‘धोखे’ ने ली दो जानें

भागलपुर : ‘धोखा’ लोगों की जान पर बन रहा है. रविवार को धोखे ने दो युवक-युवतियों की जान ले ली. दोनों युवक-युवतियों ने दवा के धोखे में कीटनाशक पी लिया. इससे जेएलएनएमसीएच में दोनों की मौत हो गयी. घटना से दोनों के परिजन सदमे में हैं. पहली घटना नवगछिया थाना क्षेत्र के पकरा आचार्य टोला […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 12, 2014 3:23 AM

भागलपुर : ‘धोखा’ लोगों की जान पर बन रहा है. रविवार को धोखे ने दो युवक-युवतियों की जान ले ली. दोनों युवक-युवतियों ने दवा के धोखे में कीटनाशक पी लिया. इससे जेएलएनएमसीएच में दोनों की मौत हो गयी. घटना से दोनों के परिजन सदमे में हैं.

पहली घटना

नवगछिया थाना क्षेत्र के पकरा आचार्य टोला में श्रवण कुमार (19) ने शनिवार को कीटनाशक पी लिया, जिससे उसकी मौत हो गयी. परिजनों ने बताया कि पेट दर्द होने के बाद श्रवण ने दवा पी. जहां दवा रखी हुई थी, वहीं कीटनाशक भी था. नतीजतन दवा के धोखे में जहर पी लिया. युवक की हालत बिगड़ी तो उसे जेएलएनएमसीएच में भरती कराया, जहां उसकी मौत हो गयी.

दूसरी घटना

कहलगांव बाजार निवासी शशि भूषण शर्मा की पुत्री रूबी कुमारी (21) ने भी पानी के धोखे में कीटनाशक पी लिया. इससे उसकी मौत हो गयी. परिजनों ने बताया कि शुक्रवार की सुबह बाल्टी में कीटनाशक घोल कर घर में रखा हुआ था. इसे मिरची के पौधे में देना था. रूबी सुबह में जगी और पानी के धोखे में बाल्टी में रखा कीटनाशक घोल पी लिया. परिजनों ने तुरंत उसे एनटीपीसी में भरती कराया. लेकिन हालत बिगड़ने के कारण उसे जेएलएनएमसीएच भेज दिया गया. जहां इलाज के दौरान रविवार को उसकी मौत हो गयी.

बढ़ रही है तादाद

भूलवश या धोखे से जहर खाने वालों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है. इसमें 20 से 35 वर्ष के सबसे ज्यादा युवा शामिल हैं. जहर खाने वाले ज्यादातर युवक-युवक (जो बच जाते हैं) पुलिस को बताते हैं कि कीटनाशक और दवा एक साथ रखी हुई थी. दवा के धोखे में भूलवश कीटनाशक पी लिया, जबकि सच कुछ और होता है.

नहीं होता इलाज

अगर कोई आत्महत्या करने का प्रयास करता है और वह बच जाता है तो परिजन उसका प्रोपर इलाज नहीं कराते हैं. अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद पीड़ित व्यक्ति के प्रति परिजनों की सहानुभूति खत्म हो जाती है. जबकि ऐसे युवाओं को तुरंत मनोचिकित्सक के पास ले जाना चाहिए, जो नहीं होता है. आत्महत्या का प्रयास करने वाले युवाओं की काउंसेलिंग तक परिजन नहीं करवाते हैं.

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