कमजोर पड़ रहा पुलिस का सूचना तंत्र, अपराधी पड़ रहे भारी
भागलपुर : भागलपुर में हुए कई अपराध के बाद पुलिस सीसीटीवी कैमरे फुटेज के आधार पर अपराधियों की पहचान करने का दावा करती रही है. इस दावे का सच कुछ और ही है. फुटेज में आदमी तो दिखता है पर इसे कोई पहचान नहीं पाता है. तिलकामांझी थाना अंतर्गत भीखनपुर के समीप एक अपार्टमेंट में […]
भागलपुर : भागलपुर में हुए कई अपराध के बाद पुलिस सीसीटीवी कैमरे फुटेज के आधार पर अपराधियों की पहचान करने का दावा करती रही है. इस दावे का सच कुछ और ही है. फुटेज में आदमी तो दिखता है पर इसे कोई पहचान नहीं पाता है.
तिलकामांझी थाना अंतर्गत भीखनपुर के समीप एक अपार्टमेंट में प्रभात खबर के यूनिट हेड श्याम बथवाल के घर लूट को अंजाम दिया गया था. इसमें शामिल अपराधियों की तस्वीर सीसीटीवी कैमरा में स्पष्ट कैद है. पुलिस के पास सभी आरोपितों की न केवल तस्वीर है बल्कि अन्य जानकारी भी उपलब्ध है. इसके बाद पुलिस आज तक सभी की गिरफ्तारी का दावा ही कर रही है. इसको लेकर एक दिन पुलिस ने कई जगहों पर छापेमारी की लेकिन सफलता नहीं मिली.
मामलों का नहीं होता खुलासा
शहर में आधे दर्जन से ज्यादा हत्या व लूट मामले में पुलिस के हाथ सीसीटीवी कैमरा का फुटेज हाथ लगा था. लेकिन इससे मामले के खुलासे में सहायता नहीं मिली. साल 2017 में पेट्रोल पंप मैनेजर जयकिशन शर्मा की हत्या हुई थी. हत्या को शूटर ने अंजाम दिया था. सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद पुलिस ने दावा किया था कि शूटर की पहचान हो चुकी है.
इस मामले में अब तक शूटर पुलिस पकड़ से बाहर है. वहीं वकील मजरूल हक उर्फ आरजू की हत्या 2017 में हुई थी. यह मामला भी जमीन से जुड़ा था. आज तक शूटर की पहचान नहीं हो पायी. वहीं रेलवे समपार के समीप अनवर मियां उर्फ काना अनवर की हत्या 2017 में हुई थी. मामला गैंगवार से जुड़ा था. इसमें भी शूटर शामिल थे.
आज तक इसकी हत्या में शामिल शूटर की पहचान नहीं हुई ना ही गिरफ्तारी हुई है. दिवेश हत्या कांड को भी शूटर ने अंजाम दिया था. घटना के एक दशक बाद भी इस मामले में परिजनों को इंसाफ का इंतजार है. कुछ यहीं हाल ओम बाबा हत्या कांड का भी हुआ. वहीं कांग्रेस नेता अमरजीत की हत्या के बाद पुलिस सीसीटीवी कैमरे पर भरोसा कर अपराधियों को गिरफ्तार करने की बात कह रही है.
सामान्य कैमरा अंधेरे में कैसे करेगा अपराधी काे शूट
बिजली पोल समेत कई घरों में लगा सीसीटीवी कैमरा सामान्य कैमरा है. इस कैमरे से रात में फुटेज लेना संभव नहीं है. कई जगह सड़क पर जरूरी लाइट नहीं रहती है.
आखिर क्या हो रही है परेशानी
शहर में लगे सरकारी और निजी सीसीटीवी कैमरा की आंखों में धूल जमी है. उड़ती धूल से कैमरे का लेंस गंदा हो चुका है. कई माह से इसकी सफाई भी नहीं हुई है. इससे साफ फोटो नहीं आता है.