्षा से कोई वंचित न रहे.