पीडीएमसी ने बनाया गड़बड़ डीपीआर, सुधारने की जगह कर रहा आनाकानी

भागलपुर : भागलपुर शहर को स्मार्ट सिटी घोषित हुए डेढ़ वर्ष से ज्यादा का समय बीत गया है. इसके लिए कार्य करने वाली एजेंसी पीडीएमसी (मुंबई की आइएलएफ) का चयन हुए भी अब एक साल होने को है. इस प्रकृया के दौरान सब खुश थे कि अब स्मार्ट रोड बनेगा. शहर बदला-बदला सा नजर आयेगा. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 26, 2018 9:24 AM
भागलपुर : भागलपुर शहर को स्मार्ट सिटी घोषित हुए डेढ़ वर्ष से ज्यादा का समय बीत गया है. इसके लिए कार्य करने वाली एजेंसी पीडीएमसी (मुंबई की आइएलएफ) का चयन हुए भी अब एक साल होने को है. इस प्रकृया के दौरान सब खुश थे कि अब स्मार्ट रोड बनेगा. शहर बदला-बदला सा नजर आयेगा. मगर, ऐसा कोई बदलाव नजर नहीं आ रहा है.
इसको लेकर हाल ही में प्रमंडलीय आयुक्त की बैठक में एजेंसी सहित निगम को फटकार लगी थी. इसके बावजूद कंसल्टेंट एजेंसी की कार्यशैली नहीं सुधर रही. इसके काम की स्थिति की एक बानगी तिलकामांझी से घूरनपीर बाबा चौक तक की एक किमी लंबी सड़क है. यह वही पहली सड़क है, जिसको साल भर पहले स्मार्ट सिटी फंड से स्मार्ट बनाने के लिए चुना गया था. पिछले एक साल से स्मार्ट रोड पर चल रही रस्साकशी का अब जब असर दिखना शुरू हुआ, तो कार्य कराने वाली कंसल्टेंट एजेंसी ने डीपीआर में ही गड़बड़ी कर दी है.
इसकी जानकारी तब मिली जब पीडब्ल्यूडी ने डीपीआर की गड़बड़ पकड़ी. इस पर उन्होंने पीडीएमसी को इसे सुधारने कहा. जानकारी के अनुसार इस पर पीडीएमसी के लोगों ने दो टूक जवाब दिया कि देखेंगे. बावजूद इसके पीडब्ल्यूडी के अधिकारी उनसे सुधार करने के लिए कहते रहे.
अब जब उन्होंने सुधार नहीं किया और न ही कोई सही जवाब दे सके, तो परेशान पीडब्ल्यूडी ने नगर आयुक्त से इस बात की लिखित शिकायत की है. उन्होंने कमिश्नर को कहा है कि यही रवैया रहा तो कतई नहीं बनेगा स्मार्ट रोड. जानकारी के अनुसार इसके बावजूद अभी तक संज्ञान नहीं लिया गया है और न ही इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाया जा सका है. बता दें कि डीपीआर लगभग नौ करोड़ की बनी थी और यह अब धूल फांक रही है. जानकारों के अनुसार ऐसे में काम हीं नहीं होगा.
यहां फंसा है पेच : बिजली तार-पोल को शिफ्टिंग के लिए सरकारी बिजली कंपनी एस्टिमेट तैयार तो कर रही है, मगर अभी तक सौंपा नहीं जा सका है. वही, पाइपलाइन के लिए कोई एस्टिमेट नहीं मिला है. दोनों कार्यों का एस्टिमेट मिलने पर आगे की कार्य पर प्रगति नजर आयेगी.
तिलकामांझी से घूरनपीर बाबा चौक तक रोड को स्मार्ट रोड बनाने के लिए सबसे पहले अतिक्रमण से मुक्त कराना होगा. रोड के दोनों ओर कब्जा जमाये ठेला हटाने होंगे. रोड के दोनों ओर मार्किंग करानी होगी, हरियाली बढ़ानी होगी. फूलों के पौैधे लगाने होंगे. तभी लोगों को इस रोड पर चलने का सुखद एहसास हो सकेगा. मगर, अभी तक न तो बिजली पोल व तार शिफ्टिंग पर काम शुरू हो सका है और न ही वन पर्यावरण विभाग से अनुमति ली गयी है.
जानें, किस तरह की हुई है गड़बड़ी : पीडब्ल्यूडी के अनुसार डीपीआर में कई तरह की खामियां हैं. सबसे बड़ी खामी सड़क की चौड़ाई को लेकर है. इसमें कई ऐसे महत्वपूर्ण कार्य हैं, जिसको डीपीआर में शामिल ही नहीं किया गया है.
तिकामांझी से घूरनपीर बाबा चौक तक रोड निर्माण के लिए कंसल्टेंट एजेंसी पीडीएमसी से जो पहले नौ करोड़ का डीपीआर मिला, उसमें कई गड़बड़ियां है. उन्हें सुधार करने के लिए कई बार कहा गया. हर बार कोई न कोई कारण बता टालता रहा है. परेशान होकर नगर आयुक्त से लिखित शिकायत की है. मगर, अभी तक इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया है. ऐसे तो स्मार्ट रोड बनने से रहा.
रामसकल सिंह, कार्यपालक अभियंता, पथ निर्माण विभाग कार्य प्रमंडल, भागलपुर

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