कागज पर थी सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की योजना उपकरण पर खर्च कर दिये 1.5 करोड़ से अधिक

भागलपुर : पिछले एक साल से भागलपुर में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की योजना कागज पर चल रही है, लेकिन योजना के नाम पर स्मार्ट सिटी कंपनी ने 1.5 कराेड़ रुपये से अधिक के उपकरण खरीदे लिये. यह खुलासा स्मार्ट सिटी कंपनी में गड़बड़ी को उजागर करनेवाली ऑडिट की रिपोर्ट में हुआ है. हाल यह है […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 10, 2018 9:10 AM
भागलपुर : पिछले एक साल से भागलपुर में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की योजना कागज पर चल रही है, लेकिन योजना के नाम पर स्मार्ट सिटी कंपनी ने 1.5 कराेड़ रुपये से अधिक के उपकरण खरीदे लिये. यह खुलासा स्मार्ट सिटी कंपनी में गड़बड़ी को उजागर करनेवाली ऑडिट की रिपोर्ट में हुआ है.
हाल यह है कि कंपनी के फंड से खरीदे कुछ उपकरण सड़क पर हैं तो कुछ इधर-उधर रखे हुए हैं. सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का काम शुरू नहीं होने पर निगम के गोदाम में महंगे उपकरण ‘वेस्ट’ की हालत में पड़े हैं. जरूरत से पहले उपकरणों की खरीद की जल्दबाजी भी समझ से परे है.
पिछले वर्ष अप्रैल से जून के बीच में हुई महंगे उपकरणों की खरीद
स्मार्ट सिटी कंपनी में करोड़ों रुपये के महंगे उपकरण की खरीद पिछले वर्ष अप्रैल से जून के बीच की गयी. इस बात की जानकारी तभी पटना मुख्यालय को भी गयी थी, लेकिन उस पर कोई आदेश-निर्देश नहीं हुआ. योजना बनने से पहले उपकरणों की खरीद पूरी तरह पैसों की बर्बादी की ओर इशारा कर रहा है. ऑडिट रिपोर्ट बताते हैं कि प्लांट बनने के बाद जरूरत के हिसाब से उपकरण की खरीद बेहतर होता.
जिम्मेदारी तय न होना भी बना कारण
स्मार्ट सिटी कंपनी की ऑडिट रिपोर्ट में यह भी सुझाव दिया गया कि अलग-अलग काम को लेकर कर्मियों का रोल तय नहीं किया गया है. यह नहीं पता लगा कि किस कमी के लिए कौन कर्मी जिम्मेदार है. इस कारण ऑडिट के दौरान भी कागजात के खोजबीन व अन्य पूछताछ के दौरान दिक्कतों का सामना करना पड़ा.
सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट योजना की स्थिति
पिछले दिनों स्मार्ट सिटी बोर्ड की बैठक में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट योजना के तहत दो जगहों पर जमीनें तय की गयी हैं. इन दो जगहों पर एक पर सूखे कचरे का निस्तारण होगा, तो दूसरी जगह गीले कचरे के निस्तारण को लेकर प्लांट स्थापित होगा. उक्त दोनों जगहों को वर्ष 2018 में चिह्नित करने व आगे की प्रक्रिया पर काम चल रहा है.
कई महंगे उपकरण की खरीद, बगैर बिल के कर दिया भुगतान
ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक, ओडब्ल्यू कंपोस्टर, स्मार्ट प्लास्टिक डस्टबीन, आइ स्वीम व कूड़ा ढोनेवाली रिक्शा का कोई बिल नहीं है. दूसरी ओर इनकी सप्लाई करनेवाली कार्य एजेंसियों को लाखों रुपये तक की राशि दे दी गयी. रोचक बात यह है कि खरीद के एक वर्ष बाद तक भी एजेंसियों का बिल नहीं मिला.
सॉलिड वेस्ट योजना को लेकर इन मशीनों की हुई खरीद : – दो अलग-अलग कंपनी से रोड स्वीपिंग मशीन व मिनी जेट – रिफ्यूज कैपेस्टर – डिसिल्टिंग व मिनी डिसिल्टिंग मशीन – ओडब्ल्यू कंपोस्टर – गैल्वेनाइज बिन 1.1 कम एंड 3.5 कम – कूड़ा ढोनेवाली रिक्शा – सीवरेज लाइन से पानी खींचने वाला वाहन – स्मार्ट प्लास्टिक डस्टबीन – आइ स्विम(सूचना तकनीक का साॅफ्टवेयर)

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