बिजली कटौती से बढ़ीं मुश्किलें दिन-रात परेशान रहा पूरा शहर

भागलपुर : बिजली की अघोषित कटौती से लोगों की मुश्किलें बढ़ गयी है. तीन घंटे पर मिल रही एक घंटे बिजली से लोग बेहाल रहे. दिनभर बेचैनी में बीतने वालों की रातों की नींद भी गायब रही. यह स्थिति शनिवार को भी बनी रहेगी. शहवासियों को अघोषित बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 19, 2018 2:52 AM

भागलपुर : बिजली की अघोषित कटौती से लोगों की मुश्किलें बढ़ गयी है. तीन घंटे पर मिल रही एक घंटे बिजली से लोग बेहाल रहे. दिनभर बेचैनी में बीतने वालों की रातों की नींद भी गायब रही. यह स्थिति शनिवार को भी बनी रहेगी. शहवासियों को अघोषित बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है. शुक्रवार को आवंटन में आयी कमी के चलते शहर में बिजली को लेकर हाहाकर मचा है. सबौर ग्रिड को 80 मेगावाट बिजली मिल रही थी मगर, दोपहर 12.40 बजे से घट कर 50 मेगावाट हो गयी है.

इस कारण पूरे शहर को एक साथ सप्लाई पर ग्रहण लग गया है. शहरी क्षेत्र के आठ में से कोई तीन विद्युत उपकेंद्र बंद रहने लगी है. जिस उपकेंद्रों को बिजली मिल भी रही है, तो फीडरों का लोड कम कर आपूर्ति की जा रही है. इससे बिजली संकट उत्पन्न हुई है. अघोषित कटौती के चलते शहर को 12 घंटे से ज्यादा आपूर्ति नहीं हो सकी. सबसे ज्यादा प्रभावित सिविल सर्जन व टीटीसी विद्युत उपकेंद्र से जुड़े इलाके रहे. एक घंटे पर एक ही विद्युत उपकेंद्र को ही बिजली मिल रही है. इस कारण फीडरों की बिजली हर 20 मिनट पर कट रही है. उमस भरी गर्मी के बीच लोगों को कटौती से राहत नहीं मिल रही है, जिसकी वजह से बिजली विभाग खिलाफ भी लोगों में नाराजगी बढ़ती जा रही है.

शिकायत केंद्र ही नहीं तो कैसे मिलेगी जानकारी, उपकेंद्रों का लगाना पड़ा चक्कर : भागलपुर की बिजली अपने हाथों में लेने के बाद से बिजली विभाग ने शहर में एक शिकायत केंद्र तक नहीं खोल सका है तो उससे निर्बाध बिजली की आपूर्ति की कितनी उम्मीद की जा सकती है. इधर, जब अघोषित कटौती का सिलसिला बढ़ने लगा, तो लोगों को यह समझ में नहीं आने लगा कि आखिर कहां से सही जानकारी मिलेगी. किस इंजीनियर का फोन करें, जो उनसे बिजली आने की जानकारी मिलेगी. बिजली मिलने की जानकारी के लिए लोगों को विद्युत उपकेंद्रों तक का चक्कर लगाना पड़ा. आॅपरेटर तक भी इतना ही बता सके कि सबौर ग्रिड से ही बिजली कम मिल रही है. बिजली बढ़ कर मिलेगी, तो आपूर्ति में सुधार होगा.
आवंटन में 30 मेगावाट की आयी कमी, कटौती का सिलसिला बढ़ता ही जा रहा है, आज भी करना पड़ेगा बिजली संकट का सामना
बिजली विभाग की लापरवाही
इधर, बिजली विभाग की तरफ से व्यवस्था में सुधार की बजाय पूरी तरह से लापरवाही बरती जा रही है. आलम यह है कि सब स्टेशनों के फोन रात को उठाया ही नहीं जाता है. इसकी वजह से रात को जब लोग कटौती का कारण जानने चाहते हैं तो उनको कोई जवाब ही कर्मचारियों की तरफ से नहीं मिलता.
आवंटन में कमी, फिर भी मेंटनेंस के लिए बिजली रही बंद : आवंटन में कमी के चलते कट-कटकर मिलने वाली बिजली से लोग परेशान थे ही, मेंटेनेंस के लिए जब विक्रमशिला फीडर को बंद रखा तो लोगों की परेशानी बढ़ कर दोगुनी हो गयी. अलीगंज विद्युत उपकेंद्र के यार्ड में मेंटेनेंस कार्य कारण दोपहर दो बजे से चार बजे तक बिजली बंद रही. लोगों ने कहना रहा है कि आवंटन की कमी से क्या कम परेशानी रही, जो मेंटेनेंस के लिए फीडर को बंद रख लोगों को तकलीफ पहुंचाने का काम किया गया.
सबौर ग्रिड के आवंटन में कमी आयी है. दोपहर 12.40 बजे से 50 मेगावाट ही मिल रही है. थर्मल पावर में तकनीकी कारणों से ऐसा हुआ है. जब आवंटन बढ़ेगा, तो विद्युत उपकेंद्रों की सप्लाई भी बढ़ जायेगी.
सुभाष चंद्र सिंह, सुपरिटेंडेंट इंजीनियर
ट्रांसमिशन सर्किल, सबौर

Next Article

Exit mobile version