“84 के िलए बेकार कर दी 2.40 लाख की रेडिएंट वार्मर मशीन

रोज बच्चे हो रहे हल्कान परीजन परेशान भागलपुर : करीब एक माह से जेएलएनएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड में रेडिएंट वार्मर रूम पूरी तरह से बन कर तैयार है. वायरिंग होने के बाद इसमें 2.40 लाख रुपये के आधा दर्जन रेडिएंट वार्मर भी बाहर से मंगा कर लगा दिया गया है. लेकिन इसमें बिजली का कनेक्शन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 27, 2018 4:35 AM

रोज बच्चे हो रहे हल्कान परीजन परेशान

भागलपुर : करीब एक माह से जेएलएनएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड में रेडिएंट वार्मर रूम पूरी तरह से बन कर तैयार है. वायरिंग होने के बाद इसमें 2.40 लाख रुपये के आधा दर्जन रेडिएंट वार्मर भी बाहर से मंगा कर लगा दिया गया है. लेकिन इसमें बिजली का कनेक्शन न दिये जाने के कारण यहां पर इलाज के लिए भर्ती होने वाले नवजात रेडिएंट वार्मर के लिए चार-चार दिन तक इंतजार करने को मजबूर हो रहे हैं. जबकि इन रेडिएंट वार्मर में कनेक्शन देने के लिए महज 84 रुपये का ही खर्च आयेगा.
इलाजरत नवजातों लगती है लाइन : जेएलएनएमसीएच के पीडियाट्रिक्स वार्ड में हर रोज लो बर्थ वेट(कम वजन), प्री मेच्योर व हाइपोथर्मिया के शिकार आैसतन आधा दर्जन नवजात इमरजेंसी के पीडियाट्रिक्स वार्ड में भर्ती हो रहे हैं. और यहां के रिससिटेशन रुम में रखे इकलौते रेडिएंट वार्मर के खाली होने का इंतजार कर रहे हैं. बावजूद इस रूम में रखे गये आधा दर्जन रेडिएंट वार्मर में बिजली का सॉकेट तक नहीं लगाया जा सका है. इससे ये मशीनें शो पीस बन कर पड़ी हैं.
इन-इन नवजातों को होती है रेडिएंट वार्मर की जरूरत: पीजी शिशु रोग विभाग जेएलएनएमसीएच के अध्यक्ष डॉ आरके सिन्हा बताते हैं कि समय से पूर्व जन्मे नवजात (प्री मेच्योर इन्फैंट)का शरीर बाहर के तापमान से सामंजस्य नहीं बैठा पाता है. उन्हें रेडिएंट वार्मर में रखा जाता है. साथ ही हाइपोथर्मिया के शिकार नवजातों के मस्तिष्क, फेफड़ा आदि काम करना बंद करने लगते हैं, ऐसे में उन्हें रेडिएंट वार्मर में रखा जाता है. इस समय पीजी शिशु रोग विभाग में कुल मौजूद रेडिएंट वार्मर में से 12 रेडिएंट वार्मर चालू अवस्था में है. जबकि यहां पर हर रोज करीब लो वेट बर्थ, प्री मेच्योर नवजात व हाइपोथर्मिया के शिकार 15 से 16 नवजात शिशु इलाज के लिए भर्ती होते हैं. इसका परिणाम यह हो रहा है कि जिन नवजात शिशुओं को रेडिएंट वार्मर नहीं मिलता है उनके इलाज के लिए वैकल्पिक उपायों का सहारा लिया जा रहा है. गर्म कपड़ा, कंबल, गर्म पानी के बैग के जरिये उनके शरीर को गर्म किया जाता है.
हाल जेएलएनएमसीएच का
मंगलवार काे ही रेडिएंट वार्मर कक्ष का निरीक्षण मैंने किया है. यहां की कमी को दूर किया जायेगा. बुधवार से रेडिएंट वार्मर चालू करा दिया जायेगा.
डॉ आरसी मंडल, अधीक्षक जेएलएनएमसीएच भागलपुर

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