बच्चों पर किया अत्याचार तो जाना पड़ेगा हवालात
भागलपुर : दहेज प्रथा और बाल विवाह रोकने के बाद अब सूबे की पुलिस बच्चों पर हो रहे अत्याचार और क्रूरता को भी रोकेगी. इसको लेकर पुलिस मुख्यालय सख्त है. मुख्यालय द्वारा जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत सभी जिलों की पुलिस को कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. इस संदर्भ में अपराध अनुसंधान विभाग के […]
भागलपुर : दहेज प्रथा और बाल विवाह रोकने के बाद अब सूबे की पुलिस बच्चों पर हो रहे अत्याचार और क्रूरता को भी रोकेगी. इसको लेकर पुलिस मुख्यालय सख्त है. मुख्यालय द्वारा जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत सभी जिलों की पुलिस को कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. इस संदर्भ में अपराध अनुसंधान विभाग के कमजोर वर्ग के आइजी ने सभी जिलों और रेल के एसएसपी और एसपी को पत्र जारी भेजा है.
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा एक वीडियो क्लिप मुख्यालय को भेजा गया था जिसमें एक वर्ष के बालक को धर्म-आस्था के नाम पर जलते हुए कोयले पर रखने की बात सामने आयी थी. इस घटना का संज्ञान लेते हुए मुख्यालय ने बच्चों पर किसी भी कारण से हो रहे क्रूरता के रोकथाम के लिए जुवेनाइल जस्टिस एक्ट (केयर ऑफ प्रोटेक्शन और चिल्ड्रन) एक्ट 2015 की धारा 75 का उल्लेख करते हुए इसके तहत कार्रवाई किये जाने की बात कही गयी है.
मुख्यालय द्वारा सभी एसएसपी और एसपी को अपने अपने क्षेत्राधिकार में बच्चों के प्रति क्रूरता और अत्याचार के मामले में सभी थानाध्यक्षों और ओपी प्रभारी को संबंधित दिशा निर्देश देने को कहा है.
क्या है जेजे एक्ट 2015 की धारा 75
बच्चों पर हमला, अत्याचार, अनाश्रित, दुर्व्यवहार या उसकी उपेक्षा करता या करवाता हो या बच्चे को ऐसा करने पर मजबूर करता हो, या ऐसे बच्चे को अनावश्यक मानसिक या शारीरिक पीड़ा का कारण बनता हो, ऐसा करने या करवाने वाले को एक अवधि के लिए कारावास के साथ दंडनीय होगा जो तीन साल कारावास तक हो सकता है या एक लाख का जुर्माना या दोनों का भागी हो सकता है.